"सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
हैडिंग बनाई अपने ही लेख में
Rescuing 1 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.7
पंक्ति 24: पंक्ति 24:


"निस्संदेह अल्लाह और उसके फ़रिश्ते नबी पर रहमत भेजते है। ऐ ईमान लानेवालो, तुम भी उसपर रहमत भेजो और ख़ूब सलाम भेजो"
"निस्संदेह अल्लाह और उसके फ़रिश्ते नबी पर रहमत भेजते है। ऐ ईमान लानेवालो, तुम भी उसपर रहमत भेजो और ख़ूब सलाम भेजो"
<ref>{{cite web |title=आयत का अनुवाद |url=http://tanzil.net/#trans/hi.farooq/33:56 |website=http://tanzil.net |access-date=15 जुलाई 2020 |archive-url=https://web.archive.org/web/20180425183153/http://tanzil.net/#trans/hi.farooq/33:56 |archive-date=25 अप्रैल 2018 |url-status=live }}</ref>
<ref>{{cite web |title=आयत का अनुवाद |url=http://tanzil.net/#trans/hi.farooq/33:56 |website=http://tanzil.net |access-date=15 जुलाई 2020 |archive-url=https://web.archive.org/web/20180425183153/http://tanzil.net/#trans/hi.farooq/33:56 |archive-date=25 अप्रैल 2018 |url-status=dead }}</ref>
=हदीस में विवरण=
=हदीस में विवरण=



09:55, 28 सितंबर 2020 का अवतरण

सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम (अंग्रेज़ी: Peace be upon him Islam), उर्दू:صل اللہ علیہ وآلہ وسلم)

सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अरबी भाषा सुलेख

अरबी भाषा का संक्षेप (वाक्य) सलामती की दुआ है। अर्थ है "ए नबी! आप पर सलामती हो।" यह आमतौर पर मुसलमान पैग़म्बर मुहम्मद के नाम के साथ कहते या लिखते हैं।

विवरण

इस्लाम की मान्यता अनुसार इस अरबी भाषा के संक्षेप को मुसलमानों पर अनिवार्य है कि जब नबी हज़रत मुहम्मद का नाम आये (सुनें, देखें या लिखें) तो ये दुआ सलाम का वाक्य पढें। [1] अरबी भाषा के "صَلَّىٰ ٱللَّٰهُ عَلَيْہِ وَآلِہِ وَسَلَّمَ" "सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम" अरबी वाक्यांश को संक्षेप हिंदी में "सल्ल." भी लिखा जाता है, अनौपचारिक लेखन में, इसे कभी-कभी पीबीयूएच (P.B.U.H.) या "स.अ.व " एसएडब्ल्यू (S.A.W.), प्रेषित आदि के रूप में भी संक्षिप्त किया जाता है। एक छोटा सा सुलेख चित्र यूनिकोड (ﷺ) का भी उपयोग किया जाता है। [2] नमूना

इस्लाम के दूसरे पैग़म्बरों के लिए अलै हिस्सलाम प्रयोग किया जाता है। [3]

क़ुरआन में सलाम भेजने की बात

एक शृंखला का हिस्सा
मुहम्मद
Muhammad
tinyx28px
इस्लाम प्रवेशद्वार
tinyx28px
मुहम्मद प्रवेशद्वार

इस्लाम के पवित्र ग्रन्थ कुरआन का 33 वां सूरा अल-अहज़ाब के 56 आयत में है कि:

"निस्संदेह अल्लाह और उसके फ़रिश्ते नबी पर रहमत भेजते है। ऐ ईमान लानेवालो, तुम भी उसपर रहमत भेजो और ख़ूब सलाम भेजो" [4]

हदीस में विवरण

=इन्हें भी देखें

संदर्भ

  1. "सल्ल"- प्रो. डॉक्टर जियाउर्रहमान आज़मी, कुरआन मजीद की इन्साइक्लोपीडिया, हिंदी संस्करण(2010), पृष्ठ 7
  2. ."Arabic Presentation Forms-A" (PDF). The Unicode Standard, Version 5.2. Mountain View, Ca.: Unicode, Inc. 2009-10-01. अभिगमन तिथि 2010-05-09.
  3. The difference between sending salaams on the Prophet (peace and blessings of Allaah be upon him) and sending blessings - Islam https://islamqa.info/en/answers/23274/the-difference-between-sending-salaams-on-the-prophet-peace-and-blessings-of-allaah-be-upon-him-and-sending-blessings
  4. "आयत का अनुवाद". http://tanzil.net. मूल से 25 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जुलाई 2020. |website= में बाहरी कड़ी (मदद)