"अर्थव्यवस्था": अवतरणों में अंतर

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'''अर्थव्यवस्था''' (Economy) उत्पादन, वितरण एवम खपत की एक सामाजिक व्यवस्था है। यह किसी देश या क्षेत्र विशेष में अर्थशास्त्र का गतित चित्र है। यह चित्र किसी विशेष अवधि का होता है। उदाहरण के लिए अगर हम कहते हैं ' समसामयिक भारतीय अर्थव्यवस्था ' तो इसका तात्पर्य होता है। वर्तमान समय में भारत की सभी आर्थिक गतिविधियों का वर्णन। <ref>अर्थव्यवस्था - रमेश सिंह, पृ २</ref> अर्थव्यवस्था अर्थशास्त्र की अवधारणाओं और सिद्धांतों का व्यवहारिक कार्य रूप आपको
'''अर्थव्यवस्था''' (Economy) उत्पादन, वितरण एवम खपत की एक सामाजिक व्यवस्था है। यह किसी देश या क्षेत्र विशेष में अर्थशास्त्र का गतित चित्र है। यह चित्र किसी विशेष अवधि का होता है। उदाहरण के लिए अगर हम कहते हैं ' समसामयिक भारतीय अर्थव्यवस्था ' तो इसका तात्पर्य होता है। वर्तमान समय में भारत की सभी आर्थिक गतिविधियों का वर्णन। <ref>अर्थव्यवस्था - रमेश सिंह, पृ २</ref>
अर्थव्यवस्था का अर्थ किसी देश का सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक ढांचा या संरचना है जिसमें वहां के लोग वैधानिक तरीकों से क्रियाएं कर जीवन यापन करते हैं।
किसी भी राष्ट्र द्वारा सामाजिक एवं आर्थिक सुधार करने के लिए उस देश के संसाधनों का उचित उपयोग होना आवश्यक है, इनका संपादन करने के लिए जो रणनीति बनाई जाती है [https://www.sayhindi.in/2020/07/indian-economy.html अर्थव्यवस्था कहलाती] है। अर्थव्यवस्था को सामान्यतः प्राथमिक द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्रों में वर्गीकृत किया जा सकता है।


== इतिहास ==
== इतिहास ==

08:35, 18 जुलाई 2020 का अवतरण

अर्थव्यवस्था (Economy) उत्पादन, वितरण एवम खपत की एक सामाजिक व्यवस्था है। यह किसी देश या क्षेत्र विशेष में अर्थशास्त्र का गतित चित्र है। यह चित्र किसी विशेष अवधि का होता है। उदाहरण के लिए अगर हम कहते हैं ' समसामयिक भारतीय अर्थव्यवस्था ' तो इसका तात्पर्य होता है। वर्तमान समय में भारत की सभी आर्थिक गतिविधियों का वर्णन। [1] अर्थव्यवस्था का अर्थ किसी देश का सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक ढांचा या संरचना है जिसमें वहां के लोग वैधानिक तरीकों से क्रियाएं कर जीवन यापन करते हैं। किसी भी राष्ट्र द्वारा सामाजिक एवं आर्थिक सुधार करने के लिए उस देश के संसाधनों का उचित उपयोग होना आवश्यक है, इनका संपादन करने के लिए जो रणनीति बनाई जाती है अर्थव्यवस्था कहलाती है। अर्थव्यवस्था को सामान्यतः प्राथमिक द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्रों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

इतिहास

अर्थशास्‍त्र से व्‍यक्ति वस्‍तु का विनिमिय तरीके से उपयोग करता है सन्धि विच्छेद करने पर यह दो शब्दो से मिलने पर बनता है: अर्थ एवम व्यवस्था। अर्थ का तात्पर्य है मुद्रा अर्थात् धन और व्यवस्था का मतलब है एक स्थापित कार्यप्रणाली। इस शब्द का सबसे प्राचीन उल्लेख कौटिल्य द्वारा लिखित ग्रन्थ अर्थशास्त्र में मिलता है। अर्थव्यवस्था का प्राचीन इतिहास सुमेर राजवन्श के समय से ज्ञात है जब वे वस्तु आधारित विनिमय प्रणाली का प्रयोग करते थे। मध्ययुगीन काल में अधिकान्श व्यापार सामाजिक समूह के अन्तर्गत ही होता थ। आधुनिक युग में अधिकान्श व्यापार युरोप के देशों द्वारा भिन्न देशों को गुलाम बना कर किया जाता रहा। तत्काल में अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत साम्यवाद और पूंजीवाद नाम कि दो विचारधाराओ का उद्भव हुआ है।

अर्थव्यवस्था के प्रकार

अर्थव्यवस्था को मुख्यतः निम्न सात भागो में बांटा जा सकता है- 1. समाजवादी अर्थव्यवस्था 2. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था 3. मिश्रित अर्थव्यवस्था 4. खुली अर्थव्यवस्था 5. बंद अर्थव्यवस्था 6. विकसित अर्थव्यवस्था 7. विकासशील अर्थव्यवस्था

सन्दर्भ

  1. अर्थव्यवस्था - रमेश सिंह, पृ २

बाहरी कड़ियाँ

1. अर्थव्यवस्था क्या हैं, क्या लौट रही है भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर? अभिगमन 18 जुलाई 2020