"सहस्रबाहु मंदिर": अवतरणों में अंतर
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'''सहस्रबाहु मंदिर''' (अपभ्रंश नाम - सास बहू मंदिर) [[भारत]] के [[मध्य प्रदेश]] राज्य के [[ग्वालियर]] क्षेत्र में स्थित एक 11वीं शताब्दी में निर्मित [[हिन्दू]] [[मन्दिर|मंदिर]] है। यह [[विष्णु]] के पद्मनाभ रूप को समर्पित है और [[ग्वालियर का क़िला|ग्वालियर के किले]] के समीप स्थित है। यहाँ मिले शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण [[कच्छपघात राजवंश]] के राजा महिपाल ने सन् 1093 में किया था। बाद में हुई हिन्दू-मुस्लिम झड़पों में मंदिर को क्षति पहुँची और अब इसके खंडहर हैं।<ref name="Allen1991p211">{{cite book|author=Margaret Prosser Allen|title=Ornament in Indian Architecture|url=https://books.google.com/books?id=vyXxEX5PQH8C |year=1991|publisher=University of Delaware Press|isbn=978-0-87413-399-8|pages=211–212}}</ref><ref name="Kramrisch1946p139">{{cite book|author=Stella Kramrisch|title=The Hindu Temple|url=https://books.google.com/books?id=NNcXrBlI9S0C&pg=PA139|year=1946|publisher=Motilal Banarsidass|isbn=978-81-208-0223-0|pages=139 with footnote 29|access-date=21 जुलाई 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20190809073257/https://books.google.com/books?id=NNcXrBlI9S0C|archive-date=9 अगस्त 2019|url-status=live}}</ref> |
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== इन्हें भी देखें == |
== इन्हें भी देखें == |
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सहस्रबाहु मंदिर, ग्वालियर | |
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(अपभ्रंश नाम - सास बहू मंदिर) | |
धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
देवता | विष्णु, अन्य |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | ग्वालियर दुर्ग |
ज़िला | ग्वालियर ज़िला |
राज्य | मध्य प्रदेश |
देश | भारत |
भौगोलिक निर्देशांक | 26°13′26.2″N 78°10′12.9″E / 26.223944°N 78.170250°Eनिर्देशांक: 26°13′26.2″N 78°10′12.9″E / 26.223944°N 78.170250°E |
वास्तु विवरण | |
शैली | नागर |
निर्माण पूर्ण | 11वीं शताब्दी[1] |
सहस्रबाहु मंदिर (अपभ्रंश नाम - सास बहू मंदिर) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर क्षेत्र में स्थित एक 11वीं शताब्दी में निर्मित हिन्दू मंदिर है। यह विष्णु के पद्मनाभ रूप को समर्पित है और ग्वालियर के किले के समीप स्थित है। यहाँ मिले शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण कच्छपघात राजवंश के राजा महिपाल ने सन् 1093 में किया था। बाद में हुई हिन्दू-मुस्लिम झड़पों में मंदिर को क्षति पहुँची और अब इसके खंडहर हैं।[2][3]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ George Michell (1977). The Hindu Temple: An Introduction to Its Meaning and Forms. University of Chicago Press. पपृ॰ 117 with footnotes. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-226-53230-1. मूल से 4 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जुलाई 2019.
- ↑ Margaret Prosser Allen (1991). Ornament in Indian Architecture. University of Delaware Press. पपृ॰ 211–212. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-87413-399-8.
- ↑ Stella Kramrisch (1946). The Hindu Temple. Motilal Banarsidass. पपृ॰ 139 with footnote 29. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-208-0223-0. मूल से 9 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जुलाई 2019.