"भिन्न": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Cake quarters.svg|right|thumb|300px|एक केक के चार भाग दर्शाए गये हैं। उसमें से एक भाग को निकाल दिया गया है। इसी को दूसरे शब्दों में कहेंगे कि केक का <math>\tfrac{1}{4}</math>भाग काटकर निकाल दिया गया है और <math>\tfrac{3}{4}</math> भाग बचा है।]]
Hello!! my name is Mohita . I am a student of class 4th of MP middle

school. today I will explain you about a fractions .let's begin. I have a apple I can eat this apple but I can share this apple with my brother what can I do idea!! I will cut it into two parts so I can give one part to my brother and one part for my
'''भिन्न''' (Fraction) एक [[संख्या]] है जो पूर्ण के किसी भाग को दर्शाती है। भिन्न दो पूर्ण संख्याओं का भागफल है। भिन्न का एक उदाहरण है <math>\tfrac{3}{5}</math> जिसमें 3 [[अंश]] कहलाता है और 5 [[भिन्न|हर]] कहलाता है।
so now first Apple is a whole Apple and second Apple is a part of an apple we can that a part of a whole is known as fraction types of fraction there are 8 types of fraction 1st is proper fraction
2nd is improper fraction
3rd is mixed fraction
Forth is like fraction
5th is unlike fraction
6 is whole fraction
7th is unit fraction
8th is equivalent fraction


== भिन्नों के विभिन्न रूप ==
== भिन्नों के विभिन्न रूप ==

03:12, 18 अगस्त 2020 का अवतरण

एक केक के चार भाग दर्शाए गये हैं। उसमें से एक भाग को निकाल दिया गया है। इसी को दूसरे शब्दों में कहेंगे कि केक का भाग काटकर निकाल दिया गया है और भाग बचा है।

भिन्न (Fraction) एक संख्या है जो पूर्ण के किसी भाग को दर्शाती है। भिन्न दो पूर्ण संख्याओं का भागफल है। भिन्न का एक उदाहरण है जिसमें 3 अंश कहलाता है और 5 हर कहलाता है।

भिन्नों के विभिन्न रूप

भिन्नों के कई रूप हैं:

(1) उचित भिन्नों के अंश का परम मान उनके हर के परम मान से कम होता है, जैस 3/4, 2/3,5/7

(2) विषम भिन्नों के अंश का परम मान उनके हर के परम मान से ज़्यादा होता है, जैस 5/4,8/3,5/3

(3) मिश्रित भिन्नों के दो भाग हैं: एक भाग पूर्ण संख्या होता है और एक भाग उचित भिन्न होता है, जैसे

(4) तुल्य भिन्नों की राशियाँ समान होती हैं, जैसे और

क/ख में यदि क < ख तो भिन्न उचित भिन्न कहलाता है और यदि क > ख, तो भिन्न अनुचित भिन्न कहलाता है। इसको साधारण भाषा में दो प्रकार से समझा सकते हैं :

(1) यदि किसी राशि को ख बराबर भागों में बाटें और उनमें से क भाग ले लें, तो इन क भागों का पूरी राशि का क/ख भाग कहते हैं, या
(2) इस प्रकार की यदि क राशियाँ ले और उनके ख बराबर भाग करें, तो प्रत्येक को एक राशि के क/ख भाग कहते हैं। दो संख्याओं क और ख के अनुपात को भी क/ख भिन्न से व्यक्त किया जाता है। यदि भिन्न क/ख में क या ख को किसी भिन्न से बदल दें तो इस प्रकार बनी भिन्न को मिश्र भिन्न कहते हैं, जबकि मूल भिन्न को सरल भिन्न कहते हैं, जैसे, 3/5 सरल भिन्न है, परंतु (३/४) / (५/७) मिश्र भिन्न के उदाहरण हैं। मिश्र भिन्न को और भी व्यापक बनाया जा सकता है। अंश और हर के बजाय एक भिन्न के बहुत से भिन्नों का योग, अंतर गुणनफल, भागफल हो सकता है। जब भिन्न का हर भिन्न हो, जिसका हर फिर भिन्न हो तथा इसी तरह चलता रहे, तो एसी भिन्न को वितत भिन्न कहते हें, जैसे

भिन्नों के नियम

भिन्नों के नियम निम्नलिखित है :

  • यदि अंश और हर को एक ही संख्या से गुणा या भाग दें तो भिन्न के मान में कोई अंतर नहीं पड़ता, अर्थात्‌
a/b = (ak)/(bk)

इतिहास

अलग-अलग देशों में भिन्नों को लिखने के अलग अलग ढंग थे। भारत में अति प्राचीन काल से भिन्न का ज्ञान था। ऋग्वेद में अर्ध (1/2) और त्रिपाद (3/4) आया हुआ है।[1] भिन्न लिखने का आधुनिक ढंग भारत की देन है। ब्रह्मगुप्त (628 ई॰ और भास्कर (1150 ई॰) ने भिन्न को 3/4 के रूप में लिखा। अरब के लोगों ने दोनों संख्याओं के बीच में एक रेखा और लगा दी जिससे 3/4 लिखा जाने लगा।

दशमलव भिन्न

दशमलव अंकन पद्धति में भिन्न लिखने का दूसरा ढंग है, जो बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है। इस पद्धति में इकाई के दसवें, सौवें, हजारवें भाग को एक बिंदु के दाई ओर लिखकर प्रकट करते हैं। इस बिंदु को 'दशमलव बिंदु' और भिन्न को 'दशमलव भिन्न' कहते हैं, जैसे-

5.764 = 5 + 7/10 + 6/100 + 4/1000

दशमलव भिन्न को जोड़ने या घटाने के नियम वे ही हैं जो साधारण संख्याओं के लिये हैं। गुणा का नियम यह है कि संख्या को साधारण संख्याओं की तरह गुणा कर गुणनफल में दशमलव बिंदु उतने अंकों के पहले लगाते हैं जो गुणक और गुण्य के दशमलव के बाद के स्थानों का जोड़ होता है, जैसे 4.567 x 3.0024 = 13.7119608 पहले 4,567 और 30,024 का गुणा करें और दाईं ओर से 3+4 स्थान गिनकर दशमलव लगाएँ।

वर्गमूल निकालते समय इसका प्रयोग अपरोक्ष रूप से बहुत पहले (ईसा से लगभग 1,500 वर्ष पूर्व) होता रहा है, जैसे 5 वर्गमूल निकालने तक के लिये 50,000 का वर्गमूल निकालकर फल को 100 से भाग देते हैं।

बहुत छोटी या बहुत बड़ी संख्याओं का निरूपण

आजकल छोटी और अत्यधिक बड़ी संख्याओं का प्रयोग होता है। इनको सरलता से घात पद्धति से व्यक्त करते हैं तथा इन्हें इस प्रकार लिखते हैं: 0.000003 = 3 x 10-6 या 3,40,000 = 3.4 x 5 इस प्रकार लिखने से बड़ी बड़ी संख्याएँ सूक्ष्म रूप में लिखी जा सकती हैं और मस्तिष्क में संख्या के संनिकट परिणाम का आभास तुरंत हो जाता है।

इन्हें भी देखिए

सन्दर्भ

  1. Fractions in Ancient Indian Mathematics Archived 2016-10-13 at the वेबैक मशीन (I. Śykorov ́aCharles University, Faculty of Mathematics and Physics, Prague, Czech Republic.)