"राणा रायमल": अवतरणों में अंतर

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रायमल के पुत्र एवं उसकी जीवनी।
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महाराणा रायमल के 4 पुत्र व 1 पुत्री थी।
1. पृथ्वीराज सिसोदिया(उड़ना राजकुमार)
2. जय सिंह सिसोदिया (अल्प आयु में मृत्यु)
3. जयदेव सिसोदिया
4. महाराणा सांगा(पृथ्वीराज सिसोदिया की मृत्यु के बाद अगले शासक)
1. आनंदी बाई - ( पति - जगमाल देवड़ा,सिरोही )
पृथ्वीराज सिसोदिया राजा बनने के बाद अपनी पत्नी तारा बाई(रूठी रानी) की याद में तारागड दुर्ग का निर्माण करवाया था। यह बहुत तेज धावक थे इसलिए इनको उड़ना राजकुमार कहा जाता था। इन के बहनोई जगमाल देवड़ा इनकी बहन आनंदीबाई से मारपीट करते थे इसलिए पति राज सिसोदिया इनको समझाने के लिए गए थे। उस समय जगमाल देवड़ा ने इनको जहर देकर उनकी हत्या कर दी
छतरी: कुंभलगड दुर्ग में12 खम्भो की छतरी।

06:40, 30 अगस्त 2020 का अवतरण

मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश के शासक
(1326–1948 ईस्वी)
राणा हम्मीर सिंह (1326–1364)
राणा क्षेत्र सिंह (1364–1382)
राणा लखा (1382–1421)
राणा मोकल (1421–1433)
राणा कुम्भ (1433–1468)
उदयसिंह प्रथम (1468–1473)
राणा रायमल (1473–1508)
राणा सांगा (1508–1527)
रतन सिंह द्वितीय (1528–1531)
राणा विक्रमादित्य सिंह (1531–1536)
बनवीर सिंह (1536–1540)
उदयसिंह द्वितीय (1540–1572)
महाराणा प्रताप (1572–1597)
अमर सिंह प्रथम (1597–1620)
करण सिंह द्वितीय (1620–1628)
जगत सिंह प्रथम (1628–1652)
राज सिंह प्रथम (1652–1680)
जय सिंह (1680–1698)
अमर सिंह द्वितीय (1698–1710)
संग्राम सिंह द्वितीय (1710–1734)
जगत सिंह द्वितीय (1734–1751)
प्रताप सिंह द्वितीय (1751–1754)
राज सिंह द्वितीय (1754–1762)
अरी सिंह द्वितीय (1762–1772)
हम्मीर सिंह द्वितीय (1772–1778)
भीम सिंह (1778–1828)
जवान सिंह (1828–1838)
सरदार सिंह (1838–1842)
स्वरूप सिंह (1842–1861)
शम्भू सिंह (1861–1874)
उदयपुर के सज्जन सिंह (1874–1884)
फतेह सिंह (1884–1930)
भूपाल सिंह (1930–1948)
नाममात्र के शासक (महाराणा)
भूपाल सिंह (1948–1955)
भागवत सिंह (1955–1984)
महेन्द्र सिंह (1984–वर्तमान)

. राणा रायमल (१४७३ - १५०९) मेवाड के राजपूत राजा थे। वे राणा कुम्भा के पुत्र थे।

उनके शासन के आरम्भिक दिनों मेम ही मालवा के शासक घियास शाह ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया किन्तु उसे सफलता नहीं मिली। इसके शीघ्र बाद गियास शाह के सेनापति जफर खान ने मेवाड़ पर आक्रमण किया किन्तु वह भी मण्डलगढ़ और खैराबाद में पराजित हुआ। रायमल ने राव जोधा की बेटी शृंगारदेवी से विवाह करके राठौरों से शत्रुता समाप्त कर दी। रायमल ने रायसिंह टोडा और अजमेर पर पुनः अधिकार कर लिया। उन्होने मेवाड़ को भी शक्तिशाली बनाया तथा चित्तौड़ के एकनाथ जी मंदिर का पुनर्निर्माण कराया।