"कारईकाल": अवतरणों में अंतर

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'''कराईकल''' (Karaikal) [[भारत]] के [[पुदुच्चेरी (केन्द्र-शासित प्रदेश)|पुरुचेरी]] केन्द्रशासित प्रदेश के [[कराईकल ज़िले]] में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। यह विशेष रूप से मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यह [[चेन्नई]] के दक्षिण से लगभग 300 किलोमीटर और [[पुदुचेरी (नगर)|पांडिचेरी]] से 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जिला तमिलनाडु राज्य के नागपत्तिनम और तिरूवरूर जिले से घिरा हुआ है। कराईकल [[बंगाल की खाड़ी]] पर तटस्थ है।<ref>"[https://books.google.com/books?id=psw6DwAAQBAJ Lonely Planet South India & Kerala]," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394</ref><ref>"[https://books.google.com/books?id=_W0iP0ZWQPgC Tamil Nadu, Human Development Report]," Tamil Nadu Government, Berghahn Books, 2003, ISBN 9788187358145</ref>
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== मुख्य आकर्षण ==
== मुख्य आकर्षण ==
=== अम्बागरत्तूर ===
=== अम्बागरत्तूर ===
कराईकल-पैरालम मार्ग के दक्षिण दिशा में स्थित यह दूसरा बड़ा गांव है। यहां स्थित भद्रकालीयम्मान मंदिर प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भद्रकालीयम्मान को समर्पित है जो कि देवी परशक्ति का अवतार रूप है। पौराणिक कथा के अनुसार इस मंदिर का नाम देवी परशक्ति के नाम पर रखा गया था क्योंकि इस स्थान पर उन्होंने अम्बरन दानव को मारा था। अम्बरन अपनी मृत्यु के समय भैसें के रूप में था। जिस कारण इस घटना की याद में तमिल महीने के बैसाखी के दौरान यहां भैसा को मारा जाता है। प्रत्येक वर्ष मई-जून माह में 12 दिनों तक लगने वाले इस वार्षिक त्यौहार पर हजारों की संख्या में भक्तगण उपस्थित होते हैं।
कारईकाल-पैरालम मार्ग के दक्षिण दिशा में स्थित यह दूसरा बड़ा गांव है। यहां स्थित भद्रकालीयम्मान मंदिर प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भद्रकालीयम्मान को समर्पित है जो कि देवी परशक्ति का अवतार रूप है। पौराणिक कथा के अनुसार इस मंदिर का नाम देवी परशक्ति के नाम पर रखा गया था क्योंकि इस स्थान पर उन्होंने अम्बरन दानव को मारा था। अम्बरन अपनी मृत्यु के समय भैसें के रूप में था। जिस कारण इस घटना की याद में तमिल महीने के बैसाखी के दौरान यहां भैसा को मारा जाता है। प्रत्येक वर्ष मई-जून माह में 12 दिनों तक लगने वाले इस वार्षिक त्यौहार पर हजारों की संख्या में भक्तगण उपस्थित होते हैं।


=== अयिरामकालीयाम्मन मंदिर ===
=== अयिरामकालीयाम्मन मंदिर ===
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=== धर्मपुरम ===
=== धर्मपुरम ===
धर्मपुरम कराईकल के पश्चिम से 1.8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां स्थित श्री यजमुरिनाथेश्‍वर मंदिर काफी सुंदर है। माना जाता कि एक बार यहां संत तिरूगंनासम्बंदर आए थे जिन्होंने पाथिगम कहा गया था।
धर्मपुरम कारईकाल के पश्चिम से 1.8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां स्थित श्री यजमुरिनाथेश्‍वर मंदिर काफी सुंदर है। माना जाता कि एक बार यहां संत तिरूगंनासम्बंदर आए थे जिन्होंने पाथिगम कहा गया था।


=== कराईकल ===
=== कारईकाल ===
कराईकल श्री उप्पिलमनियार, श्री कैलाशनाथर, नित्या कल्याणपरूमल, कराईकल अम्मियार, श्री पर्वतेश्‍वरस्वामी मंदिर और श्री कोथनधर्मस्वामी प्रसिद्ध मंदिरों में से है। इसके अलावा यहां कई वर्षों से मंगनी त्यौहार मनाया जा रहा है।
कारईकाल श्री उप्पिलमनियार, श्री कैलाशनाथर, नित्या कल्याणपरूमल, कारईकाल अम्मियार, श्री पर्वतेश्‍वरस्वामी मंदिर और श्री कोथनधर्मस्वामी प्रसिद्ध मंदिरों में से है। इसके अलावा यहां कई वर्षों से मंगनी त्यौहार मनाया जा रहा है।


=== कराईकोविलपत्तू ===
=== कराईकोविलपत्तू ===
कराईकल के कराईकोविलपत्तू स्थित तिरूतेलीचेरी मंदिर यहां के प्रमुख और प्रसिद्ध मंदिरों में से है। तिरूतेलीचेरी मंदिर उन चार प्रमुख मंदिरों में से हैं जहां संत तिरूगंनासम्बंदर ने श्री पर्वतेश्रेवरस्वामी के सम्मान में पाथिगम प्रस्तुत किया था। यहां मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में सुरासमहारम, विजयदशमी, कड़ाईमुजुक्कू और तिरूवधिराय है।
कारईकाल के कराईकोविलपत्तू स्थित तिरूतेलीचेरी मंदिर यहां के प्रमुख और प्रसिद्ध मंदिरों में से है। तिरूतेलीचेरी मंदिर उन चार प्रमुख मंदिरों में से हैं जहां संत तिरूगंनासम्बंदर ने श्री पर्वतेश्रेवरस्वामी के सम्मान में पाथिगम प्रस्तुत किया था। यहां मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में सुरासमहारम, विजयदशमी, कड़ाईमुजुक्कू और तिरूवधिराय है।


=== कासकुड्डी ===
=== कासकुड्डी ===
यह जगह कराईकल- नेदुंगडु मार्ग पर स्थित कराईकल से सात किलोमीटर की दूरी पर है। माना जाता है यहां स्थित श्री वर्धराजा पेरूमल मंदिर करीबन 12वीं शताब्दी का है। इसके अतिरिक्त यहां एक पुराना स्मारक भी स्थित है। मंदिर में वेकुंडा एकादशी और मासी मगाम त्यौहारों को पूरी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर हजारों की संख्या में आस-पास के गांव के भक्तगण त्यौहार में सम्मिलित होते हैं। जबकि श्री नागनाथस्वामी मंदिर में मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में तिरूवातिराई, चित्तीराई और मासी मगाम आदि प्रसिद्ध है।
यह जगह कारईकाल- नेदुंगडु मार्ग पर स्थित कारईकाल से सात किलोमीटर की दूरी पर है। माना जाता है यहां स्थित श्री वर्धराजा पेरूमल मंदिर करीबन 12वीं शताब्दी का है। इसके अतिरिक्त यहां एक पुराना स्मारक भी स्थित है। मंदिर में वेकुंडा एकादशी और मासी मगाम त्यौहारों को पूरी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर हजारों की संख्या में आस-पास के गांव के भक्तगण त्यौहार में सम्मिलित होते हैं। जबकि श्री नागनाथस्वामी मंदिर में मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में तिरूवातिराई, चित्तीराई और मासी मगाम आदि प्रसिद्ध है।


=== ऑवर लेडी एंगल चर्च ===
=== ऑवर लेडी एंगल चर्च ===
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=== श्री तिरूमेनीयाजगरस्वामी मंदिर ===
=== श्री तिरूमेनीयाजगरस्वामी मंदिर ===
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। श्री तिरूमेनीयाजगरस्वामी मंदिर कराईकल के विशिष्ट चिन्ह के रूप में जाना जाता है। यहां भगवान शिव को सुंदरेश्‍वर और उनकी पत्‍नी देवी पार्वती को सौन्दर्यान्यागी के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर विशेष रूप से यहां स्थित 45 फीट ऊंची शिकारा या राजगोपुरम के लिए जाना जाता है। इसके अलावा मंदिर के परिसर के कई और मंदिर है। यह मंदिर भगवान गणेश, सूर्य, देवी दुर्गा, देवी लक्ष्मी, भगवान कर्तिके, चंडीकेश्‍वर, अय्यानर और पुन्नाईवन्नाथर को समर्पित है। कराईकल पांडिचेरी से 135 किलोमीटर और चैन्नई से 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह तमिलनाडु के नागपत्तिनम और तिरूवरूर जिले से घिरी हुई है।
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। श्री तिरूमेनीयाजगरस्वामी मंदिर कारईकाल के विशिष्ट चिन्ह के रूप में जाना जाता है। यहां भगवान शिव को सुंदरेश्‍वर और उनकी पत्‍नी देवी पार्वती को सौन्दर्यान्यागी के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर विशेष रूप से यहां स्थित 45 फीट ऊंची शिकारा या राजगोपुरम के लिए जाना जाता है। इसके अलावा मंदिर के परिसर के कई और मंदिर है। यह मंदिर भगवान गणेश, सूर्य, देवी दुर्गा, देवी लक्ष्मी, भगवान कर्तिके, चंडीकेश्‍वर, अय्यानर और पुन्नाईवन्नाथर को समर्पित है। कारईकाल पांडिचेरी से 135 किलोमीटर और चैन्नई से 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह तमिलनाडु के नागपत्तिनम और तिरूवरूर जिले से घिरी हुई है।


=== सनीसवार मंदिर ===
=== सनीसवार मंदिर ===
सनीसवार मंदिर कराईकल स्थित तिरूनाल्लर से सिर्फ पांच किलोमीटर की दूरी पर है। इस मंदिर में विशेष रूप से श्री धारबारनेश्‍वार अर्थात् भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके अलावा यहां भगवान सनीसवार (यम) की उपासना की भी जाती है। यह मंदिर भारत के प्रमुख शनि मंदिरों में से एक है।
सनीसवार मंदिर कारईकाल स्थित तिरूनाल्लर से सिर्फ पांच किलोमीटर की दूरी पर है। इस मंदिर में विशेष रूप से श्री धारबारनेश्‍वार अर्थात् भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके अलावा यहां भगवान सनीसवार (यम) की उपासना की भी जाती है। यह मंदिर भारत के प्रमुख शनि मंदिरों में से एक है।


== आवागमन ==
== आवागमन ==
;वायु मार्ग
;वायु मार्ग
सबसे निकटतम हवाई अड्डा [[तिरुचिरापल्ली विमानक्षेत्र|तिरूचिरपल्ली विमानक्षेत्र]] है। तिरूचिरपल्ली से कराईकल 168 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सबसे निकटतम हवाई अड्डा [[तिरुचिरापल्ली विमानक्षेत्र|तिरूचिरपल्ली विमानक्षेत्र]] है। तिरूचिरपल्ली से कारईकाल 168 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।


;रेल मार्ग
;रेल मार्ग
सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन नागौर है। यह जगल कराईकल से सिर्फ दस किलोमीटर की दूरी पर है।
सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन नागौर है। यह जगल कारईकाल से सिर्फ दस किलोमीटर की दूरी पर है।


;सड़क मार्ग
;सड़क मार्ग
कराईकल सड़क मार्ग द्वारा चिदम्बरम, मयिलादुरई, कुम्बकोनम, तिरूचिरापल्ली, तिरूवरूर, वेलनकन्नी, नागप्पत्तिनम और नागौर आदि से जुड़ा हुआ है।
कारईकाल सड़क मार्ग द्वारा चिदम्बरम, मयिलादुरई, कुम्बकोनम, तिरूचिरापल्ली, तिरूवरूर, वेलनकन्नी, नागप्पत्तिनम और नागौर आदि से जुड़ा हुआ है।


== इन्हें भी देखें ==
== इन्हें भी देखें ==
* [[कराईकल ज़िला]]
* [[कारईकाल ज़िला]]


== सन्दर्भ ==
== सन्दर्भ ==
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[[श्रेणी:पुदुचेरी के नगर]]
[[श्रेणी:पुदुचेरी के नगर]]
[[श्रेणी:कराईकल ज़िला]]
[[श्रेणी:कारईकाल ज़िला]]
[[श्रेणी:कराईकल ज़िले के नगर]]
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[[श्रेणी:भारत में बंदरगाह नगर‎]]
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[[श्रेणी:कराईकल|*]]
[[श्रेणी:कारईकाल|*]]

08:54, 16 जनवरी 2021 का अवतरण

कारईकाल
Karaikal
காரைக்கால்
{{{type}}}
सरकारी गृह
सरकारी गृह
कारईकाल is located in भारत
कारईकाल
कारईकाल
भारत में स्थिति
निर्देशांक: 10°55′59″N 79°49′55″E / 10.933°N 79.832°E / 10.933; 79.832निर्देशांक: 10°55′59″N 79°49′55″E / 10.933°N 79.832°E / 10.933; 79.832
देश भारत
प्रान्तपुरुचेरी
ज़िलाकारईकाल ज़िला
जनसंख्या (2011)
 • कुल86,838
भाषाएँ
 • प्रचलिततमिल, फ्रान्सीसी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
पिनकोड609602
दूरभाष कोड+91-4368
वाहन पंजीकरणPY 02
वेबसाइटwww.karaikal.gov.in

कारईकाल (Karaikal) भारत के पुरुचेरी केन्द्रशासित प्रदेश के कारईकाल ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। यह विशेष रूप से मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यह चेन्नई के दक्षिण से लगभग 300 किलोमीटर और पांडिचेरी से 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जिला तमिलनाडु राज्य के नागपत्तिनम और तिरूवरूर जिले से घिरा हुआ है। कारईकाल बंगाल की खाड़ी पर तटस्थ है।[1][2]

मुख्य आकर्षण

अम्बागरत्तूर

कारईकाल-पैरालम मार्ग के दक्षिण दिशा में स्थित यह दूसरा बड़ा गांव है। यहां स्थित भद्रकालीयम्मान मंदिर प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भद्रकालीयम्मान को समर्पित है जो कि देवी परशक्ति का अवतार रूप है। पौराणिक कथा के अनुसार इस मंदिर का नाम देवी परशक्ति के नाम पर रखा गया था क्योंकि इस स्थान पर उन्होंने अम्बरन दानव को मारा था। अम्बरन अपनी मृत्यु के समय भैसें के रूप में था। जिस कारण इस घटना की याद में तमिल महीने के बैसाखी के दौरान यहां भैसा को मारा जाता है। प्रत्येक वर्ष मई-जून माह में 12 दिनों तक लगने वाले इस वार्षिक त्यौहार पर हजारों की संख्या में भक्तगण उपस्थित होते हैं।

अयिरामकालीयाम्मन मंदिर

यह मंदिर काराईकल के समीप तिरूमलाईरयानपत्तिनम गांव में स्थित है। अयिरामकालीयाम्मन मंदिर ऐतिहासिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। यह मंदिर देवी अम्मा को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि एक बार किसी पुजारी को समुद्र पर एक चांदी का सन्दूक तैरता हुआ दिखाई पड़ा। इसके साथ ही संदूक में पत्तों पर लिखें कुछ लेख भी मिलें। जिसमें यह लिखा हुआ था कि देवी अम्मा की रोजाना 1000 चीजों से पूजा करनी होगी। गांव वालों के लिए प्रतिदिन 1000 चीजों से पूजा कर पाना सम्भव नहीं था। इसलिए उन्होंने यह निश्चय किया कि देवी अम्मा की पूजा पांच वर्ष में केवल एक बार की जाएगी। पांच वर्ष में एक बार की जाने वाली यह पूजा तमिल माह के बैसाखी के दौरान की जाती है। यह पूजा लगातार तीन दिनों तक चलती हैं। पूजा के बाद संदूक में रखी देवी अम्मा की मूर्ति के हिस्सों को एक-एक कर बाहर निकाला जाता है। यह संदूक पांच वर्ष में केवल एक बार ही खोला जाता हैं।

धर्मपुरम

धर्मपुरम कारईकाल के पश्चिम से 1.8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां स्थित श्री यजमुरिनाथेश्‍वर मंदिर काफी सुंदर है। माना जाता कि एक बार यहां संत तिरूगंनासम्बंदर आए थे जिन्होंने पाथिगम कहा गया था।

कारईकाल

कारईकाल श्री उप्पिलमनियार, श्री कैलाशनाथर, नित्या कल्याणपरूमल, कारईकाल अम्मियार, श्री पर्वतेश्‍वरस्वामी मंदिर और श्री कोथनधर्मस्वामी प्रसिद्ध मंदिरों में से है। इसके अलावा यहां कई वर्षों से मंगनी त्यौहार मनाया जा रहा है।

कराईकोविलपत्तू

कारईकाल के कराईकोविलपत्तू स्थित तिरूतेलीचेरी मंदिर यहां के प्रमुख और प्रसिद्ध मंदिरों में से है। तिरूतेलीचेरी मंदिर उन चार प्रमुख मंदिरों में से हैं जहां संत तिरूगंनासम्बंदर ने श्री पर्वतेश्रेवरस्वामी के सम्मान में पाथिगम प्रस्तुत किया था। यहां मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में सुरासमहारम, विजयदशमी, कड़ाईमुजुक्कू और तिरूवधिराय है।

कासकुड्डी

यह जगह कारईकाल- नेदुंगडु मार्ग पर स्थित कारईकाल से सात किलोमीटर की दूरी पर है। माना जाता है यहां स्थित श्री वर्धराजा पेरूमल मंदिर करीबन 12वीं शताब्दी का है। इसके अतिरिक्त यहां एक पुराना स्मारक भी स्थित है। मंदिर में वेकुंडा एकादशी और मासी मगाम त्यौहारों को पूरी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर हजारों की संख्या में आस-पास के गांव के भक्तगण त्यौहार में सम्मिलित होते हैं। जबकि श्री नागनाथस्वामी मंदिर में मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में तिरूवातिराई, चित्तीराई और मासी मगाम आदि प्रसिद्ध है।

ऑवर लेडी एंगल चर्च

ऑवर लेडी एंगल चर्च काफी पुराना चर्च है। इस चर्च का निर्माण 1740 ई. में करवाया गया था। लेकिन 1828 ई. में इसका पुर्ननिर्माण करवाया गया। प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त के दिन यहां प्रमुख त्यौहार तेत्तरावु माधा मनाया जाता है। जिसका आरम्भ तिरंगा लहरा कर किया जाता है।

श्री तिरूमेनीयाजगरस्वामी मंदिर

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। श्री तिरूमेनीयाजगरस्वामी मंदिर कारईकाल के विशिष्ट चिन्ह के रूप में जाना जाता है। यहां भगवान शिव को सुंदरेश्‍वर और उनकी पत्‍नी देवी पार्वती को सौन्दर्यान्यागी के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर विशेष रूप से यहां स्थित 45 फीट ऊंची शिकारा या राजगोपुरम के लिए जाना जाता है। इसके अलावा मंदिर के परिसर के कई और मंदिर है। यह मंदिर भगवान गणेश, सूर्य, देवी दुर्गा, देवी लक्ष्मी, भगवान कर्तिके, चंडीकेश्‍वर, अय्यानर और पुन्नाईवन्नाथर को समर्पित है। कारईकाल पांडिचेरी से 135 किलोमीटर और चैन्नई से 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह तमिलनाडु के नागपत्तिनम और तिरूवरूर जिले से घिरी हुई है।

सनीसवार मंदिर

सनीसवार मंदिर कारईकाल स्थित तिरूनाल्लर से सिर्फ पांच किलोमीटर की दूरी पर है। इस मंदिर में विशेष रूप से श्री धारबारनेश्‍वार अर्थात् भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके अलावा यहां भगवान सनीसवार (यम) की उपासना की भी जाती है। यह मंदिर भारत के प्रमुख शनि मंदिरों में से एक है।

आवागमन

वायु मार्ग

सबसे निकटतम हवाई अड्डा तिरूचिरपल्ली विमानक्षेत्र है। तिरूचिरपल्ली से कारईकाल 168 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

रेल मार्ग

सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन नागौर है। यह जगल कारईकाल से सिर्फ दस किलोमीटर की दूरी पर है।

सड़क मार्ग

कारईकाल सड़क मार्ग द्वारा चिदम्बरम, मयिलादुरई, कुम्बकोनम, तिरूचिरापल्ली, तिरूवरूर, वेलनकन्नी, नागप्पत्तिनम और नागौर आदि से जुड़ा हुआ है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
  2. "Tamil Nadu, Human Development Report," Tamil Nadu Government, Berghahn Books, 2003, ISBN 9788187358145