"वस्तु एवं सेवा कर (भारत)": अवतरणों में अंतर
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[[File:The President Launching Goods and Services Tax (GST) on 1st July 2017.webm|right|thumb|350px|३० जून २०१७ की मध्यरात्रि में भारत के प्रधानमन्त्री [[नरेन्द्र मोदी]] गुड्स एंड सर्विसिज़ टैक्स (जीएसटी) पर भाषण करते हुए]] |
[[File:The President Launching Goods and Services Tax (GST) on 1st July 2017.webm|right|thumb|350px|३० जून २०१७ की मध्यरात्रि में भारत के प्रधानमन्त्री [[नरेन्द्र मोदी]] गुड्स एंड सर्विसिज़ टैक्स (जीएसटी) पर भाषण करते हुए]] |
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'''[https://www.hindify.online/2020/06/e-way-bill-kya-hai.html] एंड सर्विसिज़ टैक्स''' या '''वस्तु एवं सेवा कर''' ( संक्षेप मे: '''वसेक''' या '''जीएसटी''' {{lang-en|GST}}, {{lang-en|Goods and Services Tax}}) [[भारत]] में [[१ जुलाई]] २०१७ से लागू एक महत्वपूर्ण [[अप्रत्यक्ष कर|अप्रत्यक्ष]] [[कर]] व्यवस्था है जिसे सरकार व कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसे स्वतंत्रता के पश्चात् सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया है।<ref name = "nbt-2">http://hindi.economictimes.indiatimes.com/business/business-news/know-all-about-indias-biggest-tax-reform-gst/articleshow/57909199.cms</ref> <ref name ="moneycontrol-1">http://hindi.moneycontrol.com/news/market-news/gst-beginning-of-new-tax-regime_162197.html मनीकंट्रोल.कॉम</ref> इससे केन्द्र एवम् विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू की जाएगी जिससे भारत को एकीकृत साझा बाजार बनाने में मदद मिलेगी।<ref>{{cite web|url=http://www.bbc.com/hindi/india-39971584|title=GST से क्या होगा सस्ता और क्या महंगा}}</ref> [[भारत का संविधान|भारतीय संविधान]] में इस कर व्यवस्था को लागू करने के लिए [[एक सौ प्रथम संशोधन (भारत का संविधान)|संशोधन]] किया गया है।<ref>{{cite web|url=http://www.bbc.com/hindi/india/2015/05/150507_what_is_gst_act_sk|title=जीएसटी बिल की 7 अहम बातें}}</ref> |
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1 जुलाई 2017 से पूर्व किसी भी सामान पर केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा कई तरह के अलग-अलग कर लगाती हैं लेकिन जीएसटी आने से सभी तरह के सामानों पर एक जैसा ही कर लगाया जाएगा पूर्व में किसी भी सामान पर 30 से 35% तक कर देना पड़ता था कुछ चीजों पर तो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से लगाया जाने वाला कर 50% से ज्यादा होता था जीएसटी आने के बाद यह कर अधिकतम 28 प्रतिशत हो जाएगा जिसमें कोई भी अप्रत्यक्ष कर नहीं होगा जीएसटी भारत की अर्थव्यवस्था को एक देश एक कर वाली अर्थव्यवस्था बना देगा। फिलहाल भारतवासी 17 अलग-अलग तरह के कर चुकाते हैं जबकि जीएसटी <ref>{{cite web|url=https://www.bajajfinserv.in/insights/all-you-need-to-know-about-gst|title=GST( Goods & Service Tax in India)|last=|first=|date=|website=|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref> लागू होने के बाद केवल एक ही तरह का कर दिया जाएगा इसके लागु होते ही एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, वैट, मनोरंजन कर, लग्जरी कर जैसे बहुत सारे कर खत्म हो जाएंगे| |
1 जुलाई 2017 से पूर्व किसी भी सामान पर केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा कई तरह के अलग-अलग कर लगाती हैं लेकिन जीएसटी आने से सभी तरह के सामानों पर एक जैसा ही कर लगाया जाएगा पूर्व में किसी भी सामान पर 30 से 35% तक कर देना पड़ता था कुछ चीजों पर तो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से लगाया जाने वाला कर 50% से ज्यादा होता था जीएसटी आने के बाद यह कर अधिकतम 28 प्रतिशत हो जाएगा जिसमें कोई भी अप्रत्यक्ष कर नहीं होगा जीएसटी भारत की अर्थव्यवस्था को एक देश एक कर वाली अर्थव्यवस्था बना देगा। फिलहाल भारतवासी 17 अलग-अलग तरह के कर चुकाते हैं जबकि जीएसटी <ref>{{cite web|url=https://www.bajajfinserv.in/insights/all-you-need-to-know-about-gst|title=GST( Goods & Service Tax in India)|last=|first=|date=|website=|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref> लागू होने के बाद केवल एक ही तरह का कर दिया जाएगा इसके लागु होते ही एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, वैट, मनोरंजन कर, लग्जरी कर जैसे बहुत सारे कर खत्म हो जाएंगे| |
04:53, 8 जून 2020 का अवतरण
[1] एंड सर्विसिज़ टैक्स या वस्तु एवं सेवा कर ( संक्षेप मे: वसेक या जीएसटी अंग्रेज़ी: GST, अंग्रेज़ी: Goods and Services Tax) भारत में १ जुलाई २०१७ से लागू एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है जिसे सरकार व कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसे स्वतंत्रता के पश्चात् सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया है।[1] [2] इससे केन्द्र एवम् विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू की जाएगी जिससे भारत को एकीकृत साझा बाजार बनाने में मदद मिलेगी।[3] भारतीय संविधान में इस कर व्यवस्था को लागू करने के लिए संशोधन किया गया है।[4]
1 जुलाई 2017 से पूर्व किसी भी सामान पर केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा कई तरह के अलग-अलग कर लगाती हैं लेकिन जीएसटी आने से सभी तरह के सामानों पर एक जैसा ही कर लगाया जाएगा पूर्व में किसी भी सामान पर 30 से 35% तक कर देना पड़ता था कुछ चीजों पर तो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से लगाया जाने वाला कर 50% से ज्यादा होता था जीएसटी आने के बाद यह कर अधिकतम 28 प्रतिशत हो जाएगा जिसमें कोई भी अप्रत्यक्ष कर नहीं होगा जीएसटी भारत की अर्थव्यवस्था को एक देश एक कर वाली अर्थव्यवस्था बना देगा। फिलहाल भारतवासी 17 अलग-अलग तरह के कर चुकाते हैं जबकि जीएसटी [5] लागू होने के बाद केवल एक ही तरह का कर दिया जाएगा इसके लागु होते ही एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, वैट, मनोरंजन कर, लग्जरी कर जैसे बहुत सारे कर खत्म हो जाएंगे|
जीएसटी लागू होने के बाद किसी भी सामान और सेवा पर कर वहां लगेगा जहां वह बिकेगा | जीएसटी अलग-अलग स्तर पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी, एडिशनल एक्साइज ड्यूटी,सेंट्रल सेल्स टैक्स, वैट, लक्ज़री टैक्स, सर्विस कर, इत्यादि की जगह अब केवल जीएसटी लगेगा। जीएसटी परिषद ने 66 तरह के प्रोडक्ट्स पर टैक्स की दरें घटाई हैं[6] | भारत में संचालित जीएसटी टैक्स दर के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत सहित केवल 5 देशों में चार गैर स्तरीय स्लैब है।)
कर की प्रकृति
जीएसटी एक मूल्य वर्धित कर है जो कि विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है। प्रत्येक चरण पर भुगतान किये गये इनपुट करों का लाभ मूल्य संवर्धन के बाद के चरण में उपलब्ध होगा जो प्रत्येक चरण में मूल्य संवर्धन पर जीएसटी को आवश्यक रूप से एक कर बना देता है। अंतिम उपभोक्ताओं को इस प्रकार आपूर्ति श्रृंखला में अंतिम डीलर द्वारा लगाया गया जीएसटी ही वहन करना होगा। इससे पिछले चरणों के सभी मुनाफे समाप्त हो जायेंगे।[7][8][9]
चुंगी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), राज्य स्तर के सेल्स टैक्स या वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फी, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री पर लगने वाले टैक्स, सामान के ट्रांसपोटेर्शन पर लगने वाले टैक्स इत्यादि अनेकों करों के स्थान पर अब यह एक ही कर लागू किया जा रहा है।[10]
संभावित लाभ
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस व्यवस्था से निम्न लाभ संभावित हैं[7][11][12]:
व्यापार और उद्योग के लिए
- आसान अनुपालन, पारदर्शिता: एक मजबूत और व्यापक सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली भारत में जीएसटी व्यवस्था की नींव होगी इसलिए पंजीकरण, रिटर्न, भुगतान आदि जैसी सभी कर भुगतान सेवाएं करदाताओं को ऑनलाइन उपलब्ध होंगी, जिससे इसका अनुपालन बहुत सरल और पारदर्शी हो जायेगा।
- कर दरों और संरचनाओं की एकरूपता: जीएसटी यह सुनिश्चित करेगा कि अप्रत्यक्ष कर दरें और ढांचे पूरे देश में एकसमान हैं। इससे निश्चिंतता में तो बढ़ोतरी होगी ही व्यापार करना भी आसान हो जाएगा। दूसरे शब्दों में जीएसटी देश में व्यापार के कामकाज को कर तटस्थ बना देगा फिर चाहे व्यापार करने की जगह का चुनाव कहीं भी जाये।
- करों पर कराधान (कैसकेडिंग) की समाप्ति- मूल्य श्रृंखला और समस्त राज्यों की सीमाओं से बाहर टैक्स क्रेडिट की सुचारू प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि करों पर कम से कम कराधान हों। इससे व्यापार करने में आने वाली छुपी हुई लागत कम होगी।
- प्रतिस्पर्धा में सुधार – व्यापार करने में लेन-देन लागत घटने से व्यापार और उद्योग के लिए प्रतिस्पर्धा में सुधार को बढ़ावा मिलेगा।
- विनिर्माताओं और निर्यातकों को लाभ – जीएसटी में केन्द्र और राज्यों के करों के शामिल होने और इनपुट वस्तुएं और सेवाएं पूर्ण और व्यापक रूप से समाहित होने और केन्द्रीय बिक्री कर चरणबद्ध रूप से बाहर हो जाने से स्थानीय रूप से निर्मित वस्तुओं और सेवाओं की लागत कम हो जाएगी। इससे भारतीय वस्तुओं और सेवाओं की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में होने वाली प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी होगी और भारतीय निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। पूरे देश में कर दरों और प्रक्रियाओं की एकरूपता से अनुपालन लागत घटाने में लंबा रास्ता तय करना होगा।
केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए
- सरल और आसान प्रशासन - केन्द्र और राज्य स्तर पर बहुआयामी अप्रत्यक्ष करों को जीएसटी लागू करके हटाया जा रहा है। मजबूत सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली पर आधारित जीएसटी केन्द्र और राज्यों द्वारा अभी तक लगाए गए सभी अन्य प्रत्यक्ष करों की तुलना में प्रशासनिक नजरिए से बहुत सरल और आसान होगा।
- कदाचार पर बेहतर नियंत्रण – मजबूत सूचना प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे के कारण जीएसटी से बेहतर कर अनुपालन परिणाम प्राप्त होंगे। मूल्य संवर्धन की श्रृंखला में एक चरण से दूसरे चरण में इनपुट कर क्रेडिट कर सुगम हस्तांतरण जीएसटी के स्वरूप में एक अंत:निर्मित तंत्र है, जिससे व्यापारियों को कर अनुपालन में प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- अधिक राजस्व निपुणता – जीएसटी से सरकार के कर राजस्व की वसूली लागत में कमी आने की उम्मीद है। इसलिए इससे उच्च राजस्व निपुणता को बढ़ावा मिलेगा।
उपभोक्ताओं के लिए
- वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य के अनुपाती एकल एवं पारदर्शी कर – केन्द्र और राज्यों द्वारा लगाए गए बहुल अप्रत्यक्ष करों या मूल्य संवर्धन के प्रगामी चरणों में उपलब्ध गैर-इनपुट कर क्रेडिट के कारण आज देश में अनेक छिपे करों से अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं की लागत पर प्रभाव पड़ता है। जीएसटी के अधीन विनिर्माता से लेकर उपभोक्ताओं तक केवल एक ही कर लगेगा, जिससे अंतिम उपभोक्ता पर लगने वाले करों में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
- समग्र कर भार में राहत – निपुणता बढ़ने और कदाचार पर रोक लगने के कारण अधिकांश उपभोक्ता वस्तुओं पर समग्र कर भार कम होगा, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
समिति
इसका सुझाव विजय केलकर समिति (2002) ने दिया था। यह कर वस्तु एवं सेवा कर परिषद् द्वारा निर्धारित किया जा रहा है जिसके अध्यक्ष केन्द्रीय वित्त मंत्री हैं। जो कि वर्तमान में निर्मला सीतारमण हैं । असीम दास गुप्ता समिति ने स्वरूप दिया राज्य सभा मे असम में सबसे पहले स्वीकार किया जबकि राजस्थान 17 व राज्य है। तथा 17 वे हस्ताक्षर पर सभी राज्यो में लागू हो गया यानी राष्ट्रपति के हस्ताक्षर कर कानून बना दिया।
दरें
जीएसटी काउंसिल ने पाँच तरह के कर निर्धारित किये हैं ये 0,5, 12, 18 एवं 28 प्रतिशत | हालांकि बहुत सी चीजों को जीएसटी से छूट दी गई है उन वस्तुओं पर कोई भी कर नहीं लगेगा या जीएसटी नहीं लगेगा जबकि लग्जरी एवं महंगे सामान पर जीएसटी के अलावा सेस भी लगेगा। सरकार के अनुसार इसमें से 81 प्रतिशत चीजें जीएसटी की 18 प्रतिशत की श्रेणी तक आएंगी |
आदर्श स्थिति में इस व्यवस्था में समस्त कर एक ही दर पर लगाए जाने चाहिएँ, किन्तु भारत में राज्य व केन्द्र तथा एक ही वस्तु या सेवा पर भिन्न-भिन्न राज्यों में भिन्न दरें आदि होने से प्रारम्भ में ४ दरें निर्धारित की गईं ताकि वर्तमान राजस्व में अधिक अंतर न पड़े। ये चार दरें 5%, 12%, 18% तथा 28% हैं।[12] आवश्यक वस्तुओं जैसे कि दूध, लस्सी, दही, शहद, फल एवं सब्जियां, आटा, बेसन, ताजा मीट, मछली, चिकन, अंडा, ब्रेड, प्रसाद, नमक, बिंदी, सिंदूर, स्टांप, न्यायिक दस्तावेज, छपी पुस्तकें, समाचार पत्र, चूड़ियाँ और हैंडलूम आदि वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगेगा। [13]40लाख से कम की वार्षिक बिक्री वाले व्यापारियों को इस कर व्यवस्था से छूट दी गई है। [13]
प्राप्तियाँ
मास | कर-प्राप्ति | परिवर्तन |
---|---|---|
मई | ₹ 940.16 बिलियन (US$13.73 अरब) | |
अप्रैल | ₹ 1,034.58 बिलियन (US$15.1 अरब)[14] | |
मार्च | ₹ 892.64 बिलियन (US$13.03 अरब)[15] | |
February | ₹ 851.74 बिलियन (US$12.44 अरब)[16] | |
January | ₹ 863.18 बिलियन (US$12.6 अरब)[17] | |
December | ₹ 867.06 बिलियन (US$12.66 अरब)[18] | |
November | ₹ 808.08 बिलियन (US$11.8 अरब)[18] | |
October | ₹ 833.46 बिलियन (US$12.17 अरब)[18] | |
सितम्बर | ₹ 951.31 बिलियन (US$13.89 अरब)[18] | |
अगस्त | ₹ 931.41 बिलियन (US$13.6 अरब)[18] | |
जुलाई | ₹ 940.00 बिलियन (US$13.72 अरब)[19] |
वापसी
लगभग ३८ लाख नए करदाता जीएसटी में पञ्जीकृत हुए हैं। इस प्रकार कुल करदाताओं की संख्या १ करोड़ पार कर गयी है (६४ लाख करदाता पहले से पंजीकृत थे)[20]
मास | वापसी की संख्या | परिवर्तन |
---|---|---|
December | 63 lakh[20] | |
November | 64 lakh[20] | |
October | 65 lakh[20] | |
September | 69 lakh[20] | |
August | 67 lakh[20] | |
July | 63 lakh[20] |
सन्दर्भ
- ↑ http://hindi.economictimes.indiatimes.com/business/business-news/know-all-about-indias-biggest-tax-reform-gst/articleshow/57909199.cms
- ↑ http://hindi.moneycontrol.com/news/market-news/gst-beginning-of-new-tax-regime_162197.html मनीकंट्रोल.कॉम
- ↑ "GST से क्या होगा सस्ता और क्या महंगा".
- ↑ "जीएसटी बिल की 7 अहम बातें".
- ↑ "GST( Goods & Service Tax in India)".
- ↑ https://www.hindi.nyoooz.com/news/kanpur/tax-reduction-rate-of-66-products-in-gst-the-decision-taken-by-the-council_61223/
- ↑ अ आ http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=53379
- ↑ नवभारत टाइम्स. "जीएसटी लागू होने के बाद भी ई-कॉमर्स साइट्स पर मिल रहा 80% तक डिस्काउंट". अभिगमन तिथि 7 जुलाई 2017.
- ↑ एनडीटीवी. "जीएसटी लागू : बचे माल पर नई कीमत नहीं छापी तो जेल की हवा खानी पड़ सकती है : रिपोर्ट". अभिगमन तिथि 7 जुलाई 2017.
- ↑ "जीएसटी : टाटा मोटर्स ने 2,17,000 रुपये तक घटाए वाहनों के दाम". अभिगमन तिथि 7 जुलाई 2017.
- ↑ http://www.cbec.gov.in/resources//htdocs-cbec/gst/gst-overview-hindi.pdf
- ↑ अ आ https://www.rajma.org/gst-registration/
- ↑ अ आ http://hindi.economictimes.indiatimes.com/business/tax/tax-news/gst-rollout-all-you-want-to-know-about-gst/articleshow/59385697.cms
- ↑ "In a first, GST collection for April tops Rs 1 lakh crore", Financial Express, 1 May 2018
- ↑ "Upswing in GST revenue trends: Rs 892.64 bn collected in March, says Adhia", Business Standard, 2 April 2018
- ↑ "GST collection falls to Rs 85,174 crore in February; only 69% file returns", The Times of India, 27 March 2018
- ↑ "GST collection for January comes in at Rs 86,318 crore", The Economic Times, 27 February 2018
- ↑ अ आ इ ई उ "GST revenue for December rises to Rs 86,703 crore; halts 2-month reverse trend", Business Today, 11 February 2018
- ↑ "GST collections dip for second month in Nov to Rs 80,808 crore", The Economic Times, 27 December 2017
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए "Why many registered taxpayers are not filing GST returns", Business Today, 27 February 2018
https://www.paisabazaar.com/tax/gst-rates/ जीएसटी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बातें [[2]]
इन्हें भी देखें
- एक सौ प्रथम संशोधन (भारत का संविधान)
- कर सुधार
- भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण
- भारत में कराधान
बाहरी कड़ियाँ
- आधिकारिक जालस्थल
- CBEC GST कानून
- माल एवं सेवा कर परिषद (GST काउन्सिल)
- जी एस टी(GST) या वस्तु एवं सेवा कर : एक आसान व्याख्या
- वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न
- वस्तु एवं सेवा कर: आजादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स सुधार
- GST नंबर कैसे लें
- जीएसटी को एक साल : अर्थव्यवस्था में आया बड़ा सुधार (१ जुलाई २०१८)
- जीएसटी से भरा मोदी सरकार का खजाना, मई में कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए के पार (जून २०१९)