"श्लेष अलंकार": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
→‎उदाहरण: I added its definition.
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
→‎सन्दर्भ: छोटा सा सुधार किया।
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
पंक्ति 28: पंक्ति 28:


[[श्रेणी:अलंकार]]
[[श्रेणी:अलंकार]]
[[श्रेणी:हिन्दी साहित्य]]जैसा की आपने देखा उपरोक्त वाक्यों में एक ही शब्द से अनेक अर्थ निकल रहे हैं अतः ये सारे उदाहरण श्लेष अलंकार के अंतर्गत आएँगे।
[[श्रेणी:हिन्दी साहित्य]]मे विभावाना अंलकार अच्छा अंलकार है

00:50, 7 अगस्त 2020 का अवतरण

परिभाषा

जहाँ किसी शब्द का प्रयोग एक ही बार हो लेकिन उसके अनेक अर्थ निकलते हैं, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

उदाहरण

उदाहरण १
चरण धरत चिंता करत, चितवत चारहु ओर।kbi
सुबरन को खोजत फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर।

यहाँ सुबरन का प्रयोग एक बार किया गया, किन्तु पंक्ति में प्रयुक्त सुबरन शब्द के तीन अर्थ हैं; कवि के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ अच्छे शब्द, व्यभिचारी के सन्दर्भ में सुबरन अर्थ सुन्दर वर, चोर के सन्दर्भ में सुबरन का अर्थ सोना है।

उदाहरण २
पानी गये न ऊबरैँ, मोती मानुष चून।

यहाँ पानी का प्रयोग तीन बार किया गया है, किन्तु दूसरी पंक्ति में प्रयुक्त पानी शब्द के तीन अर्थ हैं; मोती के सन्दर्भ में पानी का अर्थ चमक या कान्ति, मनुष्य के सन्दर्भ में पानी का अर्थ इज्जत (सम्मान), चूने के सन्दर्भ में पानी का अर्थ साधारण पानी(जल) है।


उदाहरण-३ "जो रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय |

बारे अँधियारो करे, बढ़े अंधेरो होय ||

यहाँ बढ़े शब्द का १ बार प्रयोग हुआ है परन्तु उसके दो अर्थ निकल रहे हैं एक अर्थ है बालक के बड़ा होने से और दूसरा अर्थ है दीपक के बुझने से ।

सन्दर्भ

जैसा की आपने देखा उपरोक्त वाक्यों में एक ही शब्द से अनेक अर्थ निकल रहे हैं अतः ये सारे उदाहरण श्लेष अलंकार के अंतर्गत आएँगे।