"डार्क मैटर": अवतरणों में अंतर

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पामेला नाम के एक यूरोपियन स्पेस प्रोब ने कुछ ऐसे हाई एनर्जी पार्टिकल खोजे हैं, जो हमारी आकाशगंगा के केंद्र से निकले हैं। उनसे निकलने वाला रेडिएशन ठीक उसी तरह का है, जैसा आन्ध्र पदार्थ के लिए तय किया गया था। इस खोज के डिटेल स्वीडन के स्टॉकहोम में आयोजित एक कॉन्फरन्स में रखे गए।
पामेला नाम के एक यूरोपियन स्पेस प्रोब ने कुछ ऐसे हाई एनर्जी पार्टिकल खोजे हैं, जो हमारी आकाशगंगा के केंद्र से निकले हैं। उनसे निकलने वाला रेडिएशन ठीक उसी तरह का है, जैसा आन्ध्र पदार्थ के लिए तय किया गया था। इस खोज के डिटेल स्वीडन के स्टॉकहोम में आयोजित एक कॉन्फरन्स में रखे गए।


गौरतलब है कि, यूरोप में शुरू हुई महामशीन या [[यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन|लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर]] के ढेरों मकसदों में से एक आन्ध्र पदार्थ की खोज करना भी है।
गौरतलब है कि, यूरोप में शुरू हुई महामशीन या [[यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन|लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर]] के ढेरों मकसदों में से एक आन्ध्र पदार्थ की खोज करना भी है।. डार्क मॅटर मे एक अनोखी आकृती बनि होती हे ये वास्तव मी दिखाई नाही देती लेकींन वास्तविकता के परे हे लेकींन। अध्यामिकता की दृष्टी से देखा जाये तोह तिसरा नेत्र जागृत होणे पार हम 4 dimension मे देख सकते हे


== इन्हें भी देखें==
== इन्हें भी देखें==

17:06, 13 दिसम्बर 2020 का अवतरण

खगोलशास्त्र तथा ब्रह्माण्ड विज्ञान में आन्ध्र पदार्थ या डार्क मैटर (dark matter) एक ,प्रायोगिक आधार पर अप्रमाणित परंतु गणितीय आधार पर प्रमाणित, पदार्थ है। इसकी विशेषता है कि अन्य पदार्थ अपने द्वारा उत्सर्जित विकिरण से पहचाने जा सकते हैं किन्तु आन्ध्र पदार्थ अपने द्वारा उत्सर्जित विकिरण से पहचाने नहीं जा सकते। इनके अस्तित्व (presence) का अनुमान दृष्यमान पदार्थों पर इनके द्वारा आरोपित गुरुत्वीय प्रभावों से किया जाता है।

आन्ध्र पदार्थ के बारे में माना जाता है कि इस ब्रह्मांड का 85 प्रतिशत आन्ध्र पदार्थ का ही बना है और यूरोप के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि उन्होंने आन्ध्र पदार्थ खोज निकाला है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आन्ध्र पदार्थ न्यूट्रालिनॉस नाम के कणों या पार्टिकल से बना है।

इसकी खासियत है कि यह साधारण मैटर से कोई क्रिया नहीं करता। हर सेकंड हमारे शरीर के आर-पार हजारों न्यूट्रालिनॉस गुजरते रहते हैं। वे अदृश्य हैं। इसी वजह से हम अंतरिक्ष में मौजूद आन्ध्र पदार्थ के बादल के दूसरी ओर मौजूद आकाशगंगाओं को देख पाते हैं।

पामेला नाम के एक यूरोपियन स्पेस प्रोब ने कुछ ऐसे हाई एनर्जी पार्टिकल खोजे हैं, जो हमारी आकाशगंगा के केंद्र से निकले हैं। उनसे निकलने वाला रेडिएशन ठीक उसी तरह का है, जैसा आन्ध्र पदार्थ के लिए तय किया गया था। इस खोज के डिटेल स्वीडन के स्टॉकहोम में आयोजित एक कॉन्फरन्स में रखे गए।

गौरतलब है कि, यूरोप में शुरू हुई महामशीन या लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर के ढेरों मकसदों में से एक आन्ध्र पदार्थ की खोज करना भी है।. डार्क मॅटर मे एक अनोखी आकृती बनि होती हे ये वास्तव मी दिखाई नाही देती लेकींन वास्तविकता के परे हे लेकींन। अध्यामिकता की दृष्टी से देखा जाये तोह तिसरा नेत्र जागृत होणे पार हम 4 dimension मे देख सकते हे

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

  • ब्रह्माण्ड में मोजूद डार्क मैटर क्या है
  • NASA (2006-08-21). NASA Finds Direct Proof of Dark Matter. प्रेस रिलीज़. http://www.nasa.gov/home/hqnews/2006/aug/HQ_06297_CHANDRA_Dark_Matter.html. 
  • Tuttle, Kelen (August 22, 2006). "Dark Matter Observed". SLAC (Stanford Linear Accelerator Center) Today.
  • "Astronomers claim first 'dark galaxy' find". New Scientist. 2005-02-23.
  • Wikinews:Dark matter galaxy discovered
  • "Dark Matter Detected". Guardian. 2009-12-17.