"हास्य": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
→हास्य रस का उदाहरण: व्याकरण में सुधार टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 10: | पंक्ति 10: | ||
बच्चो को छोड़ेंगे घर पे वही करेंगे हुडदंगा॥ |
बच्चो को छोड़ेंगे घर पे वही करेंगे हुडदंगा॥ |
||
*शीश पर गंगा हंसे, |
*शीश पर गंगा हंसे, |
||
bhujanee में भुजंगा हंसे। |
|||
हास ही के दंगा भयो, |
हास ही के दंगा भयो, |
||
नंगा के विवाह में।। |
नंगा के विवाह में।। |
01:23, 26 नवम्बर 2020 का अवतरण
हास्य 9 रसों में से एक रस है जिसका अर्थ सुखांतक अथवा कामदी होता है। रस का अर्थ एक भाव/आस्वाद से होता है और रस-सिद्धान्त में प्राचीन भारतीय कला जिसमें रंगमंच, संगीत, नृत्य, काव्य और शिल्पकला भी शामिल है।
हास्य रस का उदाहरण
- बन्दर ने कहा बंदरिया से चलो नहाने चले गंगा।
बच्चो को छोड़ेंगे घर पे वही करेंगे हुडदंगा॥
- शीश पर गंगा हंसे,
bhujanee में भुजंगा हंसे।
हास ही के दंगा भयो, नंगा के विवाह में।।