"कन्नौज": अवतरणों में अंतर
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{{Infobox settlement |
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| प्रकार = शहर |
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| टिप्पणियाँ = | |
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'''कन्नौज''' (Kannauj) [[भारत]] के [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[कन्नौज ज़िले]] में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। शहर का नाम [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] के '''कान्यकुब्ज''' (Kanyakubja) शब्द से बना है। कन्नौज एक प्राचीन नगरी है एवं कभी [[हिन्दू धर्म|हिंदू]] साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है।<ref>"[https://books.google.com/books?id=qzUqk7TWF4wC Uttar Pradesh in Statistics]," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716</ref><ref>"[https://books.google.com/books?id=S46rbUL6GrMC Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20170423083533/https://books.google.com/books?id=S46rbUL6GrMC |date=23 अप्रैल 2017 }}," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975</ref> |
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⚫ | कन्नौज [[गंगा नदी|गंगा]] के बायीं ओर [[ग्रैंड ट्रंक रोड]] से 3 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। किसी समय गंगा इस नगर के पार्श्व से बहती थी। [[रामायण]] में इस नगर का उल्लेख मिलता है। [[क्लाडियस टॉलमी|तॉलेमी]] ने ईसा के काल में कन्नौज को 'कनोगिज़ा' लिखा है। पाँचवीं शताब्दी में यह [[गुप्त राजवंश|गुप्त साम्राज्य]] का एक प्रमुख नगर था। छठी शताब्दी में श्वेत हूणों के आक्रमण से यह काफी विनिष्ट हो गया था। चीनी यात्री [[ह्वेन त्सांग]], ने, जो [[हर्षवर्धन]] के समय भारत आया था, इस नगर का उल्लेख किया है। 11वीं शताब्दी के आंरभिक काल में मुसलमानों के आक्रमण के कारण यह नगर काफी विनिष्ट हुआ। 1194 ई. में [[मोहम्मद ग़ोरी|मुहम्मद गौरी]] ने इस नगर पर अपना स्वत्व जमाया। 'आइने अकबरी' द्वारा ज्ञात होता है कि [[अकबर]] के समय में यहाँ सरकार का मुख्य कार्यालय था। प्राचीन काल के भग्नावशेष आज भी लगभग छह कि.मी.व्यास के अर्धवृत्तीय क्षेत्र में वर्तमान हैं। कन्नौज अपने मन्दिरो के लिये विशेष जाना जाता है। कन्नौज प्रमुख रुप से सिद्धपीठ बाबा गौरी शंकर मन्दिर एवं सिद्धपीठ माँ फूलमती मंदिर के लिये जाना जाता है। इसके अलावा यहाँ अनेकों मंदिर हैं, जो की इस नगर की छवि कों और आकर्षित बनाते हैं। वर्तमान में कन्नौज नगर पालिका अध्यक्ष माननीय "शैलेन्द्र अग्निहोत्री जी (वंदेमातरम)" हैं। |
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यहाँ के किसानों की मुख्य फसल [[आलू]] है। |
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== इन्हें भी देखें == |
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* [[कन्नौज ज़िला]] |
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== सन्दर्भ == |
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* [http://hindi.business-standard.com/hin/storypage.php?autono=25113 कन्नौज खुशबू से महकेगा जग]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }} |
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[[श्रेणी:कन्नौज ज़िला]] |
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[[श्रेणी:उत्तर प्रदेश के नगर]] |
[[श्रेणी:उत्तर प्रदेश के नगर]] |
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[[श्रेणी:कन्नौज ज़िले के नगर]] |
[[श्रेणी:कन्नौज ज़िले के नगर]] |
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कन्नौज Kannauj | |
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{{{type}}} | |
माता अन्नपूर्ण मंदिर | |
निर्देशांक: 27°04′N 79°55′E / 27.07°N 79.92°Eनिर्देशांक: 27°04′N 79°55′E / 27.07°N 79.92°E | |
देश | भारत |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | कन्नौज ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 84,862 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 209725 |
वाहन पंजीकरण | UP-74 |
वेबसाइट | www |
कन्नौज (Kannauj) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कन्नौज ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। शहर का नाम संस्कृत के कान्यकुब्ज (Kanyakubja) शब्द से बना है। कन्नौज एक प्राचीन नगरी है एवं कभी हिंदू साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है।[1][2]
परिचय
माना जाता है कि कान्यकुब्ज ब्राह्मण मूल रूप से इसी स्थान के हैं। विन्ध्योत्तर निवासी एक ब्राह्मणौंकी समुह है जिनको पंचगौड कहते हैं। उनमें गौड , सारस्वत , औत्कल , मैथिल ,और कान्यकुब्ज है। उनकी ऐसी प्रसिद्ध लोकोक्ति प्रचलित है- "सर्वे द्विजाः कान्यकुब्जाःमागधीं माथुरीं विना" कान्यकुब्जी ब्राह्मण अपनी इतिहासको बचाये रखें | वर्तमान कन्नौज शहर अपने इत्र व्यवसाय के अलावा तंबाकू के व्यापार के लिए मशहूर है। कन्नौज की जनसंख्या २००१ की जनगणना के अनुसार ७१,५३० आंकी गयी थी। यहाँ मुख्य रूप से कन्नौजी भाषा/ कनउजी भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है।
कन्नौज गंगा के बायीं ओर ग्रैंड ट्रंक रोड से 3 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। किसी समय गंगा इस नगर के पार्श्व से बहती थी। रामायण में इस नगर का उल्लेख मिलता है। तॉलेमी ने ईसा के काल में कन्नौज को 'कनोगिज़ा' लिखा है। पाँचवीं शताब्दी में यह गुप्त साम्राज्य का एक प्रमुख नगर था। छठी शताब्दी में श्वेत हूणों के आक्रमण से यह काफी विनिष्ट हो गया था। चीनी यात्री ह्वेन त्सांग, ने, जो हर्षवर्धन के समय भारत आया था, इस नगर का उल्लेख किया है। 11वीं शताब्दी के आंरभिक काल में मुसलमानों के आक्रमण के कारण यह नगर काफी विनिष्ट हुआ। 1194 ई. में मुहम्मद गौरी ने इस नगर पर अपना स्वत्व जमाया। 'आइने अकबरी' द्वारा ज्ञात होता है कि अकबर के समय में यहाँ सरकार का मुख्य कार्यालय था। प्राचीन काल के भग्नावशेष आज भी लगभग छह कि.मी.व्यास के अर्धवृत्तीय क्षेत्र में वर्तमान हैं। कन्नौज अपने मन्दिरो के लिये विशेष जाना जाता है। कन्नौज प्रमुख रुप से सिद्धपीठ बाबा गौरी शंकर मन्दिर एवं सिद्धपीठ माँ फूलमती मंदिर के लिये जाना जाता है। इसके अलावा यहाँ अनेकों मंदिर हैं, जो की इस नगर की छवि कों और आकर्षित बनाते हैं। वर्तमान में कन्नौज नगर पालिका अध्यक्ष माननीय "शैलेन्द्र अग्निहोत्री जी (वंदेमातरम)" हैं।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
- ↑ "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975