"कुआँ": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो अमित एस. परिहार (Talk) के संपादनों को हटाकर InternetArchiveBot के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
पंक्ति 5: पंक्ति 5:


==कुएँ का अन्य प्रयोग==
==कुएँ का अन्य प्रयोग==
विश्व के कुछ स्थानों पर पेट्रोल और गैस-कुएँ भी मौजूद हैं। यहाँ ज़मीन की खुदाई का काम पूरा करके कई लाख क्यूबिक मीटर गैस का प्रतिदिन उत्पादन किया जाता है।<ref>{{Cite web |url=http://hindi.sputniknews.com/hindi.ruvr.ru/news/2014_04_01/270544314/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 दिसंबर 2015 |archive-url=https://web.archive.org/web/20151211063848/http://hindi.sputniknews.com/hindi.ruvr.ru/news/2014_04_01/270544314/ |archive-date=11 दिसंबर 2015 |url-status=dead }}</ref>
विश्व के कुछ स्थानों पर पेट्रोल और गैस-कुएँ भी मौजूद हैं। यहाँ ज़मीन की खुदाई का काम पूरा करके कई लाख क्यूबिक मीटर गैस का प्रतिदिन उत्पादन किया जाता है।

रचना
प्रथम योग्य जगह चुनकर वहाँ गड्ढा करते है। यह भूगर्भ के पानी की सतह तक गहरा ले जाते है। बाद में गड्ढे की दिवार का पत्थर, ईंट और काँक्रीट से प्लास्टर करके मजबूत करते है। पानी बाहर निकालाने के लिए खिराडी/मोट या बिजलीपर चलनेवाले पंप की व्यवस्था करते है। पानी कितना संग्रह करना है उस पर कुँए की गोलाई (चौडाई) निर्भर करती है। कुँए की रचना साधारणतः गोलाकार होती है।
<ref>{{Cite web |url=http://hindi.sputniknews.com/hindi.ruvr.ru/news/2014_04_01/270544314/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=10 दिसंबर 2015 |archive-url=https://web.archive.org/web/20151211063848/http://hindi.sputniknews.com/hindi.ruvr.ru/news/2014_04_01/270544314/ |archive-date=11 दिसंबर 2015 |url-status=dead }}</ref>


== इन्हें भी देखें ==
== इन्हें भी देखें ==

03:33, 10 नवम्बर 2020 का अवतरण

Well, Historical Village , Bhaini Sahib, Ludhyana , Punjab , India
चेन्नई में एक कुँवा

कुआँ या कुँवा या कूप जमीन को खोदकर बनाई गई एक संरचना है जिसे जमीन के अन्दर स्थित जल को प्राप्त करने के लिये बनाया जाता है। इसे खोदकर, ड्रिल करके (या बोर करके) बनाया जाता है। बड़े आकार के कुओं से बाल्टी या अन्य किसी बर्तन द्वारा हाथ से पानी निकाला जाता है। किन्तु इनमें जलपम्प भी लगाये जा सकते हैं जिन्हें हाथ से या बिजली से चलाया जा सकता है।

कुएँ का अन्य प्रयोग

विश्व के कुछ स्थानों पर पेट्रोल और गैस-कुएँ भी मौजूद हैं। यहाँ ज़मीन की खुदाई का काम पूरा करके कई लाख क्यूबिक मीटर गैस का प्रतिदिन उत्पादन किया जाता है।

रचना प्रथम योग्य जगह चुनकर वहाँ गड्ढा करते है। यह भूगर्भ के पानी की सतह तक गहरा ले जाते है। बाद में गड्ढे की दिवार का पत्थर, ईंट और काँक्रीट से प्लास्टर करके मजबूत करते है। पानी बाहर निकालाने के लिए खिराडी/मोट या बिजलीपर चलनेवाले पंप की व्यवस्था करते है। पानी कितना संग्रह करना है उस पर कुँए की गोलाई (चौडाई) निर्भर करती है। कुँए की रचना साधारणतः गोलाकार होती है। [1]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 11 दिसंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 दिसंबर 2015.

बाहरी कड़ियाँ

चन्द बावड़ी - क्रमश: घटता हुआ चौकोर कुँवा