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====== परिचय ====
====== परिचय ====
आचार्य विवेकानंद तिवारी घनसौर जिला सिवनी मध्यप्रदेश से हैं। इन्होंने वाराणसी स्थित सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से धर्मशास्त्र विषय से 2009 में शास्त्री एवम् 2011 में आचार्य परीक्षा उत्तीर्ण की और 3 स्वर्णपदक प्राप्त किया। इसी विश्वविद्यालय से सांध्य कक्षाओं में 2011 में ज्योतिष शास्त्र में तथा 2012 में वास्तुशास्त्र में डिप्लोमा किया। पश्चात् महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय जबलपुर से 2014 में शिक्षाशास्त्री और 2015 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल से पीजीडीसीए किया।
आचार्य विवेकानंद तिवारी घनसौर जिला सिवनी मध्यप्रदेश से हैं। इन्होंने वाराणसी स्थित सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से धर्मशास्त्र विषय से 2009 में शास्त्री एवम् 2011 में आचार्य परीक्षा उत्तीर्ण की और 3 स्वर्णपदक प्राप्त किया। इसी विश्वविद्यालय से सांध्य कक्षाओं में 2011 में ज्योतिष शास्त्र में तथा 2012 में वास्तुशास्त्र में डिप्लोमा किया। पश्चात् महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय जबलपुर से 2014 में शिक्षाशास्त्री और 2015 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल से पीजीडीसीए किया। पश्चात् इन्होंने वाराणसी में एक संस्था "श्री काशी विश्वनाथ ज्यौतिष-धर्म परिषद्" के नाम से स्थापित किया जिसमें धर्मशास्त्र ज्योतिषशास्त्र और वास्तुशास्त्र के आधार पर लोगों की सामान्य समस्याओं का निदान करना प्रारंभ किया। 2017 में सरकारी विद्यालयों में अतिथि शिक्षक विषय संस्कृत पर कार्य करना प्रारंभ किया। संप्रति ये संस्कृत अध्यापन, पौरोहित्य एवं परिषद् तीनों कार्य कर रहे हैं।

05:37, 9 जून 2020 का अवतरण

== परिचय

आचार्य विवेकानंद तिवारी घनसौर जिला सिवनी मध्यप्रदेश से हैं। इन्होंने वाराणसी स्थित सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से धर्मशास्त्र विषय से 2009 में शास्त्री एवम् 2011 में आचार्य परीक्षा उत्तीर्ण की और 3 स्वर्णपदक प्राप्त किया। इसी विश्वविद्यालय से सांध्य कक्षाओं में 2011 में ज्योतिष शास्त्र में तथा 2012 में वास्तुशास्त्र में डिप्लोमा किया। पश्चात् महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय जबलपुर से 2014 में शिक्षाशास्त्री और 2015 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भोपाल से पीजीडीसीए किया। पश्चात् इन्होंने वाराणसी में एक संस्था "श्री काशी विश्वनाथ ज्यौतिष-धर्म परिषद्" के नाम से स्थापित किया जिसमें धर्मशास्त्र ज्योतिषशास्त्र और वास्तुशास्त्र के आधार पर लोगों की सामान्य समस्याओं का निदान करना प्रारंभ किया। 2017 में सरकारी विद्यालयों में अतिथि शिक्षक विषय संस्कृत पर कार्य करना प्रारंभ किया। संप्रति ये संस्कृत अध्यापन, पौरोहित्य एवं परिषद् तीनों कार्य कर रहे हैं।