"जय भीम": अवतरणों में अंतर

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कवि [[बिहारी लाल हरित]] ने जय भीम का प्रयोग पहली बार कविता के माध्यम से दिल्ली में किया ।<ref>{{Cite web |url=https://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/Chronologically-Jai-Bhim-is-older-than-Jai-Hind-Experts/articleshow/51876821.cms |title=संग्रहीत प्रति |access-date=11 जून 2020 |archive-url=https://web.archive.org/web/20200128151449/https://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/Chronologically-Jai-Bhim-is-older-than-Jai-Hind-Experts/articleshow/51876821.cms |archive-date=28 जनवरी 2020 |url-status=live }}</ref><ref>https://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/212615/6/chapter-2.pdf</ref><ref>https://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/123911/8/08_chapter%203.pdf</ref>
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जर कोई व्यक्ती दुसरे व्यक्ती को 'जयभीम' बोलता हैं, तो सामने वाला व्यक्ती भी 'जयभीम' या 'सप्रेम जयभीम' (प्यार भरा जयभीम) कहकर उसके संबोधन का जवाब देता है। जयभीम का उपयोग आमतौर पर प्रत्यक्ष व्यक्ती या समुदाय के सामने, फोन पर, टेक्ट्स आदी के जरीये किया जाता है। जय भीम वाक्यांश अम्बेडकर के एक अनुयायी बाबू एल एन हरदास द्वारा गढ़ा गया था।<ref>{{Cite book|last=Ramteke|first=P. T.|title=Jai Bhim che Janak Babu Hardas L. N.|language = mr}}</ref> बाबू हरदास ने भीम विजय संघ के श्रमिकों की मदद से अभिवादन के इस तरीके को बढ़ावा दिया।<ref>{{Cite web|last=Jamnadas|first=K.|title=Jai Bhim and Jai Hind|url=http://www.ambedkar.org/jamanadas/JaiBhim.htm|access-date=16 अप्रैल 2017|archive-url=https://web.archive.org/web/20180325082336/http://www.ambedkar.org/jamanadas/JaiBhim.htm|archive-date=25 मार्च 2018|url-status=live}}</ref>
जर कोई व्यक्ती दुसरे व्यक्ती को 'जयभीम' बोलता हैं, तो सामने वाला व्यक्ती भी 'जयभीम' या 'सप्रेम जयभीम' (प्यार भरा जयभीम) कहकर उसके संबोधन का जवाब देता है। जयभीम का उपयोग आमतौर पर प्रत्यक्ष व्यक्ती या समुदाय के सामने, फोन पर, टेक्ट्स आदी के जरीये किया जाता है। जय भीम वाक्यांश अम्बेडकर के एक अनुयायी बाबू एल एन हरदास द्वारा गढ़ा गया था।<ref>{{Cite book|last=Ramteke|first=P. T.|title=Jai Bhim che Janak Babu Hardas L. N.|language = mr}}</ref> बाबू हरदास ने भीम विजय संघ के श्रमिकों की मदद से अभिवादन के इस तरीके को बढ़ावा दिया।<ref>{{Cite web|last=Jamnadas|first=K.|title=Jai Bhim and Jai Hind|url=http://www.ambedkar.org/jamanadas/JaiBhim.htm|access-date=16 अप्रैल 2017|archive-url=https://web.archive.org/web/20180325082336/http://www.ambedkar.org/jamanadas/JaiBhim.htm|archive-date=25 मार्च 2018|url-status=dead}}</ref>


== संदर्भ ==
== संदर्भ ==

08:07, 28 अगस्त 2020 का अवतरण

भारतीय बौद्ध ध्वज (भीम ध्वज) पर ‘जय भीम’

जय भीम आम्बेडकरवादियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाला एक अभिवादन वाक्यांश हैं, खासकर उन लोगों द्वारा जिन्होंने बाबासाहेब आम्बेडकर की प्रेरणा से अपने को बौद्ध धर्म में परिवर्तित किया। यह हिंदूओं द्वारा भी इस्तेमाल किया जाता है।[1] जय भीम का अर्थ है "भीम की जीत हो" या "डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर जिंदाबाद"। यह अपने मूल अर्थ से धार्मिक नहीं है। इसे धार्मिक वाक्यांश के रूप में नहीं माना जाता। अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, वामपंथियों, उदारवादियों लोगों द्वारा इसे अभिवादन का एक शब्द के रूप में और भीमराव आम्बेडकर के प्रति सम्मान के प्रतीक के रूप में जाना जाता हैं।[2][3][4]

कवि बिहारी लाल हरित ने जय भीम का प्रयोग पहली बार कविता के माध्यम से दिल्ली में किया ।[5][6][7]

जर कोई व्यक्ती दुसरे व्यक्ती को 'जयभीम' बोलता हैं, तो सामने वाला व्यक्ती भी 'जयभीम' या 'सप्रेम जयभीम' (प्यार भरा जयभीम) कहकर उसके संबोधन का जवाब देता है। जयभीम का उपयोग आमतौर पर प्रत्यक्ष व्यक्ती या समुदाय के सामने, फोन पर, टेक्ट्स आदी के जरीये किया जाता है। जय भीम वाक्यांश अम्बेडकर के एक अनुयायी बाबू एल एन हरदास द्वारा गढ़ा गया था।[8] बाबू हरदास ने भीम विजय संघ के श्रमिकों की मदद से अभिवादन के इस तरीके को बढ़ावा दिया।[9]

संदर्भ

  1. Mohit, A. "Jai Bhim Status". मूल से 7 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 जनवरी 2019.
  2. Uttar Pradesh Chief Minister Mayawati made it clear after the fatwa against it by an Islamic seminary."Fatwa on BSP Slogan Sparks Off Debate". मूल से 18 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 अप्रैल 2017.
  3. Christophe, Jaffrelot (2005). Dr Ambedkar and untouchability: analysing and fighting caste. पपृ॰ 154–155. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-85065-449-0. |ISBN= और |isbn= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)
  4. http://14.139.13.47:8080/jspui/bitstream/10603/177842/5/05_chapter%203.pdf
  5. "संग्रहीत प्रति". मूल से 28 जनवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 जून 2020.
  6. https://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/212615/6/chapter-2.pdf
  7. https://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/123911/8/08_chapter%203.pdf
  8. Ramteke, P. T. Jai Bhim che Janak Babu Hardas L. N. (मराठी में).
  9. Jamnadas, K. "Jai Bhim and Jai Hind". मूल से 25 मार्च 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 अप्रैल 2017.

साँचा:भीमराव आम्बेडकर