"औसत अनियमितता": अवतरणों में अंतर
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[[File:Mean anomaly diagram.png|thumb|upright=1.2|प्रति समय इकाई में एक [[दीर्घवृत्त कक्षा]] में वास्तविक वस्तु और उस के बराबर [[कक्षीय अवधि]] की [[वृत्ताकार कक्षा]] में एक काल्पनिक वस्तु द्वारा घूम चुका हुआ क्षेत्र। दोनों बराबर के समय में बराबर का क्षेत्र घूम लेते हैं लेकिन जहाँ वृत्ताकार कक्षा वाली वस्तु की गति निरंतर समान रहती है वहाँ दीर्घवृत्त कक्षा की वस्तु कभी-धीरे-कभी-तेज़ होती रहती है। इस चित्र में दो समय इकाईयों की सत्य अनियमितता दर्शाई गई है।]] |
[[File:Mean anomaly diagram.png|thumb|upright=1.2|प्रति समय इकाई में एक [[दीर्घवृत्त कक्षा]] में वास्तविक वस्तु और उस के बराबर [[कक्षीय अवधि]] की [[वृत्ताकार कक्षा]] में एक काल्पनिक वस्तु द्वारा घूम चुका हुआ क्षेत्र। दोनों बराबर के समय में बराबर का क्षेत्र घूम लेते हैं लेकिन जहाँ वृत्ताकार कक्षा वाली वस्तु की गति निरंतर समान रहती है वहाँ दीर्घवृत्त कक्षा की वस्तु कभी-धीरे-कभी-तेज़ होती रहती है। इस चित्र में दो समय इकाईयों की सत्य अनियमितता दर्शाई गई है।]] |
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[[खगोलीय यांत्रिकी]] में '''औसत अनियमितता''' (mean anomaly) [[दो-वस्तु समस्या]] के सन्दर्भ में किसी [[दीर्घवृत्त कक्षा]] में परिक्रमा करती [[खगोलीय वस्तु|वस्तु]] की स्थिति का अनुमान लगाने के लिये प्रयोग होने वाले एक [[कोण]] (ऐंगल) है। यह उस कक्षा के [[उपसौर और अपसौर|उपकेन्द्र]] (pericenter) के दृष्टिकोण से दीर्घवृत्त कक्षा में इस वास्तविक वस्तु और ठीक उस के बराबर [[कक्षीय अवधि]] की एक काल्पनिक [[वृत्ताकार कक्षा]] में स्थित एक काल्पनिक वस्तु के बीच की [[कोणीय दूरी]] को कहते हैं।<ref>{{cite book | last = Montenbruck | first = Oliver | title = Practical Ephemeris Calculations | publisher = Springer-Verlag | year = 1989 | isbn = 0-387-50704-3|page=44}}</ref><ref>{{cite book | last = Meeus | first = Jean | title = Astronomical Algorithms | publisher = Willmann-Bell, Inc., Richmond, VA | year = 1991 |ISBN=0-943396-35-2 |page=182}}</ref> |
[[खगोलीय यांत्रिकी]] में '''औसत अनियमितता''' (mean anomaly) [[दो-वस्तु समस्या]] के सन्दर्भ में किसी [[दीर्घवृत्त कक्षा]] में परिक्रमा करती [[खगोलीय वस्तु|वस्तु]] की स्थिति का अनुमान लगाने के लिये प्रयोग होने वाले एक [[कोण]] (ऐंगल) है। यह उस कक्षा के [[उपसौर और अपसौर|उपकेन्द्र]] (pericenter) के दृष्टिकोण से दीर्घवृत्त कक्षा में इस वास्तविक वस्तु और ठीक उस के बराबर [[कक्षीय अवधि]] की एक काल्पनिक [[वृत्ताकार कक्षा]] में स्थित एक काल्पनिक वस्तु के बीच की [[कोणीय दूरी]] को कहते हैं।<ref>{{cite book | last = Montenbruck | first = Oliver | title = Practical Ephemeris Calculations | url = https://archive.org/details/practicalephemer00mont | publisher = Springer-Verlag | year = 1989 | isbn = 0-387-50704-3|page=[https://archive.org/details/practicalephemer00mont/page/n52 44]}}</ref><ref>{{cite book | last = Meeus | first = Jean | title = Astronomical Algorithms | url = https://archive.org/details/astronomicalalgo00meeu_597 | publisher = Willmann-Bell, Inc., Richmond, VA | year = 1991 |ISBN=0-943396-35-2 |page=[https://archive.org/details/astronomicalalgo00meeu_597/page/n186 182]}}</ref> |
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== इन्हें भी देखें == |
== इन्हें भी देखें == |
04:24, 17 अक्टूबर 2020 के समय का अवतरण
खगोलीय यांत्रिकी में औसत अनियमितता (mean anomaly) दो-वस्तु समस्या के सन्दर्भ में किसी दीर्घवृत्त कक्षा में परिक्रमा करती वस्तु की स्थिति का अनुमान लगाने के लिये प्रयोग होने वाले एक कोण (ऐंगल) है। यह उस कक्षा के उपकेन्द्र (pericenter) के दृष्टिकोण से दीर्घवृत्त कक्षा में इस वास्तविक वस्तु और ठीक उस के बराबर कक्षीय अवधि की एक काल्पनिक वृत्ताकार कक्षा में स्थित एक काल्पनिक वस्तु के बीच की कोणीय दूरी को कहते हैं।[1][2]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ Montenbruck, Oliver (1989). Practical Ephemeris Calculations. Springer-Verlag. पृ॰ 44. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-387-50704-3.
- ↑ Meeus, Jean (1991). Astronomical Algorithms. Willmann-Bell, Inc., Richmond, VA. पृ॰ 182. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-943396-35-2.