"खुद्दकनिकाय": अवतरणों में अंतर
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इस ग्रंथ में कुल १८ शीर्षक हैं जिनमें से १५ प्रमुख शीर्षक हैं।<ref>{{Cite web |url=http://pustak.org/bs/home.php?bookid=1239 |title=प्राचीन भारत की श्रेष्ठ कहानियाँ, लेखकः जगदीश चन्द्र जैन, प्रकाशक:भारतीय ज्ञानपीठ, प्रकाशित : मई ०९, २००३ |access-date=7 सितंबर 2008 |archive-url=https://web.archive.org/web/20071023080248/http://pustak.org/bs/home.php?bookid=1239 |archive-date=23 अक्तूबर 2007 |url-status=dead }}</ref><ref>पृष्ठ ९, पुस्तकःबुद्धवचन त्रिपिटकया न्हापांगु निकाय ग्रन्थ दीघनिकाय, वीरपूर्ण स्मृति ग्रन्थमाला भाग-३, अनुवादक:दुण्डबहादुर बज्राचार्य, भाषा:नेपालभाषा, मुद्रकःनेपाल प्रेस</ref>- |
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# खुद्दक पाठ |
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==बाहरी कड़ियाँ== |
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* [http://www.metta.lk/tipitaka/2Sutta-Pitaka/5Khuddaka-Nikaya/index.html Khuddaka Nikaya in Pali and English at "MettaNet - Lanka"] |
* [https://web.archive.org/web/20061018130538/http://www.metta.lk/tipitaka/2Sutta-Pitaka/5Khuddaka-Nikaya/index.html Khuddaka Nikaya in Pali and English at "MettaNet - Lanka"] |
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* [http://www.accesstoinsight.org/tipitaka/kn/index.html Khuddaka Nikaya in English at "Access to Insight"] |
* [https://web.archive.org/web/20160329223703/http://www.accesstoinsight.org/tipitaka/kn/index.html Khuddaka Nikaya in English at "Access to Insight"] |
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[[श्रेणी:त्रिपिटक]] |
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18:16, 14 जून 2020 का अवतरण
विनय पिटक | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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सुत्त पिटक | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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अभिधम्म पिटक | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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खुद्दकनिकाय (पालि भाषा:खुद्दक=छोटा) बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक का सुत्तपिटक का पाँचवा निकाय है। इसमें धम्मपद, उदान, इतिवुत्तक, सुत्तनिपात, थेर-थेरी गाथा, जातक आदि सोलह ग्रंथ संग्रहीत है। इनमें से कुछ में बुद्ध के प्रामाणिक वचनों का संग्रह हैं। यह छोटे सूत्रों का संकलन है।
निकाय विभाजन
इस ग्रंथ में कुल १८ शीर्षक हैं जिनमें से १५ प्रमुख शीर्षक हैं।[1][2]-
- खुद्दक पाठ
- धम्मपद
- उदान
- इतिवुत्तक
- सुत्तनिपात
- विमानवत्थु
- पेतवत्थु
- थेरगाथा
- थेरीगाथा
- जातक
- निद्देस
- पटिसंभिदामग्ग
- अपदान
- बुद्धवंस
- चरियापिटक
- नेत्तिपकरण
- पेटकोपदेस
- मिलिन्दपन्ह
टीका
- ↑ "प्राचीन भारत की श्रेष्ठ कहानियाँ, लेखकः जगदीश चन्द्र जैन, प्रकाशक:भारतीय ज्ञानपीठ, प्रकाशित : मई ०९, २००३". मूल से 23 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 सितंबर 2008.
- ↑ पृष्ठ ९, पुस्तकःबुद्धवचन त्रिपिटकया न्हापांगु निकाय ग्रन्थ दीघनिकाय, वीरपूर्ण स्मृति ग्रन्थमाला भाग-३, अनुवादक:दुण्डबहादुर बज्राचार्य, भाषा:नेपालभाषा, मुद्रकःनेपाल प्रेस