"के पी सक्सेना": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो HotCat द्वारा श्रेणी:२०१३ में निधन जोड़ी
Rescuing 10 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''के पी सक्सेना''' (जन्म: 1934 [[बरेली]]- मृत्यु: 31 अक्टूबर 2013 [[लखनऊ]]) भारत के एक हिन्दी [[व्यंग्य]] और फिल्म [[पटकथा]] लेखक<ref>{{cite news |title=KP Saxena to write screenplay for Anil Kapoor film|url=http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2003-02-03/lucknow/27274688_1_anil-kapoor-film-star-bollywood |publisher=द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया |date=Feb 3, 2003 }}</ref> थे। साहित्य जगत में उन्हें '''केपी''' के नाम से अधिक लोग जानते थे।
'''के पी सक्सेना''' (जन्म: 1934 [[बरेली]]- मृत्यु: 31 अक्टूबर 2013 [[लखनऊ]]) भारत के एक हिन्दी [[व्यंग्य]] और फिल्म [[पटकथा]] लेखक<ref>{{cite news |title=KP Saxena to write screenplay for Anil Kapoor film |url=http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2003-02-03/lucknow/27274688_1_anil-kapoor-film-star-bollywood |publisher=द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया |date=Feb 3, 2003 |access-date=31 अक्तूबर 2013 |archive-url=https://web.archive.org/web/20131102213216/http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2003-02-03/lucknow/27274688_1_anil-kapoor-film-star-bollywood |archive-date=2 नवंबर 2013 |url-status=live }}</ref> थे। साहित्य जगत में उन्हें '''केपी''' के नाम से अधिक लोग जानते थे।


उनकी गिनती वर्तमान समय के प्रमुख व्यंग्यकारों में होती है। [[हरिशंकर परसाई]] और [[शरद जोशी]] के बाद वे हिन्दी में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले व्यंग्यकार थे। उन्होंने लखनऊ के मध्यवर्गीय जीवन को लेकर अपनी रचनायें लिखीं। उनके लेखन की शुरुआत [[उर्दू]] में उपन्यास लेखन के साथ हुई थी लेकिन बाद में अपने गुरु [[अमृत लाल नागर]] की सलाह से हिन्दी व्यंग्य के क्षेत्र में आ गये। उनकी लोकप्रियता इस बात से ही आँकी जा सकती है कि आज उनकी लगभग पन्द्रह हजार प्रकाशित फुटकर व्यंग्य रचनायें हैं जो स्वयं में एक कीर्तिमान है। उनकी पाँच से अधिक फुटकर व्यंग्य की पुस्तकों के अलावा कुछ व्यंग्य [[उपन्यास]] भी छप चुके हैं।<ref>[http://lucknow.me/%E0%A4%AA%E0%A4%A6%E0%A4%AE%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AA%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A4%BE/ अज़ीमुश्शान शहंशाह – पदमश्री के.पी. सक्सेना]</ref>
उनकी गिनती वर्तमान समय के प्रमुख व्यंग्यकारों में होती है। [[हरिशंकर परसाई]] और [[शरद जोशी]] के बाद वे हिन्दी में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले व्यंग्यकार थे। उन्होंने लखनऊ के मध्यवर्गीय जीवन को लेकर अपनी रचनायें लिखीं। उनके लेखन की शुरुआत [[उर्दू]] में उपन्यास लेखन के साथ हुई थी लेकिन बाद में अपने गुरु [[अमृत लाल नागर]] की सलाह से हिन्दी व्यंग्य के क्षेत्र में आ गये। उनकी लोकप्रियता इस बात से ही आँकी जा सकती है कि आज उनकी लगभग पन्द्रह हजार प्रकाशित फुटकर व्यंग्य रचनायें हैं जो स्वयं में एक कीर्तिमान है। उनकी पाँच से अधिक फुटकर व्यंग्य की पुस्तकों के अलावा कुछ व्यंग्य [[उपन्यास]] भी छप चुके हैं।<ref>{{Cite web |url=http://lucknow.me/%E0%A4%AA%E0%A4%A6%E0%A4%AE%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AA%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A4%BE/ |title=अज़ीमुश्शान शहंशाह – पदमश्री के.पी. सक्सेना |access-date=31 अक्तूबर 2013 |archive-url=https://web.archive.org/web/20131101164600/http://lucknow.me/%E0%A4%AA%E0%A4%A6%E0%A4%AE%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AA%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A4%BE/ |archive-date=1 नवंबर 2013 |url-status=live }}</ref>


[[भारतीय रेलवे]] में नौकरी करने के अलावा हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं के लिये व्यंग्य लिखा करते थे। उन्होंने हिन्दी फिल्म [[लगान (२००१ फ़िल्म)|लगान]], [[हलचल (2004 फ़िल्म)|हलचल]] और [[स्वदेश]] की पटकथायें भी लिखी थी।<ref name=dna>{{cite news |title=BBC to broadcast weekly Hindi programme on bonded labour |url=http://www.dnaindia.com/india/report_bbc-to-broadcast-weekly-hindi-programme-on-bonded-labour_1388082 |publisher=DNA (newspaper)|date=मई 26, 2010 }}</ref>
[[भारतीय रेलवे]] में नौकरी करने के अलावा हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं के लिये व्यंग्य लिखा करते थे। उन्होंने हिन्दी फिल्म [[लगान (२००१ फ़िल्म)|लगान]], [[हलचल (2004 फ़िल्म)|हलचल]] और [[स्वदेश]] की पटकथायें भी लिखी थी।<ref name=dna>{{cite news |title=BBC to broadcast weekly Hindi programme on bonded labour |url=http://www.dnaindia.com/india/report_bbc-to-broadcast-weekly-hindi-programme-on-bonded-labour_1388082 |publisher=DNA (newspaper) |date=मई 26, 2010 |access-date=31 अक्तूबर 2013 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121005133057/http://www.dnaindia.com/india/report_bbc-to-broadcast-weekly-hindi-programme-on-bonded-labour_1388082 |archive-date=5 अक्तूबर 2012 |url-status=live }}</ref>


उन्हें [[2000]] में भारत सरकार द्वारा [[पद्मश्री]] से सम्मानित किया गया था।<ref>{{cite web|title=Padma Awards Directory (1954-2009)|publisher=गृह मंत्रालय (India)|url=http://www.mha.nic.in/pdfs/LST-PDAWD.pdf}}</ref>
उन्हें [[2000]] में भारत सरकार द्वारा [[पद्मश्री]] से सम्मानित किया गया था।<ref>{{cite web|title=Padma Awards Directory (1954-2009)|publisher=गृह मंत्रालय (India)|url=http://www.mha.nic.in/pdfs/LST-PDAWD.pdf|access-date=31 अक्तूबर 2013|archive-url=https://web.archive.org/web/20130510095705/http://www.mha.nic.in/pdfs/LST-PDAWD.pdf|archive-date=10 मई 2013|url-status=dead}}</ref>


वे [[कैंसर]] से पीड़ित थे। उनका निधन 31 अक्टूबर 2013 को लखनऊ में हुआ।<ref name="cgkhabar.com">[http://cgkhabar.com/satirist-kp-saxena-no-more-20131031/ छतीसगढ़ खबर, 31 अक्टूबर 2013, शीर्षक: लेखक के.पी. सक्सेना नही रहे]</ref>
वे [[कैंसर]] से पीड़ित थे। उनका निधन 31 अक्टूबर 2013 को लखनऊ में हुआ।<ref name="cgkhabar.com">{{Cite web |url=http://cgkhabar.com/satirist-kp-saxena-no-more-20131031/ |title=छतीसगढ़ खबर, 31 अक्टूबर 2013, शीर्षक: लेखक के.पी. सक्सेना नही रहे |access-date=31 अक्तूबर 2013 |archive-url=https://web.archive.org/web/20131101205243/http://cgkhabar.com/satirist-kp-saxena-no-more-20131031/ |archive-date=1 नवंबर 2013 |url-status=live }}</ref>


== संक्षिप्त जीवन परिचय ==
== संक्षिप्त जीवन परिचय ==
के पी सक्सेना का जन्म सन् 1934 में बरेली में हुआ था।<ref name="ReferenceA">[[डॉ॰ गिरिराज शरण अग्रवाल]] एवं डॉ॰ मीना अग्रवाल '''हिन्दी साहित्यकार सन्दर्भ कोश''' (दूसरा भाग) [[संस्करण]]:2006, ISBN 81-85139-29-6, प्रकाशक: [[हिन्दी साहित्य निकेतन, बिजनौर]], पृष्ठ: 91</ref> उनका पूरा नाम कालिका प्रसाद सक्सेना था। केपी जब केवल 10 वर्ष के थे उनके पिता का निधन हो गया। उनकी माँ उन्हें लेकर बरेली से लखनऊ अपने भाई के पास आ गयी। केपी के मामा रेलवे में नौकरी करते थे। चूँकि मामा के कोई औलाद न थी अत: उन्होंने केपी को अपने बच्चे की तरह पाला। केपी ने वनस्पतिशास्त्र (बॉटनी) में स्नातकोत्तर (एमएससी) की उपाधि प्राप्त की और कुछ समय तक लखनऊ के एक कॉलेज में अध्यापन कार्य किया।<ref name="समय लाइव">{{cite news |title=साहित्य जगत को बड़ी क्षति, हास्‍यव्‍यंग्‍य कवि केपी सक्‍सेना नहीं रहे |url=http://www.samaylive.com/nation-news-in-hindi/237602/pics-noted-hindi-satirist-writer-kp-saxena-passes-away.html?id=32722#photo |publisher=समय लाइव |date=1 नवम्बर Nov 2013 }}</ref>
के पी सक्सेना का जन्म सन् 1934 में बरेली में हुआ था।<ref name="ReferenceA">[[डॉ॰ गिरिराज शरण अग्रवाल]] एवं डॉ॰ मीना अग्रवाल '''हिन्दी साहित्यकार सन्दर्भ कोश''' (दूसरा भाग) [[संस्करण]]:2006, ISBN 81-85139-29-6, प्रकाशक: [[हिन्दी साहित्य निकेतन, बिजनौर]], पृष्ठ: 91</ref> उनका पूरा नाम कालिका प्रसाद सक्सेना था। केपी जब केवल 10 वर्ष के थे उनके पिता का निधन हो गया। उनकी माँ उन्हें लेकर बरेली से लखनऊ अपने भाई के पास आ गयी। केपी के मामा रेलवे में नौकरी करते थे। चूँकि मामा के कोई औलाद न थी अत: उन्होंने केपी को अपने बच्चे की तरह पाला। केपी ने वनस्पतिशास्त्र (बॉटनी) में स्नातकोत्तर (एमएससी) की उपाधि प्राप्त की और कुछ समय तक लखनऊ के एक कॉलेज में अध्यापन कार्य किया।<ref name="समय लाइव">{{cite news |title=साहित्य जगत को बड़ी क्षति, हास्‍यव्‍यंग्‍य कवि केपी सक्‍सेना नहीं रहे |url=http://www.samaylive.com/nation-news-in-hindi/237602/pics-noted-hindi-satirist-writer-kp-saxena-passes-away.html?id=32722#photo |publisher=समय लाइव |date=1 नवम्बर Nov 2013 |access-date=2 नवंबर 2013 |archive-url=https://web.archive.org/web/20131103122404/http://www.samaylive.com/nation-news-in-hindi/237602/pics-noted-hindi-satirist-writer-kp-saxena-passes-away.html?id=32722#photo |archive-date=3 नवंबर 2013 |url-status=live }}</ref>


बाद में उन्हें [[उत्तर रेलवे]] में सरकारी नौकरी के साथ-साथ उनकी पसन्द के [[शहर]] लखनऊ में ही पोस्टिंग मिल गयी। इसके बाद वे लखनऊ में ही स्थायी रूप से बस गये। उन्होंने अनगिनत व्यंग्य रचनाओं के अलावा [[आकाशवाणी]] और [[दूरदर्शन]] के लिए कई नाटक और धारावाहिक भी लिखे। '''बीबी नातियों वाली''' धारावाहिक बहुत लोकप्रिय हुआ। उनकी लोकप्रियता का अन्दाज़ इसी से लगाया जा सकता है कि था कि मूलत: व्यंग्य लेखक होने के बावजूद उन्हें [[कवि सम्मेलन]] में भी बुलाया जाता था।
बाद में उन्हें [[उत्तर रेलवे]] में सरकारी नौकरी के साथ-साथ उनकी पसन्द के [[शहर]] लखनऊ में ही पोस्टिंग मिल गयी। इसके बाद वे लखनऊ में ही स्थायी रूप से बस गये। उन्होंने अनगिनत व्यंग्य रचनाओं के अलावा [[आकाशवाणी]] और [[दूरदर्शन]] के लिए कई नाटक और धारावाहिक भी लिखे। '''बीबी नातियों वाली''' धारावाहिक बहुत लोकप्रिय हुआ। उनकी लोकप्रियता का अन्दाज़ इसी से लगाया जा सकता है कि था कि मूलत: व्यंग्य लेखक होने के बावजूद उन्हें [[कवि सम्मेलन]] में भी बुलाया जाता था।
पंक्ति 29: पंक्ति 29:
* श्री गुल सनोवर की कथा
* श्री गुल सनोवर की कथा
== सम्मान ==
== सम्मान ==
केपी की व्यंग्य रचनाओं की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें सन् [[2000]] में भारत सरकार का विशेष अलंकरण [[पद्मश्री सम्मान]] प्रदान किया गया।<ref>[http://www.hindustantimes.com/entertainment/tabloid/noted-satirist-kp-saxena-dies/article1-1145848.aspx Noted satirist KP Saxena dies] - 31 अक्टूबर 2013 को [[हिन्दुस्तान टाइम्स]] में प्रकाशित [[प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया]] की एक खबर</ref>
केपी की व्यंग्य रचनाओं की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें सन् [[2000]] में भारत सरकार का विशेष अलंकरण [[पद्मश्री सम्मान]] प्रदान किया गया।<ref>[http://www.hindustantimes.com/entertainment/tabloid/noted-satirist-kp-saxena-dies/article1-1145848.aspx Noted satirist KP Saxena dies] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20131106124603/http://www.hindustantimes.com/entertainment/tabloid/noted-satirist-kp-saxena-dies/article1-1145848.aspx |date=6 नवंबर 2013 }} - 31 अक्टूबर 2013 को [[हिन्दुस्तान टाइम्स]] में प्रकाशित [[प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया]] की एक खबर</ref>
== सन्दर्भ ==
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
{{टिप्पणीसूची}}
पंक्ति 35: पंक्ति 35:
* [http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/25005320.cms सचमुच नाज-ए-लखनऊ हैं केपी सक्सेना] - 1 नवम्बर 2013 [[नवभारत टाइम्स]]
* [http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/25005320.cms सचमुच नाज-ए-लखनऊ हैं केपी सक्सेना] - 1 नवम्बर 2013 [[नवभारत टाइम्स]]
* [http://www.jagran.com/entertainment/bollywood-noted-satirist-kp-saxena-passes-away-10833610.html नहीं रहे प्रख्यात व्यंग्यकार और लेखक केपी सक्सेना] - जागरण न्यूज नेटवर्क [[नई दिल्ली]], 1 नवम्बर 2013 [[दैनिक जागरण]]
* [http://www.jagran.com/entertainment/bollywood-noted-satirist-kp-saxena-passes-away-10833610.html नहीं रहे प्रख्यात व्यंग्यकार और लेखक केपी सक्सेना] - जागरण न्यूज नेटवर्क [[नई दिल्ली]], 1 नवम्बर 2013 [[दैनिक जागरण]]
* [http://aajtak.intoday.in/story/renowned-writer-k-p-saxena-passes-away-1-746002.html जाने-माने लेखक केपी सक्‍सेना का निधन] - लखनऊ, 31 अक्टूबर 2013 [[आज तक]]
* [https://web.archive.org/web/20131102030755/http://aajtak.intoday.in/story/renowned-writer-k-p-saxena-passes-away-1-746002.html जाने-माने लेखक केपी सक्‍सेना का निधन] - लखनऊ, 31 अक्टूबर 2013 [[आज तक]]
* [http://www.hindustantimes.com/entertainment/tabloid/noted-satirist-kp-saxena-dies/article1-1145848.aspx Noted satirist KP Saxena dies] - 31 अक्टूबर 2013 को [[हिन्दुस्तान टाइम्स]] में प्रकाशित [[प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया]] की एक खबर
* [https://web.archive.org/web/20131106124603/http://www.hindustantimes.com/entertainment/tabloid/noted-satirist-kp-saxena-dies/article1-1145848.aspx Noted satirist KP Saxena dies] - 31 अक्टूबर 2013 को [[हिन्दुस्तान टाइम्स]] में प्रकाशित [[प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया]] की एक खबर
* [http://www.samaylive.com/nation-news-in-hindi/237602/pics-noted-hindi-satirist-writer-kp-saxena-passes-away.html?id=32722#photo Pics: साहित्य जगत को बड़ी क्षति, हास्‍यव्‍यंग्‍य कवि केपी सक्‍सेना नहीं रहे] - सहारा समय लाइव पर केपी सक्सेना की तस्वीरें
* [https://web.archive.org/web/20131103122404/http://www.samaylive.com/nation-news-in-hindi/237602/pics-noted-hindi-satirist-writer-kp-saxena-passes-away.html?id=32722#photo Pics: साहित्य जगत को बड़ी क्षति, हास्‍यव्‍यंग्‍य कवि केपी सक्‍सेना नहीं रहे] - सहारा समय लाइव पर केपी सक्सेना की तस्वीरें
{{हिन्दी के प्रमुख व्यंग्यकार}}
{{हिन्दी के प्रमुख व्यंग्यकार}}



06:02, 16 जून 2020 का अवतरण

के पी सक्सेना (जन्म: 1934 बरेली- मृत्यु: 31 अक्टूबर 2013 लखनऊ) भारत के एक हिन्दी व्यंग्य और फिल्म पटकथा लेखक[1] थे। साहित्य जगत में उन्हें केपी के नाम से अधिक लोग जानते थे।

उनकी गिनती वर्तमान समय के प्रमुख व्यंग्यकारों में होती है। हरिशंकर परसाई और शरद जोशी के बाद वे हिन्दी में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले व्यंग्यकार थे। उन्होंने लखनऊ के मध्यवर्गीय जीवन को लेकर अपनी रचनायें लिखीं। उनके लेखन की शुरुआत उर्दू में उपन्यास लेखन के साथ हुई थी लेकिन बाद में अपने गुरु अमृत लाल नागर की सलाह से हिन्दी व्यंग्य के क्षेत्र में आ गये। उनकी लोकप्रियता इस बात से ही आँकी जा सकती है कि आज उनकी लगभग पन्द्रह हजार प्रकाशित फुटकर व्यंग्य रचनायें हैं जो स्वयं में एक कीर्तिमान है। उनकी पाँच से अधिक फुटकर व्यंग्य की पुस्तकों के अलावा कुछ व्यंग्य उपन्यास भी छप चुके हैं।[2]

भारतीय रेलवे में नौकरी करने के अलावा हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं के लिये व्यंग्य लिखा करते थे। उन्होंने हिन्दी फिल्म लगान, हलचल और स्वदेश की पटकथायें भी लिखी थी।[3]

उन्हें 2000 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।[4]

वे कैंसर से पीड़ित थे। उनका निधन 31 अक्टूबर 2013 को लखनऊ में हुआ।[5]

संक्षिप्त जीवन परिचय

के पी सक्सेना का जन्म सन् 1934 में बरेली में हुआ था।[6] उनका पूरा नाम कालिका प्रसाद सक्सेना था। केपी जब केवल 10 वर्ष के थे उनके पिता का निधन हो गया। उनकी माँ उन्हें लेकर बरेली से लखनऊ अपने भाई के पास आ गयी। केपी के मामा रेलवे में नौकरी करते थे। चूँकि मामा के कोई औलाद न थी अत: उन्होंने केपी को अपने बच्चे की तरह पाला। केपी ने वनस्पतिशास्त्र (बॉटनी) में स्नातकोत्तर (एमएससी) की उपाधि प्राप्त की और कुछ समय तक लखनऊ के एक कॉलेज में अध्यापन कार्य किया।[7]

बाद में उन्हें उत्तर रेलवे में सरकारी नौकरी के साथ-साथ उनकी पसन्द के शहर लखनऊ में ही पोस्टिंग मिल गयी। इसके बाद वे लखनऊ में ही स्थायी रूप से बस गये। उन्होंने अनगिनत व्यंग्य रचनाओं के अलावा आकाशवाणी और दूरदर्शन के लिए कई नाटक और धारावाहिक भी लिखे। बीबी नातियों वाली धारावाहिक बहुत लोकप्रिय हुआ। उनकी लोकप्रियता का अन्दाज़ इसी से लगाया जा सकता है कि था कि मूलत: व्यंग्य लेखक होने के बावजूद उन्हें कवि सम्मेलन में भी बुलाया जाता था।

जीवन के अन्तिम समय में उन्हें जीभ का कैंसर हो गया था जिसके कारण उन्हें 31 अगस्‍त 2013 को लखनऊ के एक निजी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। परन्तु इलाज से कोई लाभ न हुआ और आख़िरकार उन्होंने 31 अक्टूबर 2013 सुबह साढ़े 8 बजे दम तोड़ दिया।[5]

प्रमुख कृतियाँ

पाँच से अधिक फुटकर व्यंग्य की पुस्तकों के अलावा कुछ व्यंग्य उपन्यास उनकी धरोहर है।[6]

  • नया गिरगिट
  • कोई पत्थर से
  • मूँछ-मूँछ की बात
  • रहिमन की रेलयात्रा
  • रमइया तौर दुल्हिन
  • लखनवी ढँग से
  • बाप रे बाप
  • गज फुट इंच
  • बाजूबंद खुल-खुल जाय
  • श्री गुल सनोवर की कथा

सम्मान

केपी की व्यंग्य रचनाओं की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें सन् 2000 में भारत सरकार का विशेष अलंकरण पद्मश्री सम्मान प्रदान किया गया।[8]

सन्दर्भ

  1. "KP Saxena to write screenplay for Anil Kapoor film". द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया. Feb 3, 2003. मूल से 2 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अक्तूबर 2013.
  2. "अज़ीमुश्शान शहंशाह – पदमश्री के.पी. सक्सेना". मूल से 1 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अक्तूबर 2013.
  3. "BBC to broadcast weekly Hindi programme on bonded labour". DNA (newspaper). मई 26, 2010. मूल से 5 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अक्तूबर 2013.
  4. "Padma Awards Directory (1954-2009)" (PDF). गृह मंत्रालय (India). मूल (PDF) से 10 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अक्तूबर 2013.
  5. "छतीसगढ़ खबर, 31 अक्टूबर 2013, शीर्षक: लेखक के.पी. सक्सेना नही रहे". मूल से 1 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अक्तूबर 2013.
  6. डॉ॰ गिरिराज शरण अग्रवाल एवं डॉ॰ मीना अग्रवाल हिन्दी साहित्यकार सन्दर्भ कोश (दूसरा भाग) संस्करण:2006, ISBN 81-85139-29-6, प्रकाशक: हिन्दी साहित्य निकेतन, बिजनौर, पृष्ठ: 91
  7. "साहित्य जगत को बड़ी क्षति, हास्‍यव्‍यंग्‍य कवि केपी सक्‍सेना नहीं रहे". समय लाइव. 1 नवम्बर Nov 2013. मूल से 3 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 नवंबर 2013. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  8. Noted satirist KP Saxena dies Archived 2013-11-06 at the वेबैक मशीन - 31 अक्टूबर 2013 को हिन्दुस्तान टाइम्स में प्रकाशित प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया की एक खबर

बाहरी कड़ियाँ