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प्रेम नारायण शुक्ल<strong> </strong>==<strong></strong>
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</p>

<p>
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डॉ प्रेम नारायण शुक्ल ( 2 अगस्त, 1914 - 12 जनवरी 1991) एक भारतीय हिंदी
[[चित्र:How to search for pages.JPG|centre|800px|]]
साहित्यकार, प्राध्यापक, लेखक तथा संपादक थे। उनकी प्रमुख कृतियां 'भारतेन्दु

की नाट्यकला', 'हिंदी साहित्य में विविधवाद ', 'संत साहित्य', 'संत कबीर' हैं।
==इन्हें भी देखें==
[[अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मलेन, प्रयाग]] के साहित्य मंत्री एवं संपादक
*[[विकिपीडिया:लेख का नाम कैसे रखें]]
के रूप में अनेक जन्मशती विशेषांकों, ग्रंथों का संपादन किया।
*[[विकिपीडिया:योगदान]]
</p>
*[[विकिपीडिया:सहायता]]
<p>

<strong> </strong>
[[श्रेणी:विकिपीडिया सहायता]]
<strong>=== 1 </strong>
<strong>जीवन परिचय</strong>
<strong> ===</strong>
</p>
<p>
डॉ प्रेम नारायण शुक्ल का जन्म कानपुर जिले की घाटमपुर तहसील के अंतर्गत ओरिया
ग्राम में 2 अगस्त, 1914 को हुआ था। जब वे पांच वर्ष के थे तब उनकी माता का
निधन हो गया था, पिता श्री नन्द किशोर शुक्ल, वैद्य थे। प्रारंभिक जीवन बहुत
अभावों में बीता, पर कभी हार नहीं मानी, संघर्ष करते हुए जीवन में निरंतर
अग्रसर रहे । उनकी सम्पूर्ण शिक्षा-दीक्षा कानपुर में ही हुई। वे डी॰ ए॰ वी॰
कॉलेज , कानपुर के मेधावी छात्रों में से थे।1941 में आगरा विश्वविद्यालय से
एम. ए.(हिंदी साहित्य ) की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में सर्वप्रथम स्थान
प्राप्त हुआ था (उस समय कानपुर के अधिकतर कॉलेज आगरा विश्वविद्यालय के अंतर्गत
आते थे )l अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन की 'साहित्यरत्न' परीक्षा में भी
प्रथम श्रेणी में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त हुआ।1952 में उनको आगरा
विश्वविद्यालय ने पी-एच॰ डी॰ तथा 1965 में डी॰ लिट्॰ की उपाधियों से सम्मानित
किया गयाl
</p>
<p>
श्री गणेश शंकर विद्यार्थी द्वारा चलाये गए अखबार 'प्रताप' से उन्होंने ने
अपने जीवन की शुरुआत एक लेखक के रूप में की l 1943 से उन्होंने डी॰ ए॰वी॰
डिग्री कॉलेज कानपुर में हिंदी विभाग में व्याख्याता के रूप में कार्य
प्रारम्भ किया और 1962 से 1977 तक वहीं पर विभागाध्यक्ष के पद पर रहे। अवकाश
ग्रहण करने के पश्चात् 1982 तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विशिष्ट प्रोफेसर
के मानक पद पर रहेl अध्यापन के समय संत साहित्य, साहित्यालोचन, उनके प्रिय
विषय थे। अनेक छात्रों ने अपने शोध ग्रन्थ उनके निर्देशन में पूरे किये। वे
निरंतर अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग से जुड़े रहे और लगभग तीन
दशक तक [[अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मलेन, प्रयाग | साहित्य-मंत्री]]
साहित्य-मंत्री के पद पर कार्य कियाl
</p>
<p>
12 जनवरी,1991 को वे पंचतत्व में विलीन हुएl ठीक एक वर्ष पूर्व 12 जनवरी, 1990
को इसी दिन उनके गुरु डॉ मुंशीराम शर्मा "सोम" - वेद मनीषी, का भी निधन हुआ
था, उनकी प्रथम पुण्य तिथि को स्मरण पर्व के रूप में मनाना चाहते थे और उसी के
लिए प्रयत्नशील भी थेl दो दिन पूर्व ही (10 जनवरी) ह्रदय में दर्द उठा,
अस्पताल में भर्ती किया गया, सारा समय उनका ध्यान अपने गुरु की पुण्य तिथि को
सफल बनाने पर था और अस्पताल में भी उसी के लिए प्रयत्नशील थेl जीवन पर्यत्न
गुरु का आशीर्वाद ले साहित्य साधना में लीन रहने वाले शिष्य शुक्ल जी का भी
महाप्रयाण उसी दिन हुआl गुरु-शिष्य परंपरा का अनूठा उद्हारण प्रस्तुत हुआ l
</p>
<p>
अक्टूबर सन 1940 में आचार्य रामचंद्र जी शुक्ल का 15-20 दिन के लिए कानपुर आना
हुआ था, उस समय प्रेम नारायण जी की मुलाकात उनसे कई बार हुई और अनेक साहित्यिक
चर्चाएं भी, परन्तु ये भेट प्रथम और अन्तिंम बन कर रह गयी। उसके बाद ही
रामचंद्र जी की मृत्यु हो गयी। उनकी पुण्य स्मृति में प्रेम नारायण जी एवं
श्रीनारायण जी ने कानपुर में 'साधना-सदन' संस्था की स्थापना के द्वारा हिंदी
साहित्य की मौलिक और ठोस सेवा का बीड़ा उठाया। सूरदास पर आलोचनात्मक सामग्री के
अभाव को पूरा करने के लिए ' सूर सौरभ' नामक पुस्तक संस्था का प्रथम प्रयास
था।[[ सूर सौरभ निवेदन
https://epustakalay.com/book/38879-sur-sourabh]]कालांतर में अनेक साहित्यिक
अनुष्ठान पूर्ण हुए। उसी की एक प्रस्तुति आचार्य रामचंद्र जी शुक्ल जन्मशती
विशेषांक के रूप में साहित्य जगत के सामने आयी, जिसका संपादन प्रेमनारायण जी
ने साहित्य सम्मलेन के अपने कार्यकाल में किया। उन्होंने हिंदी साहित्य के
विकास के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण साहित्यकारों पर सम्मलेन पत्रिका के स्मृति
विशेषांक, जन्मशती विशेषांक सम्पादित किये।
</p>
<p>
3 दिसंबर 1977 को कानपुर में आचार्य मुंशीराम शर्मा जी 'सोम' का उनके ७५ वर्ष
पूरे होने पर भव्य अभिनन्दन किया गया था जिसमें दिग्गज के साहित्यकारों जैसे
श्रीमती महादेवी वर्मा, डॉ रामकुमार वर्मा, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी,
आचार्य किशोरी प्रसाद बाजपेई, डॉ भगीरथ मिश्रा, डॉ विजेंद्र स्नातक, पंडित
लक्ष्मी शंकर मिश्र 'निशंक', आचार्य सीताराम चतुर्वेदी, आचार्य श्री नारायण
चतुर्वेदी, डॉ वागीश दत्त पांडेय आदि ने भाग लिया था। उसके बाद कानपुर को ऐसे
साहित्यिक विद्वतजनों का समागम वर्षों तक देखने को नहीं मिला। इस अवसर पर
'साधना और सर्जना' अभिनन्द ग्रन्थ भेंट किया गया, जिसका संपादन प्रेमनारायण
शुक्ल तथा वाल्मीकि त्रिपाठी ने किया था।
</p>
<p>
===<strong>2 </strong><strong>कृतियाँ</strong>===
</p>
<p>
2.1 पुस्तकें
</p>
<ul>
<li>
भारतेन्दु की नाट्यकला
</li>
<li>
हिंदी साहित्य में विविधवाद
</li>
</ul>
<p>
· संत साहित्य (भाषा परक अध्ययन)
</p>
<ul>
<li>
प्रेमचंद्र
</li>
<li>
संत कबीर
</li>
</ul>
<p>
· आचार्य मुंशीराम शर्मा 'सोम' : साधना और सर्जना (वाल्मीकि त्रिपाठी के साथ)
</p>
<ul>
<li>
सनेही रचनावरी (गया प्रसाद शुक्ल के साथ)
</li>
</ul>
<p>
2.2 संकलित एवं सम्पादित (पाठ्य पुस्तक के रूप में )
</p>
<ul>
<li>
हिंदी गद्य पारिजात
</li>
<li>
सुकवि सुधा
</li>
<li>
आधुनिक गद्य संग्रह
</li>
</ul>
<p>
2.3 सम्पादित
</p>
<ul>
<li>
सम्मेलन पत्रिका : जन्मशती विशेषांक
</li>
<li>
आचार्य रामचंद्र शुक्ल: जन्मशती विशेषांक
</li>
<li>
राजर्षिपुरुषोत्तम दास टंडन: जन्मशती विशेषांक
</li>
</ul>
<p>
· सम्मेलन पत्रिका भाग 62 : हिंदी दिवस - एक अंतर्दर्शन
</p>
<ul>
<li>
सम्मेलन पत्रिका भाग 68: पत्र विशेषांक
</li>
<li>
गया प्रसाद शुक्ल 'सनेही': जन्मशती विशेषांक
</li>
<li>
आचार्य परशुराम चतुर्वेदी -स्मृति विशेषांक
</li>
<li>
आचार्य नन्ददुलारे बाजपेई -स्मृति विशेषांक
</li>
<li>
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी- स्मृति विशेषांक
</li>
<li>
आचार्य परशुराम चतुर्वेदी -स्मृति विशेषांक आदि।
</li>
</ul>
<p>
===3 <strong>सम्मान</strong> ===<strong></strong>
</p>
<p>
1990 में [[उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान,| लखनऊ]] ने उनकी साहित्यिक सेवाओं के
लिए उन्हें विशेष पुरस्कार (रूपये 21,000/-) से सम्मानित किया थाl add pic of
samman
</p>
<p>
छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी, कानपुर विश्वविद्यालय में एम. ए. हिंदी की
परीक्षा में सर्वप्रथम आने वाले विद्यार्थी को प्रतिवर्ष उनके नाम का स्वर्ण
पदक दिया जाता हैl &lt;ref&gt;[
<a href="http://www.kanpuruniversity.org/hall_fame.htm">
http://www.kanpuruniversity.org/hall_fame.htm
</a>
]&lt;/ref&gt;
</p>
<p>
=== <strong>4 </strong><strong>इन्हे भी देखें</strong>===
</p>
<p>
<a
href="https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B2%E0%A4%A8_%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE"
title="सम्मेलन पत्रिका"
>
सम्मेलन पत्रिका
</a>
</p>
<p>
=== 5 संदर्भ===
</p>
<p>
'भारतेन्दु की नाट्यकला' (1949) कानपुर, साधना प्रेस &lt;ref&gt;[
<a
href="https://ia801607.us.archive.org/32/items/in.ernet.dli.2015.346661/2015.346661.Bhartendu-Ki.pdf"
>
https://ia801607.us.archive.org/32/items/in.ernet.dli.2015.346661/2015.346661.Bhartendu-Ki.pdf
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
हिंदी साहित्य में विविधवाद (1970) ( 2 संस्करण) इलाहबाद: लोकभारती प्रकाशन
&lt;ref&gt;[
<a
href="https://ia801609.us.archive.org/23/items/in.ernet.dli.2015.480088/2015.480088.Hindi-Sahithya.pdf"
>
https://ia801609.us.archive.org/23/items/in.ernet.dli.2015.480088/2015.480088.Hindi-Sahithya.pdf
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
संत साहित्य (भाषा परक अध्ययन) (1986) (2 संस्करण) कानपुर: ग्रन्थम
&lt;ref&gt;[
<a
href="https://ia601605.us.archive.org/15/items/in.ernet.dli.2015.494020/2015.494020.Sant-Sahitya.pdf"
>
https://ia601605.us.archive.org/15/items/in.ernet.dli.2015.494020/2015.494020.Sant-Sahitya.pdf
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
आचार्य मुंशीराम शर्मा 'सोम' : साधना और सर्जना (1977) कानपुर: ग्रन्थम
</p>
<p>
&lt;ref&gt;[
<a
href="http://www-lib.tufs.ac.jp/opac/en/recordID/catalog.bib/BA46220847?hit=1&amp;caller=xc-search"
>
http://wwwlib.tufs.ac.jp/opac/en/recordID/catalog.bib/BA46220847?hit=1&amp;caller=xc-search
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
सनेही रचनावरी (1984) प्रयाग: हिंदी साहित्य सम्मेलन
</p>
<p>
&lt;ref&gt;[
<a
href="http://www-lib.tufs.ac.jp/opac/en/recordID/catalog.bib/BA27273405?hit=3&amp;caller=xc-search"
>
http://wwwlib.tufs.ac.jp/opac/en/recordID/catalog.bib/BA27273405?hit=3&amp;caller=xc-search
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
हिंदी गद्य पारिजात (1953) प्रयाग : हिंदी साहित्य सम्मेलन &lt;ref&gt;[
<a
href="https://ia801603.us.archive.org/22/items/in.ernet.dli.2015.538543/2015.538543.Hindi-Gadhya.pdf"
>
https://ia801603.us.archive.org/22/items/in.ernet.dli.2015.538543/2015.538543.Hindi-Gadhya.pdf
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
आधुनिक गद्य संग्रह(1979) प्रयाग: हिंदी साहित्य सम्मेलन &lt;ref&gt;[
<a
href="https://ia601601.us.archive.org/11/items/in.ernet.dli.2015.442323/2015.442323.Adhunik-Gadh.pdf"
>
https://ia601601.us.archive.org/11/items/in.ernet.dli.2015.442323/2015.442323.Adhunik-Gadh.pdf
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
&lt;ref&gt;[
<a
href="https://www.exoticindiaart.com/book/details/modern-prose-collection-MZD083/"
>
https://www.exoticindiaart.com/book/details/modern-prose-collection-MZD083/
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
सम्मेलन पत्रिका : जन्मशती विशेषांक (1955) ) प्रयाग: हिंदी साहित्य सम्मेलन
&lt;ref&gt;[
<a
href="https://www.exoticindiaart.com/book/details/sammelan-patrika-celebrating-birth-centenary-old-and-rare-book-MZD158/"
>
https://www.exoticindiaart.com/book/details/sammelan-patrika-celebrating-birth-centenary-old-and-rare-book-MZD158/
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
आचार्य रामचंद्र शुक्ल : जन्मशती विशेषांक (1963/2005) ) प्रयाग: हिंदी
साहित्य सम्मेलन
</p>
<p>
&lt;ref&gt;[
<a
href="https://ia801606.us.archive.org/10/items/in.ernet.dli.2015.482844/2015.482844.Sammelan-PatrikaTraimasik.pdf"
>
https://ia801606.us.archive.org/10/items/in.ernet.dli.2015.482844/2015.482844.Sammelan-PatrikaTraimasik.pdf
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
&lt;ref&gt;[
<a
href="https://www.exoticindiaart.com/book/details/sammelan-patrika-special-birth-centenary-of-acharya-ramchandra-shukla-old-book-MZC897/"
>
https://www.exoticindiaart.com/book/details/sammelan-patrika-special-birth-centenary-of-acharya-ramchandra-shukla-old-book-MZC897/
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
राजर्षिपुरुषोत्तम दास टंडन : जन्मशती विशेषांक (1958/2003) प्रयाग: हिंदी
साहित्य सम्मेलन
</p>
<p>
&lt;ref&gt;[
<a
href="https://www.exoticindiaart.com/book/details/sammelan-patrika-rajshri-purushottam-das-tandon-birth-centenary-special-MZD025/"
>
https://www.exoticindiaart.com/book/details/sammelan-patrika-rajshri-purushottam-das-tandon-birth-centenary-special-MZD025/
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
सम्मेलन पत्रिका भाग 62 : हिंदी दिवस - एक अंतर्दर्शन (1976) प्रयाग: हिंदी
साहित्य सम्मलेन
</p>
<p>
&lt;ref&gt;[
<a
href="https://ia601602.us.archive.org/24/items/in.ernet.dli.2015.320796/2015.320796.Sammelan-Patrika.pdf"
>
https://ia601602.us.archive.org/24/items/in.ernet.dli.2015.320796/2015.320796.Sammelan-Patrika.pdf
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
सम्मेलन भाग 68 : पत्रविशेषांक (1981) प्रयाग: हिंदी साहित्य सम्मेलन
&lt;ref&gt;[
<a
href="https://ia801603.us.archive.org/15/items/in.ernet.dli.2015.320795/2015.320795.Sammelan-Patrika.pdf"
>
https://ia801603.us.archive.org/15/items/in.ernet.dli.2015.320795/2015.320795.Sammelan-Patrika.pdf
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
सम्मेलन पत्रिका भाग 69 : गया प्रसाद शुक्ल 'सनेही' जन्मशती विशेषांक (1982)
प्रयाग: हिंदी साहित्य सम्मेलन &lt;ref&gt;[
<a
href="https://ia802801.us.archive.org/22/items/in.ernet.dli.2015.482845/2015.482845.Sammelan-PatrikaTraimasik.pdf"
>
https://ia802801.us.archive.org/22/items/in.ernet.dli.2015.482845/2015.482845.Sammelan-PatrikaTraimasik.pdf
</a>
] &lt;/ref&gt;
</p>
<p>
===6 बाहरी कड़ियाँ===
</p>
<p>
<a href="https://archive.org/details/in.ernet.dli.2015.482844">
सम्मेलन पत्रिका (१९०६)
</a>
</p>

09:41, 14 जून 2020 का अवतरण

== प्रेम नारायण शुक्ल ==

डॉ प्रेम नारायण शुक्ल ( 2 अगस्त, 1914 - 12 जनवरी 1991) एक भारतीय हिंदी साहित्यकार, प्राध्यापक, लेखक तथा संपादक थे। उनकी प्रमुख कृतियां 'भारतेन्दु की नाट्यकला', 'हिंदी साहित्य में विविधवाद ', 'संत साहित्य', 'संत कबीर' हैं। अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मलेन, प्रयाग के साहित्य मंत्री एवं संपादक के रूप में अनेक जन्मशती विशेषांकों, ग्रंथों का संपादन किया।

=== 1 जीवन परिचय ===

डॉ प्रेम नारायण शुक्ल का जन्म कानपुर जिले की घाटमपुर तहसील के अंतर्गत ओरिया ग्राम में 2 अगस्त, 1914 को हुआ था। जब वे पांच वर्ष के थे तब उनकी माता का निधन हो गया था, पिता श्री नन्द किशोर शुक्ल, वैद्य थे। प्रारंभिक जीवन बहुत अभावों में बीता, पर कभी हार नहीं मानी, संघर्ष करते हुए जीवन में निरंतर अग्रसर रहे । उनकी सम्पूर्ण शिक्षा-दीक्षा कानपुर में ही हुई। वे डी॰ ए॰ वी॰ कॉलेज , कानपुर के मेधावी छात्रों में से थे।1941 में आगरा विश्वविद्यालय से एम. ए.(हिंदी साहित्य ) की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त हुआ था (उस समय कानपुर के अधिकतर कॉलेज आगरा विश्वविद्यालय के अंतर्गत आते थे )l अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन की 'साहित्यरत्न' परीक्षा में भी प्रथम श्रेणी में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त हुआ।1952 में उनको आगरा विश्वविद्यालय ने पी-एच॰ डी॰ तथा 1965 में डी॰ लिट्॰ की उपाधियों से सम्मानित किया गयाl

श्री गणेश शंकर विद्यार्थी द्वारा चलाये गए अखबार 'प्रताप' से उन्होंने ने अपने जीवन की शुरुआत एक लेखक के रूप में की l 1943 से उन्होंने डी॰ ए॰वी॰ डिग्री कॉलेज कानपुर में हिंदी विभाग में व्याख्याता के रूप में कार्य प्रारम्भ किया और 1962 से 1977 तक वहीं पर विभागाध्यक्ष के पद पर रहे। अवकाश ग्रहण करने के पश्चात् 1982 तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विशिष्ट प्रोफेसर के मानक पद पर रहेl अध्यापन के समय संत साहित्य, साहित्यालोचन, उनके प्रिय विषय थे। अनेक छात्रों ने अपने शोध ग्रन्थ उनके निर्देशन में पूरे किये। वे निरंतर अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग से जुड़े रहे और लगभग तीन दशक तक साहित्य-मंत्री साहित्य-मंत्री के पद पर कार्य कियाl

12 जनवरी,1991 को वे पंचतत्व में विलीन हुएl ठीक एक वर्ष पूर्व 12 जनवरी, 1990 को इसी दिन उनके गुरु डॉ मुंशीराम शर्मा "सोम" - वेद मनीषी, का भी निधन हुआ था, उनकी प्रथम पुण्य तिथि को स्मरण पर्व के रूप में मनाना चाहते थे और उसी के लिए प्रयत्नशील भी थेl दो दिन पूर्व ही (10 जनवरी) ह्रदय में दर्द उठा, अस्पताल में भर्ती किया गया, सारा समय उनका ध्यान अपने गुरु की पुण्य तिथि को सफल बनाने पर था और अस्पताल में भी उसी के लिए प्रयत्नशील थेl जीवन पर्यत्न गुरु का आशीर्वाद ले साहित्य साधना में लीन रहने वाले शिष्य शुक्ल जी का भी महाप्रयाण उसी दिन हुआl गुरु-शिष्य परंपरा का अनूठा उद्हारण प्रस्तुत हुआ l

अक्टूबर सन 1940 में आचार्य रामचंद्र जी शुक्ल का 15-20 दिन के लिए कानपुर आना हुआ था, उस समय प्रेम नारायण जी की मुलाकात उनसे कई बार हुई और अनेक साहित्यिक चर्चाएं भी, परन्तु ये भेट प्रथम और अन्तिंम बन कर रह गयी। उसके बाद ही रामचंद्र जी की मृत्यु हो गयी। उनकी पुण्य स्मृति में प्रेम नारायण जी एवं श्रीनारायण जी ने कानपुर में 'साधना-सदन' संस्था की स्थापना के द्वारा हिंदी साहित्य की मौलिक और ठोस सेवा का बीड़ा उठाया। सूरदास पर आलोचनात्मक सामग्री के अभाव को पूरा करने के लिए ' सूर सौरभ' नामक पुस्तक संस्था का प्रथम प्रयास था।[[ सूर सौरभ निवेदन https://epustakalay.com/book/38879-sur-sourabh]]कालांतर में अनेक साहित्यिक अनुष्ठान पूर्ण हुए। उसी की एक प्रस्तुति आचार्य रामचंद्र जी शुक्ल जन्मशती विशेषांक के रूप में साहित्य जगत के सामने आयी, जिसका संपादन प्रेमनारायण जी ने साहित्य सम्मलेन के अपने कार्यकाल में किया। उन्होंने हिंदी साहित्य के विकास के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण साहित्यकारों पर सम्मलेन पत्रिका के स्मृति विशेषांक, जन्मशती विशेषांक सम्पादित किये।

3 दिसंबर 1977 को कानपुर में आचार्य मुंशीराम शर्मा जी 'सोम' का उनके ७५ वर्ष पूरे होने पर भव्य अभिनन्दन किया गया था जिसमें दिग्गज के साहित्यकारों जैसे श्रीमती महादेवी वर्मा, डॉ रामकुमार वर्मा, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, आचार्य किशोरी प्रसाद बाजपेई, डॉ भगीरथ मिश्रा, डॉ विजेंद्र स्नातक, पंडित लक्ष्मी शंकर मिश्र 'निशंक', आचार्य सीताराम चतुर्वेदी, आचार्य श्री नारायण चतुर्वेदी, डॉ वागीश दत्त पांडेय आदि ने भाग लिया था। उसके बाद कानपुर को ऐसे साहित्यिक विद्वतजनों का समागम वर्षों तक देखने को नहीं मिला। इस अवसर पर 'साधना और सर्जना' अभिनन्द ग्रन्थ भेंट किया गया, जिसका संपादन प्रेमनारायण शुक्ल तथा वाल्मीकि त्रिपाठी ने किया था।

===2 कृतियाँ===

2.1 पुस्तकें

  • भारतेन्दु की नाट्यकला
  • हिंदी साहित्य में विविधवाद

· संत साहित्य (भाषा परक अध्ययन)

  • प्रेमचंद्र
  • संत कबीर

· आचार्य मुंशीराम शर्मा 'सोम' : साधना और सर्जना (वाल्मीकि त्रिपाठी के साथ)

  • सनेही रचनावरी (गया प्रसाद शुक्ल के साथ)

2.2 संकलित एवं सम्पादित (पाठ्य पुस्तक के रूप में )

  • हिंदी गद्य पारिजात
  • सुकवि सुधा
  • आधुनिक गद्य संग्रह

2.3 सम्पादित

  • सम्मेलन पत्रिका : जन्मशती विशेषांक
  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल: जन्मशती विशेषांक
  • राजर्षिपुरुषोत्तम दास टंडन: जन्मशती विशेषांक

· सम्मेलन पत्रिका भाग 62 : हिंदी दिवस - एक अंतर्दर्शन

  • सम्मेलन पत्रिका भाग 68: पत्र विशेषांक
  • गया प्रसाद शुक्ल 'सनेही': जन्मशती विशेषांक
  • आचार्य परशुराम चतुर्वेदी -स्मृति विशेषांक
  • आचार्य नन्ददुलारे बाजपेई -स्मृति विशेषांक
  • आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी- स्मृति विशेषांक
  • आचार्य परशुराम चतुर्वेदी -स्मृति विशेषांक आदि।

===3 सम्मान ===

1990 में लखनऊ ने उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए उन्हें विशेष पुरस्कार (रूपये 21,000/-) से सम्मानित किया थाl add pic of samman

छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी, कानपुर विश्वविद्यालय में एम. ए. हिंदी की परीक्षा में सर्वप्रथम आने वाले विद्यार्थी को प्रतिवर्ष उनके नाम का स्वर्ण पदक दिया जाता हैl <ref>[ <a href="http://www.kanpuruniversity.org/hall_fame.htm"> http://www.kanpuruniversity.org/hall_fame.htm </a> ]</ref>

=== 4 इन्हे भी देखें===

<a href="https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B2%E0%A4%A8_%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE" title="सम्मेलन पत्रिका" > सम्मेलन पत्रिका </a>

=== 5 संदर्भ===

'भारतेन्दु की नाट्यकला' (1949) कानपुर, साधना प्रेस <ref>[ <a href="https://ia801607.us.archive.org/32/items/in.ernet.dli.2015.346661/2015.346661.Bhartendu-Ki.pdf" > https://ia801607.us.archive.org/32/items/in.ernet.dli.2015.346661/2015.346661.Bhartendu-Ki.pdf </a> ] </ref>

हिंदी साहित्य में विविधवाद (1970) ( 2 संस्करण) इलाहबाद: लोकभारती प्रकाशन <ref>[ <a href="https://ia801609.us.archive.org/23/items/in.ernet.dli.2015.480088/2015.480088.Hindi-Sahithya.pdf" > https://ia801609.us.archive.org/23/items/in.ernet.dli.2015.480088/2015.480088.Hindi-Sahithya.pdf </a> ] </ref>

संत साहित्य (भाषा परक अध्ययन) (1986) (2 संस्करण) कानपुर: ग्रन्थम <ref>[ <a href="https://ia601605.us.archive.org/15/items/in.ernet.dli.2015.494020/2015.494020.Sant-Sahitya.pdf" > https://ia601605.us.archive.org/15/items/in.ernet.dli.2015.494020/2015.494020.Sant-Sahitya.pdf </a> ] </ref>

आचार्य मुंशीराम शर्मा 'सोम' : साधना और सर्जना (1977) कानपुर: ग्रन्थम

<ref>[ <a href="http://www-lib.tufs.ac.jp/opac/en/recordID/catalog.bib/BA46220847?hit=1&caller=xc-search" > http://wwwlib.tufs.ac.jp/opac/en/recordID/catalog.bib/BA46220847?hit=1&caller=xc-search </a> ] </ref>

सनेही रचनावरी (1984) प्रयाग: हिंदी साहित्य सम्मेलन

<ref>[ <a href="http://www-lib.tufs.ac.jp/opac/en/recordID/catalog.bib/BA27273405?hit=3&caller=xc-search" > http://wwwlib.tufs.ac.jp/opac/en/recordID/catalog.bib/BA27273405?hit=3&caller=xc-search </a> ] </ref>

हिंदी गद्य पारिजात (1953) प्रयाग : हिंदी साहित्य सम्मेलन <ref>[ <a href="https://ia801603.us.archive.org/22/items/in.ernet.dli.2015.538543/2015.538543.Hindi-Gadhya.pdf" > https://ia801603.us.archive.org/22/items/in.ernet.dli.2015.538543/2015.538543.Hindi-Gadhya.pdf </a> ] </ref>

आधुनिक गद्य संग्रह(1979) प्रयाग: हिंदी साहित्य सम्मेलन <ref>[ <a href="https://ia601601.us.archive.org/11/items/in.ernet.dli.2015.442323/2015.442323.Adhunik-Gadh.pdf" > https://ia601601.us.archive.org/11/items/in.ernet.dli.2015.442323/2015.442323.Adhunik-Gadh.pdf </a> ] </ref>

<ref>[ <a href="https://www.exoticindiaart.com/book/details/modern-prose-collection-MZD083/" > https://www.exoticindiaart.com/book/details/modern-prose-collection-MZD083/ </a> ] </ref>

सम्मेलन पत्रिका : जन्मशती विशेषांक (1955) ) प्रयाग: हिंदी साहित्य सम्मेलन <ref>[ <a href="https://www.exoticindiaart.com/book/details/sammelan-patrika-celebrating-birth-centenary-old-and-rare-book-MZD158/" > https://www.exoticindiaart.com/book/details/sammelan-patrika-celebrating-birth-centenary-old-and-rare-book-MZD158/ </a> ] </ref>

आचार्य रामचंद्र शुक्ल : जन्मशती विशेषांक (1963/2005) ) प्रयाग: हिंदी साहित्य सम्मेलन

<ref>[ <a href="https://ia801606.us.archive.org/10/items/in.ernet.dli.2015.482844/2015.482844.Sammelan-PatrikaTraimasik.pdf" > https://ia801606.us.archive.org/10/items/in.ernet.dli.2015.482844/2015.482844.Sammelan-PatrikaTraimasik.pdf </a> ] </ref>

<ref>[ <a href="https://www.exoticindiaart.com/book/details/sammelan-patrika-special-birth-centenary-of-acharya-ramchandra-shukla-old-book-MZC897/" > https://www.exoticindiaart.com/book/details/sammelan-patrika-special-birth-centenary-of-acharya-ramchandra-shukla-old-book-MZC897/ </a> ] </ref>

राजर्षिपुरुषोत्तम दास टंडन : जन्मशती विशेषांक (1958/2003) प्रयाग: हिंदी साहित्य सम्मेलन

<ref>[ <a href="https://www.exoticindiaart.com/book/details/sammelan-patrika-rajshri-purushottam-das-tandon-birth-centenary-special-MZD025/" > https://www.exoticindiaart.com/book/details/sammelan-patrika-rajshri-purushottam-das-tandon-birth-centenary-special-MZD025/ </a> ] </ref>

सम्मेलन पत्रिका भाग 62 : हिंदी दिवस - एक अंतर्दर्शन (1976) प्रयाग: हिंदी साहित्य सम्मलेन

<ref>[ <a href="https://ia601602.us.archive.org/24/items/in.ernet.dli.2015.320796/2015.320796.Sammelan-Patrika.pdf" > https://ia601602.us.archive.org/24/items/in.ernet.dli.2015.320796/2015.320796.Sammelan-Patrika.pdf </a> ] </ref>

सम्मेलन भाग 68 : पत्रविशेषांक (1981) प्रयाग: हिंदी साहित्य सम्मेलन <ref>[ <a href="https://ia801603.us.archive.org/15/items/in.ernet.dli.2015.320795/2015.320795.Sammelan-Patrika.pdf" > https://ia801603.us.archive.org/15/items/in.ernet.dli.2015.320795/2015.320795.Sammelan-Patrika.pdf </a> ] </ref>

सम्मेलन पत्रिका भाग 69 : गया प्रसाद शुक्ल 'सनेही' जन्मशती विशेषांक (1982) प्रयाग: हिंदी साहित्य सम्मेलन <ref>[ <a href="https://ia802801.us.archive.org/22/items/in.ernet.dli.2015.482845/2015.482845.Sammelan-PatrikaTraimasik.pdf" > https://ia802801.us.archive.org/22/items/in.ernet.dli.2015.482845/2015.482845.Sammelan-PatrikaTraimasik.pdf </a> ] </ref>

===6 बाहरी कड़ियाँ===

<a href="https://archive.org/details/in.ernet.dli.2015.482844"> सम्मेलन पत्रिका (१९०६) </a>