"हागिया सोफिया": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:İstanbul-Ayasofya.JPG|thumb|हागिया सोफिया का बाहरी दृश्य।]]
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'''हागिया सोफिया''' या '''आयासोफ़िया''' (Church of Holy Wisdom या वर्तमान आयादफया संग्रहालय) एक पूर्व पूर्वी [[आरथोडोकस चर्च]]<ref>{{cite web |url=http://www.newadvent.org/cathen/04301a.htm |title=(अंग्रेज़ी) कोंस्तान्तिनोप्ल |publisher=''न्यू एडवेंट'' |date=२००९ |accessdate=२८ जुलाई २०१२ |archive-url=https://web.archive.org/web/20091029211627/http://www.newadvent.org/cathen/04301a.htm |archive-date=29 अक्तूबर 2009 |url-status=live }}</ref> जिसे १४५३ में जीत कस्न्निया के बाद उस्मान बिजान्तिनों ने [[मस्जिद]] में बदल दिया। १९३५ में आतातुर्क ने उसकी गिरजे व मस्जिद के रूप समाप्त करके उसे संग्रहालय बना दिया।
'''हागिया सोफिया''' या '''आयासोफ़िया''' (Church of Holy Wisdom या वर्तमान आयादफया संग्रहालय) एक पूर्व पूर्वी [[आरथोडोकस चर्च]]<ref>{{cite web |url=http://www.newadvent.org/cathen/04301a.htm |title=(अंग्रेज़ी) कोंस्तान्तिनोप्ल |publisher=''न्यू एडवेंट'' |date=२००९ |accessdate=२८ जुलाई २०१२ |archive-url=https://web.archive.org/web/20091029211627/http://www.newadvent.org/cathen/04301a.htm |archive-date=29 अक्तूबर 2009 |url-status=live }}</ref> जिसे १४५३ में जीत कस्न्निया के बाद उस्मान बिजान्तिनों ने [[मस्जिद]] में बदल दिया। १९३५ में आतातुर्क ने उसकी गिरजे व मस्जिद के रूप समाप्त करके उसे संग्रहालय बना दिया था। जिसके बाद जुलाई २०२० में दुबारा से मस्जिद के रूप में कर दिया गया।
हागिया सोफिया तुर्की के शहर [[इस्तांबुल]] में स्थित है और बलाशक और संदेह दुनिया के इतिहास में सबसे इमारतों में गिना जाता है। <br />
हागिया सोफिया तुर्की के शहर [[इस्तांबुल]] में स्थित है और बलाशक और संदेह दुनिया के इतिहास में सबसे इमारतों में गिना जाता है। <br />
[[लातिनी भाषा]] में उसे '''सेंकटा सोफ़िया''' <small>(''Sancta Sophia'')</small> और [[तुर्की भाषा]] में '''आयासोफ़िया''' <small>(''Ayasofya'')</small> कहा जाता है। अंग्रेजी में कभी कभी उसे '''सेंट सोफ़िया'''<small>(''Saint Sophia'')</small> भी कहा जाता है।
[[लातिनी भाषा]] में उसे '''सेंकटा सोफ़िया''' <small>(''Sancta Sophia'')</small> और [[तुर्की भाषा]] में '''आयासोफ़िया''' <small>(''Ayasofya'')</small> कहा जाता है। अंग्रेजी में कभी कभी उसे '''सेंट सोफ़िया'''<small>(''Saint Sophia'')</small> भी कहा जाता है।

05:15, 11 जुलाई 2020 का अवतरण

हागिया सोफिया का बाहरी दृश्य।

हागिया सोफिया या आयासोफ़िया (Church of Holy Wisdom या वर्तमान आयादफया संग्रहालय) एक पूर्व पूर्वी आरथोडोकस चर्च[1] जिसे १४५३ में जीत कस्न्निया के बाद उस्मान बिजान्तिनों ने मस्जिद में बदल दिया। १९३५ में आतातुर्क ने उसकी गिरजे व मस्जिद के रूप समाप्त करके उसे संग्रहालय बना दिया था। जिसके बाद जुलाई २०२० में दुबारा से मस्जिद के रूप में कर दिया गया। हागिया सोफिया तुर्की के शहर इस्तांबुल में स्थित है और बलाशक और संदेह दुनिया के इतिहास में सबसे इमारतों में गिना जाता है।
लातिनी भाषा में उसे सेंकटा सोफ़िया (Sancta Sophia) और तुर्की भाषा में आयासोफ़िया (Ayasofya) कहा जाता है। अंग्रेजी में कभी कभी उसे सेंट सोफ़िया(Saint Sophia) भी कहा जाता है।

इतिहास

हागिया सोफिया एक आंतरिक दृश्य।

४ शताब्दी के दौरान यहां निर्माण होने वाले गिरजे कोई आसार अब नहीं। पहले गिरजे की तबाही के बाद कस्नटियन पन्ना बेटे कस्नटियस समीक्षा इसे बनवाया लेकिन ५३२ में चर्च भी दंगों और हंगामों की भेंट चढ़ गया। उसे जस्टेनीन पन्ना ने फिर निर्माण कराया और २७ दिसम्बर ५३७ ए को पूरा हुआ। यह चर्च आशबैलेह के गिरजे के निर्माण तक एक हजार से अधिक साल तक दुनिया का सबसे बड़ा चर्च है। हागिया सोफिया कई बार ज़ल्सलों का शिकार रहा जिसमें ५५८ में इसका गुंबद गरगया और ५६३ में उसकी जगह फिर लगाया जाने वाला गुंबद भी तबाह हो गया। ९८९ के भूकंप में भी उसे नुकसान पहुंचा। १४५३ में कस्न्निया की उस्मान साम्राज्य में शामिल होने के बाद हागिया सोफिया एक मस्जिद बना दिया गया और यह स्थिति १९३५ तक बरकरार रही जब कमाल आतातुर्क ने उसे संग्रहालय में तब्दील कर दिया।

गुंबद की तज़ईन रोगी अलग किया।

हागिया सोफिया निस्संदेह बीजान्टिन वास्तुकला का एक उत्कृष्ट था जिससे उस्मान वास्तुशिल्प ने जन्म लिया। इतमानीओं की स्थापित अन्य मस्जिदों प्रिंस मस्जिद सुलैमान मस्जिद और रुस्तम पाशा मस्जिद हागिया सोफिया के वास्तुशिल्प से प्रभावित हैं। उस्मान दौर में मस्जिद में कई निर्माण कार्य किए गए जिनमें सबसे प्रसिद्ध १६ वीं सदी के प्रसिद्ध विशेषज्ञ निर्माण निर्माता स्नान पाशा निर्माण है जिसमें नए मेनारों स्थापित भी शामिल थे जो आज तक कायम है। १९ वीं सदी में मस्जिद में मिम्बर निर्माण और मध्य में हज़रत मुहम्मद स उपकरण और स्लिम और चारों रिफ़ाइे राशदीन नाम की क्रतयाँ स्थापित की गईं। उसके सुंदर गुंबद का व्यास ३१ मीटर (१०२ फीट) है और यह ५६ मीटर ऊपर है।

सन्दर्भ

  1. "(अंग्रेज़ी) कोंस्तान्तिनोप्ल". न्यू एडवेंट. २००९. मूल से 29 अक्तूबर 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २८ जुलाई २०१२. Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)