"मुद्दत": अवतरणों में अंतर

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'''मुद्दत''' 1986 में बनी [[हिन्दी|हिन्दी भाषा]] की फिल्म है।
'''मुद्दत''' 1986 में बनी [[हिन्दी|हिन्दी भाषा]] की फिल्म है।
कानून की छात्रा भारती अपने विधुर और अंधे पिता के साथ रहती है। रवि शंकर सिंह एक गायक और नर्तक हैं; भारती उनकी प्रशंसक हैं और कभी भी उनके संगीत समारोहों को याद नहीं करती हैं। एक दिन भारती रवि को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने से हैरान है। उसे पता चलता है कि रवि ने एक व्यक्ति राणा सिंह की हत्या की बात कबूल कर ली है और जल्द ही उसे फांसी दे दी जाएगी। भारती, रवि के अंतिम संगीत कार्यक्रम में भाग लेती है, लेकिन रवि उसका अपहरण कर लेता है और जबरन उससे शादी कर लेता है। शादी के बाद, रवि को गिरफ्तार किया जाता है और अदालत में पेश किया जाता है। यह पता चलता है कि रवि और भारती ने मिलकर रवि की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की साजिश रची थी, लेकिन अदालत अभी भी आश्वस्त नहीं है और रवि की मौत की सजा को बरकरार रखती है। क्लाइमेक्स में रवि की मासूमियत या अपराधबोध का पता चलता है।{{citation needed}}
कानून की छात्रा भारती अपने विधुर और अंधे पिता के साथ रहती है। रवि शंकर सिंह एक गायक और नर्तक हैं; भारती उनकी प्रशंसक हैं और कभी भी उनके संगीत समारोहों को याद नहीं करती हैं। एक दिन भारती रवि को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने से हैरान है। उसे पता चलता है कि रवि ने एक व्यक्ति राणा सिंह की हत्या की बात कबूल कर ली है और जल्द ही उसे फाँसी दे दी जाएगी। भारती, रवि के अंतिम संगीत कार्यक्रम में भाग लेती है, लेकिन रवि उसका अपहरण कर लेता है और जबरन उससे शादी कर लेता है। शादी के बाद, रवि को गिरफ्तार किया जाता है और अदालत में पेश किया जाता है। यहाँ पता चलता है कि रवि और भारती ने मिलकर रवि की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की साजिश रची थी, लेकिन अदालत अभी भी आश्वस्त नहीं है और रवि की मौत की सजा को बरकरार रखती है। क्लाइमेक्स में रवि की मासूमियत या अपराधबोध का पता चलता है।{{citation needed}}


== चरित्र ==
== चरित्र ==

10:47, 8 नवम्बर 2020 का अवतरण

मुद्दत

मुद्दत का पोस्टर
निर्देशक के बाजपेई
अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर,
विकास आनन्द,
असरानी,
उर्मिला भट्ट,
मिथुन चक्रवर्ती,
मानिक ईरानी,
जयाप्रदा,
गोगा कपूर,
सत्येन्द्र कपूर,
शक्ति कपूर,
कादर ख़ान,
पदमिनी कोल्हापुरे,
रूपेश कुमार,
श्रीराम लागू,
युनुस परवेज़,
राजेश पुरी,
घनश्याम रोहेड़ा,
अशोक सराफ़,
प्रदर्शन तिथि
1986
देश भारत
भाषा हिन्दी

मुद्दत 1986 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। कानून की छात्रा भारती अपने विधुर और अंधे पिता के साथ रहती है। रवि शंकर सिंह एक गायक और नर्तक हैं; भारती उनकी प्रशंसक हैं और कभी भी उनके संगीत समारोहों को याद नहीं करती हैं। एक दिन भारती रवि को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने से हैरान है। उसे पता चलता है कि रवि ने एक व्यक्ति राणा सिंह की हत्या की बात कबूल कर ली है और जल्द ही उसे फाँसी दे दी जाएगी। भारती, रवि के अंतिम संगीत कार्यक्रम में भाग लेती है, लेकिन रवि उसका अपहरण कर लेता है और जबरन उससे शादी कर लेता है। शादी के बाद, रवि को गिरफ्तार किया जाता है और अदालत में पेश किया जाता है। यहाँ पता चलता है कि रवि और भारती ने मिलकर रवि की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की साजिश रची थी, लेकिन अदालत अभी भी आश्वस्त नहीं है और रवि की मौत की सजा को बरकरार रखती है। क्लाइमेक्स में रवि की मासूमियत या अपराधबोध का पता चलता है।[उद्धरण चाहिए]

चरित्र

मुख्य कलाकार

दल

संगीत

रोचक तथ्य

परिणाम

बौक्स ऑफिस

समीक्षाएँ

नामांकन और पुरस्कार

बाहरी कड़ियाँ