"चंद्रवार का किला (फिरोजाबाद)": अवतरणों में अंतर

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चंद्रसेन के वंशज चंद्रपाल द्वारा बनवाए किले के अवशेष खंडहर इनकी विशालता एवं वैभव की कहानी कहते हैं पुरातात्विक दृष्टिकोण से चंदवार एक महत्वपूर्ण स्थान है सूफी साहब की दरगाह से लगभग 1 किलोमीटर दूर दक्षिण की ओर यमुना नदी के किनारे राजा चंद्रसेन के किले का टीला स्थित है इस टीले पर एक छोटी इमारत खड़ी है जिसके नीचे के भाग की ईट निकल रही है ऊपर आने के लिए एक जीना है जिसकी सीढ़ियां टूट गई है पानी से टीला कहीं-कहीं कट गया है ऐसी किवदंती है कि टीले पर दूब घास नहीं उगती जबकि खाई के बाहरी और यह खास उगती हैं
चंद्रसेन के वंशज चंद्रपाल द्वारा बनवाए किले के अवशेष खंडहर इनकी विशालता एवं वैभव की कहानी कहते हैं पुरातात्विक दृष्टिकोण से चंदवार एक महत्वपूर्ण स्थान है सूफी साहब की दरगाह से लगभग 1 किलोमीटर दूर दक्षिण की ओर यमुना नदी के किनारे राजा चंद्रसेन के किले का टीला स्थित है इस टीले पर एक छोटी इमारत खड़ी है जिसके नीचे के भाग की ईट निकल रही है ऊपर आने के लिए एक जीना है जिसकी सीढ़ियां टूट गई है पानी से टीला कहीं-कहीं कट गया है ऐसी किवदंती है कि टीले पर दूब घास नहीं उगती जबकि खाई के बाहरी और यह खास उगती हैं


== संदर्भ ==
चंद्रवार गेट

04:17, 3 जून 2020 का अवतरण

चंद्रवार का किला जनपद फिरोजाबाद के अंतर्गत आता है चंद्रवार का किला (फिरोजाबाद) यहाँ पर मोहम्मद ग़ोरी एवम् जयचंद का युद्ध हुआ था। जैन विद्वानों की यह मान्यता थी कि ये कृष्ण भगवान के पिता वासुदेव द्वारा शसित रहा है कहा जाता है कि चंदवार नगर की स्थापना चंद्रसेन ने की थी। यमुना नदी ग्राम से होकर बहती है

चंद्रसेन के वंशज चंद्रपाल द्वारा बनवाए किले के अवशेष खंडहर इनकी विशालता एवं वैभव की कहानी कहते हैं पुरातात्विक दृष्टिकोण से चंदवार एक महत्वपूर्ण स्थान है सूफी साहब की दरगाह से लगभग 1 किलोमीटर दूर दक्षिण की ओर यमुना नदी के किनारे राजा चंद्रसेन के किले का टीला स्थित है इस टीले पर एक छोटी इमारत खड़ी है जिसके नीचे के भाग की ईट निकल रही है ऊपर आने के लिए एक जीना है जिसकी सीढ़ियां टूट गई है पानी से टीला कहीं-कहीं कट गया है ऐसी किवदंती है कि टीले पर दूब घास नहीं उगती जबकि खाई के बाहरी और यह खास उगती हैं

संदर्भ