"पाटण, गुजरात": अवतरणों में अंतर
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*[http://brahmbhattworld.com/?p=2053 पाटण के ऐतिहासिक स्थलों ने मन मोह लिया] |
*[https://web.archive.org/web/20160314120509/http://brahmbhattworld.com/?p=2053 पाटण के ऐतिहासिक स्थलों ने मन मोह लिया] |
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*[http://jamosnews.com/crime/unesco-acceptsgujarats-stepwell-rani-ki-vav-a-world-heritage/ यूनेस्को ने गुजरात के पाटण में स्थित ११ शताब्दी की रानी की वव (बावली) को विश्व धरोहर माना] |
*[http://jamosnews.com/crime/unesco-acceptsgujarats-stepwell-rani-ki-vav-a-world-heritage/ यूनेस्को ने गुजरात के पाटण में स्थित ११ शताब्दी की रानी की वव (बावली) को विश्व धरोहर माना] |
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04:05, 15 जून 2020 का अवतरण
पाटण | |
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नगर | |
रानी की वाव | |
उपनाम: पटोला नगर | |
देश | India |
राज्य | गुजरात |
जिला | पाटण ज़िला |
संस्थापक | वनराज छावड़ा |
ऊँचाई | 76 मी (249 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,33,744 |
• दर्जा | 26th (Gujarat) |
भाषाएँ | |
• आधिकारिक | गुजराती, हिन्दी |
समय मण्डल | IST (यूटीसी+5:30) |
PIN | 384265 |
Telephone code | 02766 |
वाहन पंजीकरण | GJ-24 |
It was also known as capital of rajputana state before independence. |
पाटण भारत के गुजरात प्रदेश का जिला एवं जिला-मुख्यालय है। यह एक प्राचीन नगर है जिसकी स्थापना ७४५ ई में वनराज छावडा ने की थी। राजा ने इसका नाम 'अन्हिलपुर पाटण' या 'अन्हिलवाड़ पाटन' रखा था। यह मध्यकाल में गुजरात की राजधानी हुआ करता था। इस नगर में बहुत से ऐतिहास स्थल हैं जिनमें हिन्दू एवं जैन मन्दिर, रानी की वाव आदि प्रसिद्ध हैं।
पाटण का प्राचीन नाम 'अन्हिलपुर' है। प्राचीन काल में इसे मुसलमानों ने खंडहर बना दिया था, उन्हीं खंडहरों पर पुन: नवीन पाटन ने प्रगति की है। महाराज भीम की रानी उद्यामती का बनवाया भवन खंडहर अवस्था में अब भी विद्यमान है। नगर के दक्षिण में एक प्रसिद्ध खान सरोवर है। एक जैन मंदिर में वनराजा की मूर्ति भी दर्शनीय है। नवीन पाटन मराठा लोगों के प्रयास का फल है। यह सरस्वती नदी से डेढ किमी की दूरी पर है। जैन मंदिरों की संख्या यहाँ एक सौ से भी अधिक है, पर ये विशेष कलात्मक नहीं हैं। खादी के व्यवसाय में इधर काफी उन्नति हुई है।