"चम्बल नदी": अवतरणों में अंतर

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'''चंबल नदी''' [[मध्य भारत (पूर्व राज्य)|मध्य भारत]] में [[यमुना नदी]] की [[उपनदी|सहायक नदी]] है। यह नदी "जानापाव पर्वत " बाचू पाईट [[डॉ॰ आम्बेडकर नगर|महू]] से निकलती है। इसका प्राचीन नाम "चरमवाती " है। इसकी सहायक नदिया [[शिप्रा नदी|शिप्रा]], सिंध, [[काली सिन्ध नदी|काली सिन्ध]], ओर [[कुनू नदी]] है। यह नदी भारत में उत्तर तथा उत्तर-मध्य भाग में [[राजस्थान]] के [[कोटा जिला|कोटा]] तथा [[धौलपुर जिला|धौलपुर]], [[मध्य प्रदेश]] के [[धार ज़िला|धार]], [[उज्जैन ज़िला|उज्जैन]], [[रतलाम ज़िला|रतलाम]], [[मंदसौर ज़िला|मन्दसौर]], [[भिंड ज़िला|भिंड]], [[मुरैना ज़िला|मुरैना]] आदि जिलो से होकर बहती है। यह नदी दक्षिण मुड़ कर [[उत्तर प्रदेश]] राज्य में [[यमुना नदी|यमुना]] में शामिल होने के पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सीमा बनाती है। इस नदी पर चार जल विधुत परियोजना -गांधी सागर, राणा सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज (कोटा)- चल रही है।{{Cn|date=नवम्बर 2019}} प्रसिद्ध ''चूलीय जल प्रपात''चंबल नदी (कोटा) मे है। कुल लंबाई 135।
'''चंबल नदी''' [[मध्य भारत (पूर्व राज्य)|मध्य भारत]] में [[यमुना नदी]] की [[उपनदी|सहायक नदी]] है। यह नदी "जानापाव पर्वत " बाचू पाईट [[डॉ॰ आम्बेडकर नगर|महू]] से निकलती है। इसका प्राचीन नाम "चरमवाती " है। इसकी सहायक नदिया [[शिप्रा नदी|शिप्रा]], सिंध, [[काली सिन्ध नदी|काली सिन्ध]], ओर [[कुनू नदी]] है। यह नदी भारत में उत्तर तथा उत्तर-मध्य भाग में [[राजस्थान]] के [[कोटा जिला|कोटा]] तथा [[धौलपुर जिला|धौलपुर]], [[मध्य प्रदेश]] के [[धार ज़िला|धार]], [[उज्जैन ज़िला|उज्जैन]], [[रतलाम ज़िला|रतलाम]], [[मंदसौर ज़िला|मन्दसौर]], [[भिंड ज़िला|भिंड]], [[मुरैना ज़िला|मुरैना]] आदि जिलों से होकर बहती है।<ref>[https://www.patrika.com/kanpur-news/story-of-pollution-free-chambal-river-news-in-hindi-1472893/] अकांक्षा सिंह, पत्रिका, लखनऊ, कानपुर</ref> यह नदी दक्षिण की ओर मुड़ कर [[उत्तर प्रदेश]] राज्य में [[यमुना नदी|यमुना]] में शामिल होने के पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सीमा बनाती है। इस नदी पर चार जल विधुत परियोजना -गांधी सागर, राणा सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज (कोटा)- चल रही है।<ref>[https://gkindiatoday.com/%E0%A4%9A%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AC%E0%A4%B2-%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BF%E0%A4%A4-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A7/] gkindiatoday.com 3 Oct, 2020</ref> प्रसिद्ध ''चूलीय जल प्रपात''चंबल नदी (कोटा) मे है। कुल लंबाई 135। राजस्थान की औधोगिक नगरी [[कोटा]] इस नदी के किनारे स्थित है।


यह एक बारहमासी नदी है। इसका उद्गम स्थल जानापाव की पहाडी (मध्य प्रदेश) है।{{Cn|date=नवम्बर 2019}} यह दक्षिण में महू शहर के, इंदौर के पास, विंध्य रेंज में मध्य प्रदेश में दक्षिण ढलान से होकर गुजरती है। चंबल और उसकी सहायक नदियां उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के नाले, जबकि इसकी सहायक नदी, बनास, जो अरावली पर्वतों से शुरू होती है इसमें मिल जाती है। चंबल, कावेरी, यमुना, सिन्धु, पहुज भरेह के पास पचनदा में, उत्तर प्रदेश राज्य में भिंड और इटावा जिले की सीमा पर शामिल पांच नदियों के संगम समाप्त होता है।
यह एक बारहमासी नदी है। इसका उद्गम स्थल जानापाव की पहाड़ी (मध्य प्रदेश) है।<ref>[https://bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%9A%E0%A4%82%E0%A4%AC%E0%A4%B2_%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A5%80]bharatdiscovery.org]</ref> यह दक्षिण में महू शहर के, इंदौर के पास, विंध्य रेंज में मध्य प्रदेश में दक्षिण ढलान से होकर गुजरती है। चंबल और उसकी सहायक नदियाँ उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के नाले, जबकि इसकी सहायक नदी, बनास, जो अरावली पर्वतों से शुरू होती है इसमें मिल जाती है। चंबल, कावेरी, यमुना, सिन्धु, पहुज भरेह के पास पचनदा में, उत्तर प्रदेश राज्य में भिंड और इटावा जिले की सीमा पर शामिल पाँच नदियों के संगम समाप्त होता है।


== अपवाह क्षेत्र==
== अपवाह क्षेत्र==
चंबल के अपवाह क्षेत्र में चित्तौड़, कोटा, बूंदी, सवाई माधौपुर, करौली, धौलपुर इत्यादि इलाके शामिल हैं। तथा सवाई माधोपुर, करौली व धौलपुर से गुजरती हुई राजस्थान व मध्यप्रदेश की सीमा बनाते हुए चलती है जो कि 252 किलोमीटर की है।{{Cn|date=नवम्बर 2017}}
चंबल के अपवाह क्षेत्र में चित्तौड़, कोटा, बूंदी, सवाई माधौपुर, करौली, धौलपुर इत्यादि इलाके शामिल हैं। तथा सवाई माधोपुर, करौली व धौलपुर से गुजरती हुई राजस्थान व मध्यप्रदेश की सीमा बनाते हुए चलती है जो कि 252 किलोमीटर की है।<ref>[https://www.rajasthangyan.com/trick?tid=200&filter=All] rajasthangyan.com</ref> <ref>[https://m.dailyhunt.in/news/india/hindi/gs+junction-epaper-gsjun/chambal+nadi+ka+apavah+kshetr+aur+sahayak+nadiya-newsid-n169937436] m.dailyhunt.in</ref>


== सहायक नदियां ==
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[[श्रेणी:भारत की नदियाँ]]
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[[श्रेणी:मध्य प्रदेश की नदियाँ]]
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. राजस्थान की औधोगिक नगरी कोटा इस नदी के किनारे स्थित है

13:44, 3 अक्टूबर 2020 का अवतरण

चम्बल नदी
चरमवाती
River
कोटा, राजस्थान के पास चम्बल नदी।
देश Flag of भारत भारत
शहर इंदौर जिला, महू
स्रोत मालवा के पठार पर स्थित जनापाव पहाडी से
 - स्थान इंदौर जिला, मध्यप्रदेश
 - ऊँचाई 854 मी. (2,802 फीट)
लंबाई 965 कि.मी. (600 मील) लगभग
जलसम्भर 43,658 कि.मी.² (एक्स्प्रेशन त्रुटि: round का घटक नहीं मिला वर्ग मील)

चंबल नदी मध्य भारत में यमुना नदी की सहायक नदी है। यह नदी "जानापाव पर्वत " बाचू पाईट महू से निकलती है। इसका प्राचीन नाम "चरमवाती " है। इसकी सहायक नदिया शिप्रा, सिंध, काली सिन्ध, ओर कुनू नदी है। यह नदी भारत में उत्तर तथा उत्तर-मध्य भाग में राजस्थान के कोटा तथा धौलपुर, मध्य प्रदेश के धार, उज्जैन, रतलाम, मन्दसौर, भिंड, मुरैना आदि जिलों से होकर बहती है।[1] यह नदी दक्षिण की ओर मुड़ कर उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना में शामिल होने के पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सीमा बनाती है। इस नदी पर चार जल विधुत परियोजना -गांधी सागर, राणा सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज (कोटा)- चल रही है।[2] प्रसिद्ध चूलीय जल प्रपातचंबल नदी (कोटा) मे है। कुल लंबाई 135। राजस्थान की औधोगिक नगरी कोटा इस नदी के किनारे स्थित है।

यह एक बारहमासी नदी है। इसका उद्गम स्थल जानापाव की पहाड़ी (मध्य प्रदेश) है।[3] यह दक्षिण में महू शहर के, इंदौर के पास, विंध्य रेंज में मध्य प्रदेश में दक्षिण ढलान से होकर गुजरती है। चंबल और उसकी सहायक नदियाँ उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के नाले, जबकि इसकी सहायक नदी, बनास, जो अरावली पर्वतों से शुरू होती है इसमें मिल जाती है। चंबल, कावेरी, यमुना, सिन्धु, पहुज भरेह के पास पचनदा में, उत्तर प्रदेश राज्य में भिंड और इटावा जिले की सीमा पर शामिल पाँच नदियों के संगम समाप्त होता है।

अपवाह क्षेत्र

चंबल के अपवाह क्षेत्र में चित्तौड़, कोटा, बूंदी, सवाई माधौपुर, करौली, धौलपुर इत्यादि इलाके शामिल हैं। तथा सवाई माधोपुर, करौली व धौलपुर से गुजरती हुई राजस्थान व मध्यप्रदेश की सीमा बनाते हुए चलती है जो कि 252 किलोमीटर की है।[4] [5]

सहायक नदियां

बनास नदी, क्षिप्रा नदी,मेज , बामनी , सीप काली सिंध, पार्वती, छोटी कालीसिंध, कुनो, ब्राह्मणी, परवन नदी इत्यादि चम्बल की सहायक नदियाँ हैं।

मुहाना

उत्तर प्रदेश में बहते हुए 965 किलोमीटर की दूरी तय करके यमुना नदी में मिल जाती है। चम्बल नदी का कुल अपवाह क्षेत्र 19,500 वर्ग किलोमीटर हैं।[उद्धरण चाहिए] चम्बल यमुना नदी की मुख्य सहायक नदियों में से एक है। उतरप्रदेश के इटावा जिले के मुरादगंज के पास यमुना में मिल जाती है।

ग्रन्थों के अनुसार

महाभारत के अनुसार राजा रंतिदेव के यज्ञों में जो आर्द्र चर्म राशि इकट्ठा हो गई थी उसी से यह नदी उदभुत हुई थी-

महानदी चर्मराशेरूत्क्लेदात् ससृजेयतःततश्चर्मण्वतीत्येवं विख्याता स महानदी

कालिदास ने भी मेघदूत-पूर्वमेघ 47 में चर्मण्वती नदी को रंतिदेव की कीर्ति का मूर्त स्वरूप कहा गया है-

आराध्यैनं शदवनभवं देवमुल्लघिताध्वा,
सिद्धद्वन्द्वैर्जलकण भयाद्वीणिभिदैत्त मार्गः।
व्यालम्बेथास्सुरभितनयालंभजां मानयिष्यन्,
स्रोतो मूत्यभुवि परिणतां रंतिदेवस्य कीर्तिः।

इन उल्लेखों से यह जान पड़ता है कि रंतिदेव ने चर्मवती के तट पर अनेक यज्ञ किए थे। महाभारत में भी चर्मवती का उल्लेख है -

ततश्चर्मणवती कूले जंभकस्यात्मजं नृपं ददर्श वासुदेवेन शेषितं पूर्ववैरिणा
अर्थात इसके पश्चात सहदेव ने (दक्षिण दिशा की विजय यात्रा के प्रसंग में) चर्मण्वती के तट पर जंभक के पुत्र को देखा जिसे उसके पूर्व शत्रु वासुदेव ने जीवित छोड़ दिया था। सहदेव इसे युद्ध में हराकर दक्षिण की ओर अग्रसर हुए थे।

चर्मण्वती नदी को वन पर्व के तीर्थ यात्रा अनु पर्व में पुण्य नदी माना गया है -
चर्मण्वती समासाद्य नियतों नियताशनः रंतिदेवाभ्यनुज्ञातमग्निष्टोमफलं लभेत्

श्रीमदभागवत में चर्मवती का नर्मदा के साथ उल्लेख है-
सुरसानर्मदा चर्मण्वती सिंधुरंधः

इस नदी का उदगम जनपव की पहाड़ियों से हुआ है। यहीं से गंभीरा नदी भी निकलती है। यह यमुना की सहायक नदी है। महाभारत में अश्वनदी का चर्मण्वती में, चर्मण्वती का यमुना में और यमुना का गंगा नदी में मिलने का उल्लेख है –

मंजूषात्वश्वनद्याः सा ययौ चर्मण्वती नदीम्,
चर्मण्वत्याश्व यमुना ततो गंगा जगामह।
गंगायाः सूतविषये चंपामनुययौपुरीम्।

सन्दर्भ

  1. [1] अकांक्षा सिंह, पत्रिका, लखनऊ, कानपुर
  2. [2] gkindiatoday.com 3 Oct, 2020
  3. [3]bharatdiscovery.org]
  4. [4] rajasthangyan.com
  5. [5] m.dailyhunt.in