"मदीनन सूरा": अवतरणों में अंतर

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'''मदीनन सूरतें''' (मदनी सूरतें) [[क़ुरआन]] की सब से बाद की वो 24 [[सूरा|सूरतें]] हैं जो ईस्लामी परंपरा के अनुसार, [[मदीना]] में [[मुहम्मद|मुहम्मद(सल्ल)]] और उनके [[सहाबा|साथियों]] के [[मक्का (शहर)|मक्का]] से [[हिजरत]] (देश त्याग) के बाद में प्रकट (प्रकाशित) हुई थीं।<br>
'''मदीनन सूरतें''' (मदनी सूरतें) [[क़ुरआन]] की सब से बाद की वो 24 [[सूरा|सूरतें]] हैं जो ईस्लामी परंपरा के अनुसार, [[मदीना]] में [[मुहम्मद|मुहम्मद(सल्ल)]] और उनके [[सहाबा|साथियों]] के [[मक्का (शहर)|मक्का]] से [[हिजरत]] (देश त्याग) के बाद में प्रकट (प्रकाशित) हुई थीं।<br>
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क़ुरआनी [[आयत (क़ुरआन)|आयतें]] अपने अवतरित होने के समय की दृष्टि से दो प्रकार की हैं। मक्की और मदनी।<ref>in Hindi [https://www.islaminhindi.com/2019/07/quran-general-knowledge-in-hindi.html क़ुरआन के बारे में दिलचस्प जानकारियां ] {{Webarchive|url=http://web.archive.org/web/20200719090726/https://www.islaminhindi.com/2019/07/quran-general-knowledge-in-hindi.html |date=19 july 2020 }} good result</ref>


ये सूरतें ईश्वर (अल्लाह) नें अवतरित की, जब [[मुसलमान|मुस्लिम समुदाय]] मक्का में पहले वाली अल्पसंख्यक स्थिति की तुलना में तादाद में ज़्यादा और अधिक विकसित था।
ये सूरतें ईश्वर (अल्लाह) नें अवतरित की, जब [[मुसलमान|मुस्लिम समुदाय]] मक्का में पहले वाली अल्पसंख्यक स्थिति की तुलना में तादाद में ज़्यादा और अधिक विकसित था।

09:21, 19 जुलाई 2020 का अवतरण

मदीनन सूरतें (मदनी सूरतें) क़ुरआन की सब से बाद की वो 24 सूरतें हैं जो ईस्लामी परंपरा के अनुसार, मदीना में मुहम्मद(सल्ल) और उनके साथियों के मक्का से हिजरत (देश त्याग) के बाद में प्रकट (प्रकाशित) हुई थीं।
क़ुरआनी आयतें अपने अवतरित होने के समय की दृष्टि से दो प्रकार की हैं। मक्की और मदनी।[1]

ये सूरतें ईश्वर (अल्लाह) नें अवतरित की, जब मुस्लिम समुदाय मक्का में पहले वाली अल्पसंख्यक स्थिति की तुलना में तादाद में ज़्यादा और अधिक विकसित था।

सन्दर्भ:

इन्हें भी देखें