"संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार-विरोधी अभिसमय": अवतरणों में अंतर
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'''संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार-विरोधी अभिसमय''' या '''भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र की सन्धि''' (United Nations Convention against Corruption) एक बहुपक्षीय सन्धि है जिस पर [[संयुक्त राष्ट्र]] के सदस्य देश सन २००३ में सहमत हुए थे। यह विश्व की अकेली भ्रष्टाचार-विरोधी सन्धि है जो विधिसम्मत है।<ref>{{Cite web|url=https://www.unodc.org/unodc/en/treaties/CAC/|title=Convention against Corruption|website=www.unodc.org|access-date=2019-02-12}}</ref> इस सन्धि के अनुसार संयुक्त राष्ट्र सभी सदस्य देशों से अपेक्षा करता है कि वे भ्रष्टाचार-निरोधी विभिन्न उपायों को लागू करें जो मुख्यतः पाँच क्षेत्रों पर केन्द्रित है- भ्रष्टाचार से बचाव, कानून बनाना और लागू करना, इस क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय सहयोग, पूंजी की वसूली, तकनीकी सहायता एवं सूचना का आदान-प्रदान। <ref name=UNODC>{{cite web|title=UNODC and Corruption|url=http://www.unodc.org/unodc/en/corruption/index.html|website=unodc.org|publisher=United Nations Office on Drugs and Crime|accessdate=17 February 2017}}</ref> |
'''संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार-विरोधी अभिसमय''' या '''भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र की सन्धि''' (United Nations Convention against Corruption) एक बहुपक्षीय सन्धि है जिस पर [[संयुक्त राष्ट्र]] के सदस्य देश सन २००३ में सहमत हुए थे। यह विश्व की अकेली भ्रष्टाचार-विरोधी सन्धि है जो विधिसम्मत है।<ref>{{Cite web|url=https://www.unodc.org/unodc/en/treaties/CAC/|title=Convention against Corruption|website=www.unodc.org|access-date=2019-02-12}}</ref> इस सन्धि के अनुसार संयुक्त राष्ट्र सभी सदस्य देशों से अपेक्षा करता है कि वे भ्रष्टाचार-निरोधी विभिन्न उपायों को लागू करें जो मुख्यतः पाँच क्षेत्रों पर केन्द्रित है- भ्रष्टाचार से बचाव, कानून बनाना और लागू करना, इस क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय सहयोग, पूंजी की वसूली, तकनीकी सहायता एवं सूचना का आदान-प्रदान। <ref name=UNODC>{{cite web|title=UNODC and Corruption|url=http://www.unodc.org/unodc/en/corruption/index.html|website=unodc.org|publisher=United Nations Office on Drugs and Crime|accessdate=17 February 2017}}</ref> |
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[https://www.mppscexams.com **इस प्रस्ताव के कुछ प्रमुख प्रावधान निम्न है-] |
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1. सदस्य देशों को अपने यहां भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रभावी कानूनों का निर्माण करना होगा। |
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2. भ्रष्टाचार से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु एक सूचना तंत्र विकसित किया जाएगा जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत होगा। |
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3. बिजी शत्रु में भ्रष्टाचार की पहचान व रोकथाम के लिए प्रभावी कानून बनाए जाएंगे ताकि समाज में निजी व शासकीय दोनों स्तरों पर जनता को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल सके। |
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4. सभी सदस्य देश अपने नागरिकों व एन जी ओ को भ्रष्टाचार सशक्तिकरण पर बल देगा जो भ्रष्टाचार विरोधी कानून बने उनका मूल्यांकन आम जनता के द्वारा किया जाएगा। |
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5. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध को रोकने के लिए प्रयास किए जाएंगे साथ ही भ्रष्ट लोगों को आसानी से प्रत्यर्पित किया जाएगा। |
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6. सदस्य देशों को सहायता उपलब्ध करवाने हेतु एक सचिवालय की स्थापना का भी प्रावधान किया गया। |
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7. सार्वजनिक सेवाओं में कंप्यूटराइजेशन व डिजिटल तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे नागरिक व सरकारी पदाधिकारी के बीच प्रत्यक्ष संपर्क कम से कम हो जिससे भ्रष्टाचार की संभावित दशाओं पर रोक लगाई जा सके । |
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8. नियमों एवं प्रक्रियाओं को सरल व पारदर्शी बनाया जाए। |
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9. जिन प्रक्रिया व विभागों में भ्रष्टाचार की ज्यादा संभावना है उम्र का पता लगाकर प्रभावी उपाय किए जाएंगे। |
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10. भ्रष्टाचार की शिकायत करता को उचित सुविधा व गोपनीयता सुनिश्चित करवाई जाएगी तथा शिकायतों पर की गई कार्यवाही की पुनः जानकारी भी शिकायतकर्ता को दी जाएगी। |
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11. सार्वजनिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को उचित व पर्याप्त पारिश्रमिक एवं वेतन पर ध्यान दिया जाएगा ताकि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करना सफल हो सके। |
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12. जनता को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। |
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13. सार्वजनिक खरीद और वित्त पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिसमें ऐसे प्रयास किए जाएंगे कि जिस दिन में सरकारी खरीद में पारदर्शिता व प्रतिस्पर्धा दोनों के गुण नहीं हो। |
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==सन्दर्भ== |
==सन्दर्भ== |
16:40, 1 जून 2020 का अवतरण
पूरा नाम:
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प्रारूपण | 31 October 2003 |
हस्ताक्षरित | 9 December 2003 |
स्थान | Mérida and New York |
प्रवर्तित | 14 December 2005 |
शर्तें | 30 ratifications |
हर्ताक्षरकर्तागण | 140 |
भागीदार पक्ष | 186 |
निक्षेपागार | Secretary-General of the United Nations |
भाषाएँ | Arabic, Chinese, English, French, Russian and Spanish |
संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार-विरोधी अभिसमय या भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र की सन्धि (United Nations Convention against Corruption) एक बहुपक्षीय सन्धि है जिस पर संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश सन २००३ में सहमत हुए थे। यह विश्व की अकेली भ्रष्टाचार-विरोधी सन्धि है जो विधिसम्मत है।[1] इस सन्धि के अनुसार संयुक्त राष्ट्र सभी सदस्य देशों से अपेक्षा करता है कि वे भ्रष्टाचार-निरोधी विभिन्न उपायों को लागू करें जो मुख्यतः पाँच क्षेत्रों पर केन्द्रित है- भ्रष्टाचार से बचाव, कानून बनाना और लागू करना, इस क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय सहयोग, पूंजी की वसूली, तकनीकी सहायता एवं सूचना का आदान-प्रदान। [2]
**इस प्रस्ताव के कुछ प्रमुख प्रावधान निम्न है-
1. सदस्य देशों को अपने यहां भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रभावी कानूनों का निर्माण करना होगा।
2. भ्रष्टाचार से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु एक सूचना तंत्र विकसित किया जाएगा जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत होगा।
3. बिजी शत्रु में भ्रष्टाचार की पहचान व रोकथाम के लिए प्रभावी कानून बनाए जाएंगे ताकि समाज में निजी व शासकीय दोनों स्तरों पर जनता को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल सके।
4. सभी सदस्य देश अपने नागरिकों व एन जी ओ को भ्रष्टाचार सशक्तिकरण पर बल देगा जो भ्रष्टाचार विरोधी कानून बने उनका मूल्यांकन आम जनता के द्वारा किया जाएगा।
5. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध को रोकने के लिए प्रयास किए जाएंगे साथ ही भ्रष्ट लोगों को आसानी से प्रत्यर्पित किया जाएगा।
6. सदस्य देशों को सहायता उपलब्ध करवाने हेतु एक सचिवालय की स्थापना का भी प्रावधान किया गया।
7. सार्वजनिक सेवाओं में कंप्यूटराइजेशन व डिजिटल तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे नागरिक व सरकारी पदाधिकारी के बीच प्रत्यक्ष संपर्क कम से कम हो जिससे भ्रष्टाचार की संभावित दशाओं पर रोक लगाई जा सके ।
8. नियमों एवं प्रक्रियाओं को सरल व पारदर्शी बनाया जाए।
9. जिन प्रक्रिया व विभागों में भ्रष्टाचार की ज्यादा संभावना है उम्र का पता लगाकर प्रभावी उपाय किए जाएंगे।
10. भ्रष्टाचार की शिकायत करता को उचित सुविधा व गोपनीयता सुनिश्चित करवाई जाएगी तथा शिकायतों पर की गई कार्यवाही की पुनः जानकारी भी शिकायतकर्ता को दी जाएगी।
11. सार्वजनिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को उचित व पर्याप्त पारिश्रमिक एवं वेतन पर ध्यान दिया जाएगा ताकि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करना सफल हो सके।
12. जनता को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
13. सार्वजनिक खरीद और वित्त पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिसमें ऐसे प्रयास किए जाएंगे कि जिस दिन में सरकारी खरीद में पारदर्शिता व प्रतिस्पर्धा दोनों के गुण नहीं हो।
सन्दर्भ
- ↑ "Convention against Corruption". www.unodc.org. अभिगमन तिथि 2019-02-12.
- ↑ "UNODC and Corruption". unodc.org. United Nations Office on Drugs and Crime. अभिगमन तिथि 17 February 2017.