"जैत्र सिंह": अवतरणों में अंतर
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
→top: {{अनेक समस्याएँ}} → {{Multiple issues}} एवं सामान्य सफाई |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{Multiple issues| |
|||
{{अनेक समस्याएँ|प्रतिलिपि सम्पादन=नवम्बर 2018|प्रसंग=नवम्बर 2018|विकिफ़ाइ=नवम्बर 2018|स्रोतहीन=नवम्बर 2018}} |
|||
{{प्रतिलिपि सम्पादन|date=नवम्बर 2018}} |
|||
{{प्रसंग|date=नवम्बर 2018}} |
|||
{{विकिफ़ाइ|date=नवम्बर 2018}} |
|||
{{स्रोतहीन|date=नवम्बर 2018}} |
|||
}} |
|||
जैत्र सिंह(1213-1253AD)'' |
जैत्र सिंह(1213-1253AD)'' |
||
=====sasankal 1213-1250 |
=====sasankal 1213-1250 |
||
''', 1213 ई. में [[ |
''', 1213 ई. में [[मेवाड़]] के शासक बने | इन्होंने सबसे पहले पूूर्वजों ( [[किर्तिपाल चौहान]] द्वारा सामंत सिंह को हराया गया था ) का अपमाान का बदला लेने के लिए सोनगरा चौहानों शासक उदयसिंह ( सोनगरा ) पर आक्रमण किया किर्तिपाल चौहान द्वारा सामंत सिंह पर किया गया था | |
||
दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने इनके शासनकाल में मेवाड़ राज्य पर आक्रमण किया, क्योंकि इल्तुतमिश मेवाड़ को अपने अधिकार में लाना चाहता था, '''[[नागदा]] को लेकर [[इल्तुतमिश]] व जैत्र सिंह के बीच 1226 ई. में भूताला का युद्ध''' लड़ा गया, हालाँकि इस युद्ध में जैत्र सिंह को विजय श्री प्राप्त हुई, लेकिन इस युद्ध में नागदा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया इस कारण जैत्र सिंह ने नागदा व आहड़ के स्थान पर चित्तौड़गढ़ को अपनी नवीन राजधानी के रूप में स्थापित किया, इनके शासनकाल में मंगोल आक्रमणकारी चंगेज खाँ का आक्रमण हुआ | जैत्र सिंह के अन्तिम शासनकाल में दिल्ली के सुल्तान [[नासिरूद्दीन महमूद|नसरूद्दीन महमूद]] का आक्रमण हुआ | इस कारण जैत्र सिंह मेेेवाड़ के लिए विशेष योगदान न देे सका, क्योंकि इसे अपने शासनकाल में आक्रमणों से सामना करना पड़ा, फिर भी '''जैत्र सिंह ने आहड़ को चालुक्योंं की शक्ति से आजाद करानेे में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई |''' |
दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने इनके शासनकाल में मेवाड़ राज्य पर आक्रमण किया, क्योंकि इल्तुतमिश मेवाड़ को अपने अधिकार में लाना चाहता था, '''[[नागदा]] को लेकर [[इल्तुतमिश]] व जैत्र सिंह के बीच 1226 ई. में भूताला का युद्ध''' लड़ा गया, हालाँकि इस युद्ध में जैत्र सिंह को विजय श्री प्राप्त हुई, लेकिन इस युद्ध में नागदा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया इस कारण जैत्र सिंह ने नागदा व आहड़ के स्थान पर चित्तौड़गढ़ को अपनी नवीन राजधानी के रूप में स्थापित किया, इनके शासनकाल में मंगोल आक्रमणकारी चंगेज खाँ का आक्रमण हुआ | जैत्र सिंह के अन्तिम शासनकाल में दिल्ली के सुल्तान [[नासिरूद्दीन महमूद|नसरूद्दीन महमूद]] का आक्रमण हुआ | इस कारण जैत्र सिंह मेेेवाड़ के लिए विशेष योगदान न देे सका, क्योंकि इसे अपने शासनकाल में आक्रमणों से सामना करना पड़ा, फिर भी '''जैत्र सिंह ने आहड़ को चालुक्योंं की शक्ति से आजाद करानेे में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई |''' |
08:25, 10 अप्रैल 2020 का अवतरण
इस लेख में अनेक समस्याएँ हैं। कृपया इसे सुधारने में मदद करें या वार्ता पृष्ठ पर इन समस्याओं पर चर्चा करें।
|
जैत्र सिंह(1213-1253AD) =====sasankal 1213-1250 , 1213 ई. में मेवाड़ के शासक बने | इन्होंने सबसे पहले पूूर्वजों ( किर्तिपाल चौहान द्वारा सामंत सिंह को हराया गया था ) का अपमाान का बदला लेने के लिए सोनगरा चौहानों शासक उदयसिंह ( सोनगरा ) पर आक्रमण किया किर्तिपाल चौहान द्वारा सामंत सिंह पर किया गया था |
दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने इनके शासनकाल में मेवाड़ राज्य पर आक्रमण किया, क्योंकि इल्तुतमिश मेवाड़ को अपने अधिकार में लाना चाहता था, नागदा को लेकर इल्तुतमिश व जैत्र सिंह के बीच 1226 ई. में भूताला का युद्ध लड़ा गया, हालाँकि इस युद्ध में जैत्र सिंह को विजय श्री प्राप्त हुई, लेकिन इस युद्ध में नागदा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया इस कारण जैत्र सिंह ने नागदा व आहड़ के स्थान पर चित्तौड़गढ़ को अपनी नवीन राजधानी के रूप में स्थापित किया, इनके शासनकाल में मंगोल आक्रमणकारी चंगेज खाँ का आक्रमण हुआ | जैत्र सिंह के अन्तिम शासनकाल में दिल्ली के सुल्तान नसरूद्दीन महमूद का आक्रमण हुआ | इस कारण जैत्र सिंह मेेेवाड़ के लिए विशेष योगदान न देे सका, क्योंकि इसे अपने शासनकाल में आक्रमणों से सामना करना पड़ा, फिर भी जैत्र सिंह ने आहड़ को चालुक्योंं की शक्ति से आजाद करानेे में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई |