"राग गौड़सारङ्ग": अवतरणों में अंतर
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*[http://bharatiya-sangeet.blogspot.in/2016/09/blog-post.html राग गौड़ सारंग] |
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13:07, 15 जून 2020 के समय का अवतरण
गौड़ सारंग, भारतीय संगीत का एक राग है। इसके गायन का समय दोपहर (मध्याह्न काल) है।
ठाठ - कल्याण (मतान्तर में कई लोग इसे विलावल ठाठ से उत्पन्न भी मानते हैं)
वादी - ग
संवादी- ध
जाति- सम्पूर्ण (*वक्र सम्पूर्ण- अर्थात आरोह व अवरोह में सभी स्वरों का प्रयोग *वक्र होता है)
- विशेषताएं -
- तीव्र म का अल्प प्रयोग केवल आरोह में प के साथ ही होता है।
- नि का प्रयोग भी अल्प है।
- ' प रे' स्वर संगति का बहुतायत से प्रयोग किया जाता है।