"उत्तरकाण्ड": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
One sentence moved forward टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
संजीव कुमार (वार्ता | योगदान) रोहित साव27 के अवतरण 4747492पर वापस ले जाया गया : - (ट्विंकल) टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
[[उत्तरकाण्ड]] [[वाल्मीकि]] कृत [[रामायण]] और गोस्वामी [[तुलसीदास]] कृत [[श्रीरामचरितमानस|श्री राम चरित मानस]] का एक भाग (काण्ड या सोपान) है। |
[[उत्तरकाण्ड]] [[वाल्मीकि]] कृत [[रामायण]] और गोस्वामी [[तुलसीदास]] कृत [[श्रीरामचरितमानस|श्री राम चरित मानस]] का एक भाग (काण्ड या सोपान) है। |
||
[[उत्तरकाण्ड]] [[राम]] कथा का उपसंहार है। [[सीता]], [[लक्ष्मण]] और समस्त [[वानरसेना|वानर सेना]] के साथ [[राम]] [[अयोध्या]] वापस पहुँचे। [[राम]] का भव्य स्वागत हुआ, [[भरत]] के साथ सर्वजनों में आनन्द व्याप्त हो गया। वेदों और [[शिव]] की स्तुति के साथ [[राम]] का [[राज्याभिषेक]] हुआ। वानरों की विदाई दी गई। [[राम]] ने प्रजा को उपदेश दिया और प्रजा ने कृतज्ञता प्रकट की। |
[[उत्तरकाण्ड]] [[राम]] कथा का उपसंहार है। [[सीता]], [[लक्ष्मण]] और समस्त [[वानरसेना|वानर सेना]] के साथ [[राम]] [[अयोध्या]] वापस पहुँचे। [[राम]] का भव्य स्वागत हुआ, [[भरत]] के साथ सर्वजनों में आनन्द व्याप्त हो गया। वेदों और [[शिव]] की स्तुति के साथ [[राम]] का [[राज्याभिषेक]] हुआ। वानरों की विदाई दी गई। [[राम]] ने प्रजा को उपदेश दिया और प्रजा ने कृतज्ञता प्रकट की। चारों भाइयों के दो दो पुत्र हुये। [[रामराज्य]] ए आदर्श बन गया। |
||
एक दिन भगवान राम ने अश्वमेध यज्ञ करवाया और तब यज्ञ के अश्व को लव ओर कुश ने रोक लिया तब युद्ध हुआ । और अंत मे लव कुश को इस बात का ज्ञान हो गया कि वो राम के ही पुत्र है । तब उन्होंने राम राज्य सभा मे सबको रामायण सुनाई । ओर अंत मे सीता का रसातल प्रवेश हुआ । |
|||
विशेष:- मूल वाल्मिकी रामायण में उत्तर काण्ड नहीं है। केवल युद्ध काण्ड सहित छः काण्ड हैं। उत्तर काण्ड को बाद में जोड़ा गया है। |
विशेष:- मूल वाल्मिकी रामायण में उत्तर काण्ड नहीं है। केवल युद्ध काण्ड सहित छः काण्ड हैं। उत्तर काण्ड को बाद में जोड़ा गया है। |
||
पंक्ति 15: | पंक्ति 13: | ||
* [[सुन्दरकाण्ड]] |
* [[सुन्दरकाण्ड]] |
||
* [[लंकाकाण्ड]] |
* [[लंकाकाण्ड]] |
||
* [[रामायण आरती]] |
|||
* [[उतरकांड]] |
|||
* [[तुलसीदास]] |
|||
* [[वाल्मीकि]] |
|||
* [[रामायण]] |
|||
==संदर्भ== |
==संदर्भ== |
03:55, 28 जुलाई 2020 का अवतरण
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। स्रोत खोजें: "उत्तरकाण्ड" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
उत्तरकाण्ड वाल्मीकि कृत रामायण और गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस का एक भाग (काण्ड या सोपान) है।
उत्तरकाण्ड राम कथा का उपसंहार है। सीता, लक्ष्मण और समस्त वानर सेना के साथ राम अयोध्या वापस पहुँचे। राम का भव्य स्वागत हुआ, भरत के साथ सर्वजनों में आनन्द व्याप्त हो गया। वेदों और शिव की स्तुति के साथ राम का राज्याभिषेक हुआ। वानरों की विदाई दी गई। राम ने प्रजा को उपदेश दिया और प्रजा ने कृतज्ञता प्रकट की। चारों भाइयों के दो दो पुत्र हुये। रामराज्य ए आदर्श बन गया।
विशेष:- मूल वाल्मिकी रामायण में उत्तर काण्ड नहीं है। केवल युद्ध काण्ड सहित छः काण्ड हैं। उत्तर काण्ड को बाद में जोड़ा गया है।
इन्हें भी देखें
- बालकाण्ड
- अयोध्याकाण्ड
- अरण्यकाण्ड
- किष्किन्धाकाण्ड
- सुन्दरकाण्ड
- लंकाकाण्ड
- रामायण आरती
- तुलसीदास
- वाल्मीकि
- रामायण
संदर्भ
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |