"कोल्लम": अवतरणों में अंतर
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'''कोल्लम'''([[मलयालम भाषा|मलयालम]]: കൊല്ലം, कॊल्लम्)[[केरल]] में [[अरब सागर]] के तट पर अष्टमुदी झील के निकट बसा एक बंदरगाह नगर है। व्यवसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस नगर का प्राचीन काल से विशेष महत्व रहा है। [[इब्न-बतूता|इब्न बतूता]] ने 14वीं शताब्दी में इसे भारत के |
'''कोल्लम'''([[मलयालम भाषा|मलयालम]]: കൊല്ലം, कॊल्लम्) [[केरल]] में [[अरब सागर]] के तट पर अष्टमुदी झील के निकट बसा एक बंदरगाह नगर है। व्यवसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस नगर का प्राचीन काल से विशेष महत्व रहा है। [[इब्न-बतूता|इब्न बतूता]] ने 14वीं शताब्दी में इसे भारत के पाँच बड़े बंदरगाहों में शुमार किया था। माना जाता है कि इस शहर की स्थापना नौवीं शताब्दी में सीरिया के व्यापारी सपीर ईसो ने की थी। कोल्लम को यहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती और विविधताओं के लिए जाना जाता है। समुद्र, झील, मैदान, पहाड़, नदियाँ, बैकवाटर, जंगल, घने जंगल आदि विविधताएं इसे अन्य स्थानों से पृथक करती हैं। |
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== प्रमुख आकर्षण == |
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=== थंगसेरी === |
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समुद्र के किनार बसा यह |
समुद्र के किनार बसा यह गाँव अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। अठारहवीं शताब्दी में बने पुर्तगाली और डच किले के अवशेष यहाँ देखे जा सकते हैं। यहाँ का लाइटहाउस भी काफी चर्चित है। यह लाइटहाउस आगंतुकों के लिए शाम 3:30 से 5:30 बजे तक खुला रहता है। हर 15 मिनट के अंतराल में कोल्लम से यहाँ के लिए बसें उपलब्ध है। यह ऐतिहासिक गाँव कोल्लम नगर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। |
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=== रामेश्वर मंदिर === |
=== रामेश्वर मंदिर === |
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इस मंदिर में पांड्य शैली का स्पष्ट छाप देखा जा सकता है। मंदिर में 12 से 16वीं के शताब्दी पुराने अभिलेख खुदे हुए हैं। मंदिर में व्याला दैत्य की |
इस मंदिर में पांड्य शैली का स्पष्ट छाप देखा जा सकता है। मंदिर में 12 से 16वीं के शताब्दी पुराने अभिलेख खुदे हुए हैं। मंदिर में व्याला दैत्य की नक्काशीदार मूर्ति बनी हुई है। |
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=== अंचेनकोइल === |
=== अंचेनकोइल === |
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पूनालुर से 80 किलोमीटर दूर स्थित यह एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है। |
पूनालुर से 80 किलोमीटर दूर स्थित यह एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है। यहाँ के घने जंगलों के बीचों बीच सास्था मंदिर बना हुआ है। मंदिर में स्थापित सास्था की मूर्ति ईसा युग से कुछ शताब्दी पूर्व की मानी जाती है। मांडला पूजा और रेवती नामक दो पर्व यहाँ बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं। |
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=== अलुमकडावू === |
=== अलुमकडावू === |
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अलुमकडावू कोल्लम शहर से 26 किलोमीटर दूर कोल्लम-अलप्पुजा राष्ट्रीय जलमार्ग पर स्थित है। |
अलुमकडावू कोल्लम शहर से 26 किलोमीटर दूर कोल्लम-अलप्पुजा राष्ट्रीय जलमार्ग पर स्थित है। यहाँ का ग्रीन चैनल बेकवाटर रिजॉर्ट देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहता है। यहाँ दूर-दूर तक फैला नीला-हरा पानी इसकी सुंदरता में चार चाँद लगाता है। सैकड़ों की तादाद में लगे नारियल के पेड़ ग्रीन चैनल रिजॉर्ट को एक अलग ही पहचान देते हैं। |
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=== मायानद === |
=== मायानद === |
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मायानद अपने मंदिरों के लिए चर्चित है। उमयनल्लौर में बना सुब्रह्मण्य मंदिर |
मायानद अपने मंदिरों के लिए चर्चित है। उमयनल्लौर में बना सुब्रह्मण्य मंदिर यहाँ के नौ मंदिरों में अपना विशेष स्थान रखता है। माना जाता है कि यह मंदिर महान हिन्दू दार्शनिक शंकराचार्य को समर्पित है। मायानद कोल्लम से 10 किलोमीटर की दूरी पर है। कोल्लम से यहाँ के लिए नियमित बस सेवाएं हैं। |
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=== ओचिरा === |
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इस पवित्र तीर्थस्थल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि |
इस पवित्र तीर्थस्थल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहाँ के परब्रह्म मंदिर में कोई प्रतिमा स्थापित नहीं है, बल्कि यह मंदिर विश्व बंधुत्व को समर्पित है। आचिरा काली पर्व यहाँ बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। |
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=== जटायुपर === |
=== जटायुपर === |
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चदायमंगलम |
चदायमंगलम गाँव की इस विशाल चट्टान का नाम पौराणिक पक्षी जटायु के नाम पर पड़ा। कहा जाता है कि रावण से संघर्ष के दौरान वह इस पर गिर पड़ा था। जटायु ने सीता को रावण के चुंगल से मुक्त कराने का प्रयास किया था। |
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=== पालरुवी जलप्रपात === |
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पालारूपी का अर्थ दूधिया धारा होता है। 300 फीट की |
पालारूपी का अर्थ दूधिया धारा होता है। 300 फीट की ऊँचाई से चट्टानों पर गिरने वाला यह झरना दूधिया झरने सा दिखाई देता है। यहाँ का पालारूवी वुड्स लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। |
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=== पिकनिक विलेज === |
=== पिकनिक विलेज === |
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48 एकड़ गेस्ट हाउस कॉम्प्लेक्स में आश्रमम पिकनिक विलेज स्थित है। यह केरल का सबसे बड़ा ट्रैफिक पार्क है। |
48 एकड़ गेस्ट हाउस कॉम्प्लेक्स में आश्रमम पिकनिक विलेज स्थित है। यह केरल का सबसे बड़ा ट्रैफिक पार्क है। यहाँ समय व्यतीत करने के अनेक माध्यम उपलब्ध हैं। साथ ही ठहरने की भी उत्तम व्यवस्था है। अष्टामुदी झील के बेकवॉटर में नौकायन का आनंद भी लिया जा सकता है। |
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== आवागमन == |
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;रेल मार्ग |
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कोल्लम रेलवे स्टेशन केरल और अन्य राज्यों के अनेक शहरों से रेलमार्ग से जुड़ा है। पड़ोसी शहरों से अनेक |
कोल्लम रेलवे स्टेशन केरल और अन्य राज्यों के अनेक शहरों से रेलमार्ग से जुड़ा है। पड़ोसी शहरों से अनेक रेलगाड़ियाँ कोल्लम के लिए चलती हैं। |
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;सड़क मार्ग |
;सड़क मार्ग |
05:49, 9 नवम्बर 2020 का अवतरण
कोल्लम | |||||||
— महानगर — | |||||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||||
देश | भारत | ||||||
राज्य | केरल | ||||||
ज़िला | कोल्लम | ||||||
महापौर | एन पद्मलोचनन | ||||||
जनसंख्या • घनत्व |
361,441 (2001 के अनुसार [update]) • 1,038/किमी2 (2,688/मील2) | ||||||
लिंगानुपात | 1069 ♂/♀ | ||||||
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
• 3 मीटर (10 फी॰) | ||||||
विभिन्न कोड
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आधिकारिक जालस्थल: www.kollam.nic.in |
निर्देशांक: 8°53′N 76°36′E / 8.88°N 76.60°E कोल्लम(मलयालम: കൊല്ലം, कॊल्लम्) केरल में अरब सागर के तट पर अष्टमुदी झील के निकट बसा एक बंदरगाह नगर है। व्यवसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस नगर का प्राचीन काल से विशेष महत्व रहा है। इब्न बतूता ने 14वीं शताब्दी में इसे भारत के पाँच बड़े बंदरगाहों में शुमार किया था। माना जाता है कि इस शहर की स्थापना नौवीं शताब्दी में सीरिया के व्यापारी सपीर ईसो ने की थी। कोल्लम को यहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती और विविधताओं के लिए जाना जाता है। समुद्र, झील, मैदान, पहाड़, नदियाँ, बैकवाटर, जंगल, घने जंगल आदि विविधताएं इसे अन्य स्थानों से पृथक करती हैं।
भूगोल
कोल्लम की सीमाओं से पत्तनमत्तिट्टा जिला और आलप्पुषा़ जिला उत्तरी ओर, तथा तिरुअनन्तपुरम जिला दक्षिणी ओर से लगते हैं।
प्रमुख आकर्षण
थंगसेरी
समुद्र के किनार बसा यह गाँव अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। अठारहवीं शताब्दी में बने पुर्तगाली और डच किले के अवशेष यहाँ देखे जा सकते हैं। यहाँ का लाइटहाउस भी काफी चर्चित है। यह लाइटहाउस आगंतुकों के लिए शाम 3:30 से 5:30 बजे तक खुला रहता है। हर 15 मिनट के अंतराल में कोल्लम से यहाँ के लिए बसें उपलब्ध है। यह ऐतिहासिक गाँव कोल्लम नगर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रामेश्वर मंदिर
इस मंदिर में पांड्य शैली का स्पष्ट छाप देखा जा सकता है। मंदिर में 12 से 16वीं के शताब्दी पुराने अभिलेख खुदे हुए हैं। मंदिर में व्याला दैत्य की नक्काशीदार मूर्ति बनी हुई है।
अंचेनकोइल
पूनालुर से 80 किलोमीटर दूर स्थित यह एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है। यहाँ के घने जंगलों के बीचों बीच सास्था मंदिर बना हुआ है। मंदिर में स्थापित सास्था की मूर्ति ईसा युग से कुछ शताब्दी पूर्व की मानी जाती है। मांडला पूजा और रेवती नामक दो पर्व यहाँ बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।
अलुमकडावू
अलुमकडावू कोल्लम शहर से 26 किलोमीटर दूर कोल्लम-अलप्पुजा राष्ट्रीय जलमार्ग पर स्थित है। यहाँ का ग्रीन चैनल बेकवाटर रिजॉर्ट देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहता है। यहाँ दूर-दूर तक फैला नीला-हरा पानी इसकी सुंदरता में चार चाँद लगाता है। सैकड़ों की तादाद में लगे नारियल के पेड़ ग्रीन चैनल रिजॉर्ट को एक अलग ही पहचान देते हैं।
मायानद
मायानद अपने मंदिरों के लिए चर्चित है। उमयनल्लौर में बना सुब्रह्मण्य मंदिर यहाँ के नौ मंदिरों में अपना विशेष स्थान रखता है। माना जाता है कि यह मंदिर महान हिन्दू दार्शनिक शंकराचार्य को समर्पित है। मायानद कोल्लम से 10 किलोमीटर की दूरी पर है। कोल्लम से यहाँ के लिए नियमित बस सेवाएं हैं।
ओचिरा
इस पवित्र तीर्थस्थल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहाँ के परब्रह्म मंदिर में कोई प्रतिमा स्थापित नहीं है, बल्कि यह मंदिर विश्व बंधुत्व को समर्पित है। आचिरा काली पर्व यहाँ बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
जटायुपर
चदायमंगलम गाँव की इस विशाल चट्टान का नाम पौराणिक पक्षी जटायु के नाम पर पड़ा। कहा जाता है कि रावण से संघर्ष के दौरान वह इस पर गिर पड़ा था। जटायु ने सीता को रावण के चुंगल से मुक्त कराने का प्रयास किया था।
पालरुवी जलप्रपात
पालारूपी का अर्थ दूधिया धारा होता है। 300 फीट की ऊँचाई से चट्टानों पर गिरने वाला यह झरना दूधिया झरने सा दिखाई देता है। यहाँ का पालारूवी वुड्स लोकप्रिय पिकनिक स्थल है।
पिकनिक विलेज
48 एकड़ गेस्ट हाउस कॉम्प्लेक्स में आश्रमम पिकनिक विलेज स्थित है। यह केरल का सबसे बड़ा ट्रैफिक पार्क है। यहाँ समय व्यतीत करने के अनेक माध्यम उपलब्ध हैं। साथ ही ठहरने की भी उत्तम व्यवस्था है। अष्टामुदी झील के बेकवॉटर में नौकायन का आनंद भी लिया जा सकता है।
आवागमन
- वायु मार्ग
तिरूअनंतपुरम विमानक्षेत्र कोल्लम का नजदीकी एयरपोर्ट है जो लगभग 72 किलोमीटर की दूरी पर है। देश के तमाम बड़े शहरों से यह एयरपोर्ट जुड़ा हुआ है।
- रेल मार्ग
कोल्लम रेलवे स्टेशन केरल और अन्य राज्यों के अनेक शहरों से रेलमार्ग से जुड़ा है। पड़ोसी शहरों से अनेक रेलगाड़ियाँ कोल्लम के लिए चलती हैं।
- सड़क मार्ग
केरल राज्य सड़क परिवहन निगम की अनेक बसें केरल के अन्य शहरों से कोल्लम जाती हैं।