"घुटनों का दर्द": अवतरणों में अंतर

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* [[श्रोणि विकार]]- दर्द उत्पन्न कर सकता है जो घुटने में महसूस होता है। उदाहरण के लिए इलियोटिबियल बैंड सिंड्रोम एक ऐसी चोट है जो आपके श्रोणि से आपके घुटने के बाहर तक जाती है।
* [[श्रोणि विकार]]- दर्द उत्पन्न कर सकता है जो घुटने में महसूस होता है। उदाहरण के लिए इलियोटिबियल बैंड सिंड्रोम एक ऐसी चोट है जो आपके श्रोणि से आपके घुटने के बाहर तक जाती है।



'''घुटनों का दर्द, घरेलू उपचार और एक्सरसाइज़'''

=== घुटनों के दर्द के लिए 5 एक्सरसाइज़ ===
'''1.प्लैंक'''

अगर आपका पेट मज़ूबत है तो यह आपके घुटनों पर दवाब नहीं आने देगा । प्लैंक एक्सरसाइज़ सही आकार विकसित करने में मदद कर सकता है और मांसपेशियों की थकावट को दूर करता है । अगर आपका आकार सही नहीं है तो यह चीज़ आपके घुटनों पर दवाब बढ़ा देती है।

'''2.स्टेप अप्स'''

यह एक्सरसाइज़ जोड़ों पर दवाब आने नहीं देती । अपने बाएं पैर को किसी दिवार, पेड़ या बैंच पर रखें और शरीर को ऊपर की ओर उठाएं । कुछ समय तक इसी अवस्था में रहें, इसके बाद पैर को नीचे लाएं और फिर दाएं पैर से इस प्रक्रिया को दोहराएं ।

'''3.स्कवॉट'''

यह एक्सरसाइज़ घुटनों पर दवाब को कम करती हैं और मांसपेशियों को बेहतर बनाने में मदद करती हैं । अपने दोनों हाथ सामने की ओर रखें। छाती को बाहर निकालते हुए सीधा खड़ा हो जाएं, धीरे से घुटनों को इस प्रकार मोड़ें जैसे आप कुर्सी पर बैठते हैं।

'''4.घुटने मोड़ें'''

यह एक बहुत कारगर और पुरानी एक्सरसाइज़ है । यह बेजान हो चुकीं मांसपेशियों को सक्रिय करने में मदद करती हैं। यह [https://www.medtalks.in/FAQ/hindi/rheumatology एक्सरसाइज़]<ref>{{Cite web|url=https://medtalks.in/home|title=India's Leading Platform for Healthcare Education|last=|first=|date=medtalks|website=medtalks.in|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=2020-05-30}}</ref> आपके घुटनों को सक्रिय बनाने में मदद करती हैं। आप सबसे पहले एक पैर पर खड़े हो जाएं, कूल्हों को पीछे की ओर धकेलें, छाती को आगे की ओर ले जाएं, अब धीरे से घुटनों को मोड़ें । इस अवस्था में कम से कम 10 सेंकेंड तक रहें।

'''5.नी- एक्सटेंशन एक्सरसाइज़'''

इस एक्सरसाइज़ की सबसे बड़ी खूबी है कि यह घुटनों में रक्त प्रवाह को रुकने नहीं देती, उसे एक्टिव रखती है । इसके लिए आप एक पैर पर खड़े हो जाएं , फिर 90 डिग्री के एंगल से पैर को उठाएं, इसके बाद 10 सेंकेंड तक पैर को उठाएं और फिर ऐसे ही वापस आ जाएं ।


'''घुटनों के दर्द में कौन सी सिकाई कब करें!'''


घुटनों में दर्द होना आज आम बात हो गई है । पहले-पहले यह रोग उम्रदराज़ लोगों में देखे जाते थे लेकिन अब यह नौजवानों में भी होने लगा है । आज के दौड़ते-भागते जीवन में बहुत कम लोग ऐसे हैं जो घुटनों में होने वाले दर्द से पीड़ित नहीं हैं ।

एक हैरान करने वाली बात यह है कि चिकित्सा और तकनीक में आज एडवांस होने के बावजूद भी घुटनों के दर्द का कोई स्थाई इलाज किसी के पास नहीं है ।आमतौर पर घुटनों में दर्द तीन प्रकार से होता है ।

[https://www.medtalks.in/articles/one-remedy-to-get-rid-of-knee-pain-at-home-in-hindi चोट के कारण]

[https://www.medtalks.in/articles/one-remedy-to-get-rid-of-knee-pain-at-home-in-hindi गठिया]

[https://www.medtalks.in/articles/one-remedy-to-get-rid-of-knee-pain-at-home-in-hindi वजन बढ़ने के कारण]  


== देखभाल ==
== देखभाल ==

02:19, 31 मई 2020 का अवतरण

घुटनों का दर्द
मानव के घुटनों की आन्तरिक रचना
विशेषज्ञता क्षेत्रविकलांग विज्ञान (Orthopedics)

घुटनों का दर्द से आशय घुटने में या उसके आसपास होने वाला दर्द।

घुटने की संधि में चार अस्थियों की संधि होती है- उर्वस्थि (फीमर/femur), अन्तर्जंघिका (टिबिया/tibia), बहिर्जंघिका (फिबुला/fibula) और जानुका (पटेला/patella)। घुटने में चार प्रकोष्ट (compartments) होते हैं। बार-बार के तनाव, चोट या किसी रोग के कारण इन प्रकोष्ठों के अवयवों को नुकसान पहुँच सकता है।

लम्बी दूरी तक दौड़ने से घुटनों के जोड़ में दर्द हो सकता है क्योंकि इससे घुटनों पर बहुत झटका लगता है।

मानव शरीर में पैर जितने ही महत्त्वपूर्ण हैं, उतने ही उनके बीच में बने घुटने। घुटनों से ही पैरों को मुड़ने की क्षमता मिलती है। इन्हीं घुटनों में कई कारणों से दर्द होने लग जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं:

कारण

घुटनों का दर्द निम्नलिखित कारणों से हो सकता हैः

  • आर्थराइटिस - लूपस जैसा- रीयूमेटाइड, आस्टियोआर्थराइटिस और गाउट सहित अथवा संबंधित ऊतक विकार
  • बरसाइटिस- घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट)
  • टेन्टीनाइटिस- आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है। यह धावकों, स्कॉयर और साइकिल चलाने वालों को होता है।
  • बेकर्स सिस्ट- घुटने के पीछे पानी से भरा सूजन जिसके साथ आर्थराइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है। यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक जा सकता है।
  • घिसा हुआ कार्टिलेज (उपास्थि)(मेनिस्कस टियर)- घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है।
  • घिसा हुआ लिगमेंट (ए सी एल टियर)- घुटने में दर्द और अस्थायित्व उत्पन्न कर सकता है।
  • झटका लगना अथवा मोच- अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट
  • घुटने की चोट- आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है
  • श्रोणि विकार- दर्द उत्पन्न कर सकता है जो घुटने में महसूस होता है। उदाहरण के लिए इलियोटिबियल बैंड सिंड्रोम एक ऐसी चोट है जो आपके श्रोणि से आपके घुटने के बाहर तक जाती है।


देखभाल

घुटने के दर्द के कई कारण हैं, विशेषकर जो अति उपयोग अथवा शारीरिक क्रिया से संबंधित है। यदि स्वयं इसकी देखभाल करें तो इसके अच्छे परिणाम निकलते हैं।

  • आराम करें और ऐसे कार्यों से बचे जो दर्द बढ़ा देते हैं, विशेष रूप से वजन उठाने वाले कार्य
  • बर्फ लगाएं। पहले इसे प्रत्येक घंटे 15 मिनट लगाएं। पहले दिन के बाद प्रतिदिन कम से कम 4 बार लगाएं।
  • किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने के लिए अपने घुटने को यथा संभव ऊपर उठा कर रखें।
  • कोई ऐसा बैंडेज अथवा एलास्टिक स्लीव पहनकर घुटने को धीरे धीरे दबाएं। ये दोनों वस्तुएं लगभग सभी दवाइयों की दुकानों पर मिलती है। यह सूजन को कम कर सकता है और सहारा भी देता है।
  • घुटनों के नीचे अथवा बीच में एक तकिया रखकर सोएं।