"चंद्रवार का किला (फिरोजाबाद)": अवतरणों में अंतर
Rescuing 1 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1 |
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
== संदर्भ == |
== संदर्भ == |
||
1 https://web.archive.org/web/20161030121057/http://www.amarujala.com/uttar-pradesh/firozabad/Firozabad-90215-5 |
1 https://web.archive.org/web/20161030121057/http://www.amarujala.com/uttar-pradesh/firozabad/Firozabad-90215-5 |
||
2 https://m.youtube.com/watch?v=pdEMnndTSMI |
07:44, 5 जुलाई 2020 का अवतरण
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (मई 2020) स्रोत खोजें: "चंद्रवार का किला" फिरोजाबाद – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
चंद्रवार का किला जनपद फिरोजाबाद के अंतर्गत आता है चंद्रवार का किला (फिरोजाबाद) यहाँ पर मोहम्मद ग़ोरी एवम् जयचंद का युद्ध हुआ था। जैन विद्वानों की यह मान्यता थी कि ये कृष्ण भगवान के पिता वासुदेव द्वारा शसित रहा है कहा जाता है कि चंदवार नगर की स्थापना चंद्रसेन ने की थी। यमुना नदी ग्राम से होकर बहती है
चंद्रसेन के वंशज चंद्रपाल द्वारा बनवाए किले के अवशेष खंडहर इनकी विशालता एवं वैभव की कहानी कहते हैं पुरातात्विक दृष्टिकोण से चंदवार एक महत्वपूर्ण स्थान है सूफी साहब की दरगाह से लगभग 1 किलोमीटर दूर दक्षिण की ओर यमुना नदी के किनारे राजा चंद्रसेन के किले का टीला स्थित है इस टीले पर एक छोटी इमारत खड़ी है जिसके नीचे के भाग की ईट निकल रही है ऊपर आने के लिए एक जीना है जिसकी सीढ़ियां टूट गई है पानी से टीला कहीं-कहीं कट गया है ऐसी किवदंती है कि टीले पर दूब घास नहीं उगती जबकि खाई के बाहरी और यह खास उगती हैं
संदर्भ
1 https://web.archive.org/web/20161030121057/http://www.amarujala.com/uttar-pradesh/firozabad/Firozabad-90215-5 2 https://m.youtube.com/watch?v=pdEMnndTSMI