"आदिपर्व": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो देवदत्त ढाकणे (Talk) के संपादनों को हटाकर चिन्ताहरण दास के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
पंक्ति 34: पंक्ति 34:
|२३३/९६२६.५
|२३३/९६२६.५
|
|
आदि पर्व के प्रारम्भ में महाभारत के पर्वों, उपपर्वों और उनके विषयों का संक्षिप्त संग्रह है। इसमें सर्वप्रथम महर्षि उत्तंग का महात्म्य, भृगुवंश का विस्तार, नागों का वंश, कद्रू और विनता की कथा, [[देवता|देवों]]-दानवों द्वारा [[समुद्र मंथन]], [[जनमेजय]] के सर्पसत्र की सूचना,[[व्यास]] आदि की उत्पत्ति, देवताओं के अंशावतरण, [[दुष्यन्त]]-[[शकुन्तला]] की कथा, भरत का चरित्र, [[ययाति]] के चरित्र का वर्णन, शान्तनु और गंगा की कथा, महर्षि वसिष्ठ से शापित वसुओं का [[भीष्म]] के रूप में का जन्म, भीष्म प्रतिज्ञा, [[कौरव|कौरवों]] तथा [[पाण्डव|पाण्डवों]] की उत्पत्ति, [[लाक्षागृह]] का वृत्तान्त, हिडिम्ब का वध और हिडिम्बा का विवाह, [[बकासुर]] का वध, [[धृष्टद्युम्न]] और [[द्रौपदी]] की उत्पत्ति, द्रौपदी-स्वयंवर और विवाह, पाण्डव का [[हस्तिनापुर]] में आगमन, सुन्द-उपसुन्द की कथा, नियम भंग के कारण [[अर्जुन]] का वनवास, [[सुभद्रा]]हरण और विवाह, [[खाण्डव वन]] का दहन और इन्द्रप्रस्थ की स्थापना वर्णित है।
आदि पर्व के प्रारम्भ में महाभारत के पर्वों, उपपर्वों और उनके विषयों का संक्षिप्त संग्रह है। इसमें सर्वप्रथम महर्षि उत्तंग का महात्म्य, भृगुवंश का विस्तार, नागों का वंश, कद्रू और विनता की कथा, [[देवता|देवों]]-दानवों द्वारा [[समुद्र मन्थन|समुद्र मंथन]], [[जनमेजय]] के सर्पसत्र की सूचना,[[व्यास]] आदि की उत्पत्ति, देवताओं के अंशावतरण, [[दुष्यन्त]]-[[शकुन्तला]] की कथा, भरत का चरित्र, [[ययाति]] के चरित्र का वर्णन, शान्तनु और गंगा की कथा, महर्षि वसिष्ठ से शापित वसुओं का [[भीष्म]] के रूप में का जन्म, भीष्म प्रतिज्ञा, [[कौरव|कौरवों]] तथा [[पाण्डव|पाण्डवों]] की उत्पत्ति, [[लाक्षागृह]] का वृत्तान्त, हिडिम्ब का वध और हिडिम्बा का विवाह, [[बकासुर]] का वध, [[धृष्टद्युम्न]] और [[द्रौपदी]] की उत्पत्ति, द्रौपदी-स्वयंवर और विवाह, पाण्डव का [[हस्तिनापुर]] में आगमन, सुन्द-उपसुन्द की कथा, नियम भंग के कारण [[अर्जुन]] का वनवास, [[सुभद्रा]]हरण और विवाह, [[खाण्डव वन]] का दहन और इन्द्रप्रस्थ की स्थापना वर्णित है।


'''चित्र दीर्घा'''
'''चित्र दीर्घा'''

08:50, 15 मार्च 2020 का अवतरण

महाभारत के आदि पर्व के अन्तर्गत कुल १९ उपपर्व और २३३ अध्याय हैं।

पर्व शीर्षक उप-पर्व संख्या उप-पर्व सुची अध्याय एवम श्लोक संख्या विषय-सूची
आदिपर्व १-१९
  • अनुक्रमणिका पर्व
  • पर्वसंग्रह पर्व
  • पौष्य पर्व
  • पौलोम पर्व
  • आस्तीक पर्व
  • अंशावतार पर्व
  • सम्भाव पर्व
  • जतुगृह पर्व
  • हिडिम्बवध पर्व
  • बकवध पर्व
  • चैत्ररथ पर्व
  • स्वयंवर पर्व
  • वैवाहिक पर्व
  • विदुरागमन राज्यलम्भ पर्व
  • अर्जुनवनवास पर्व
  • सुभद्राहरण पर्व
  • हरणाहरण पर्व
  • खाण्डवदाह पर्व
  • मयदर्शन पर्व।
२३३/९६२६.५

आदि पर्व के प्रारम्भ में महाभारत के पर्वों, उपपर्वों और उनके विषयों का संक्षिप्त संग्रह है। इसमें सर्वप्रथम महर्षि उत्तंग का महात्म्य, भृगुवंश का विस्तार, नागों का वंश, कद्रू और विनता की कथा, देवों-दानवों द्वारा समुद्र मंथन, जनमेजय के सर्पसत्र की सूचना,व्यास आदि की उत्पत्ति, देवताओं के अंशावतरण, दुष्यन्त-शकुन्तला की कथा, भरत का चरित्र, ययाति के चरित्र का वर्णन, शान्तनु और गंगा की कथा, महर्षि वसिष्ठ से शापित वसुओं का भीष्म के रूप में का जन्म, भीष्म प्रतिज्ञा, कौरवों तथा पाण्डवों की उत्पत्ति, लाक्षागृह का वृत्तान्त, हिडिम्ब का वध और हिडिम्बा का विवाह, बकासुर का वध, धृष्टद्युम्न और द्रौपदी की उत्पत्ति, द्रौपदी-स्वयंवर और विवाह, पाण्डव का हस्तिनापुर में आगमन, सुन्द-उपसुन्द की कथा, नियम भंग के कारण अर्जुन का वनवास, सुभद्राहरण और विवाह, खाण्डव वन का दहन और इन्द्रप्रस्थ की स्थापना वर्णित है।

चित्र दीर्घा


बाहरी कडियाँ