"अनुसंधान एवं विकास": अवतरणों में अंतर
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* [http://books.google.co.in/books?id=pTDXEgHpwiAC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false अनुसंधान प्रविधि : सिद्धान्त और प्रक्रिया] (गूगल पुस्तक ; लेखक - एस एन गणेशन) |
* [https://web.archive.org/web/20121215051429/http://books.google.co.in/books?id=pTDXEgHpwiAC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false अनुसंधान प्रविधि : सिद्धान्त और प्रक्रिया] (गूगल पुस्तक ; लेखक - एस एन गणेशन) |
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* [https://web.archive.org/web/20191002015131/https://www.rdmag.com/ R&D Magazine]: |
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[[श्रेणी:अनुसंधान एवं विकास]] |
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00:12, 16 जून 2020 का अवतरण
अनुसंधान एवं विकास (Research and development ; often called R&D) योजनाबद्ध ढंग से किये गये सृजनात्मक कार्य को कहते हैं। इसका ध्येय मानव की ज्ञान-संपदा की वृद्धि करना होता है। इसमें मानव के बारे में, उसकी संस्कृति के बारे में एवं समाज के बारे में ज्ञान की वृद्धि भी शामिल है।
वाणिज्य की दुनिया में किसी उत्पाद के विकास की परिकल्पना (conception) करने का प्रभाग (phrase) अनुसंधान एवं विकास कहलाता है। इसका अर्थ है कि उत्पाद बनाने के लिये आवश्यक 'मूलभूत विज्ञान' पता होना चाहिये या यदि इस ज्ञान का अभाव है तो इसकी 'खोज' की जानी चाहिये - यह अनुसंधान का फेज कहलायेगा। किन्तु यदि उत्पाद से सम्बन्धित विज्ञान मौजूद है तो इस ज्ञान को एक उपयोगी उत्पाद में बदलना भी एक बड़ा काम होता है जिसे 'विकास' कहते हैं। अलग शब्दों में 'विकास' के लिये 'प्रौद्योगिकी' शब्द का भी प्रयोग किया जाता है जिसका मुख्य ध्येय उचित मूल्य, उचित आकार, उचित ऊर्जा-खपत आदि की प्राप्ति होता है।
बाहरी कड़ियाँ
- अनुसंधान प्रविधि : सिद्धान्त और प्रक्रिया (गूगल पुस्तक ; लेखक - एस एन गणेशन)
- R&D Magazine: अनुसंधान की समरसता