"महमूद": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो बॉट: साँचा बदल रहा है: Infobox person
छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
| name = महमूद अली
| name = महमूद अली
| birth_date = {{Birth date|df=yes|1932|9|29}}
| birth_date = {{Birth date|df=yes|1932|9|29}}
| birth_place = {{flagicon|India}} [[मुंबई]], [[ब्रितानी भारत]]
| birth_place = {{flagicon|India}} [[मुम्बई|मुंबई]], [[ब्रिटिश राज|ब्रितानी भारत]]
| death_date = {{death date and age|df=yes|2004|7|23|1932|9|29}}
| death_date = {{death date and age|df=yes|2004|7|23|1932|9|29}}
| death_place = {{flagicon|USA}} [[पेनसिल्वेनिया]], [[अमरीका]]
| death_place = {{flagicon|USA}} [[पेन्सिलवेनिया|पेनसिल्वेनिया]], [[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमरीका]]
| occupation = कलाकार
| occupation = कलाकार
| parents = मुम्ताज़ अली <br/> लतीफ़ुन्निसा अली
| parents = मुम्ताज़ अली <br/> लतीफ़ुन्निसा अली
पंक्ति 12: पंक्ति 12:
[[मीना कुमारी]] (साली, मधु की बहन)
[[मीना कुमारी]] (साली, मधु की बहन)
}}
}}
'''महमूद अली''' (29 [[सितम्बर]],[[1932]]-23 [[जुलाई]], [[2004]]) (आम तौर पर '''महमूद''') एक [[भारत|भारतीय]] अभिनेता और फ़िल्म निर्देशक थे। [[हिन्दी]] फ़िल्मों में उनके हास्य कलाकार के तौर पर किये गये अदभुत अभिनय के लिये वे जाने और सराहे गये है। तीन दशक लम्बे चले उनके करीयर में उन्होने 300 से ज़्यादा हिन्दी फ़िल्मों में काम किया। महमूद अभिनेता और नृत्य कलाकार मुम्ताज़ अली के नौ बच्चों में से एक थे।<ref name="Daily Times 24 July 2004">{{Cite web |url= http://www.dailytimes.com.pk/default.asp?page=story_24-7-2004_pg7_5 |title= Indian comedian Mehmood dead |accessdate=2 January 2009 |last= |first= |author2= |date= 24 July 2004|work= [[Daily Times (Pakistan)|Daily Times]]}}</ref> जुलाई २३, २००४ को [[अमरीका]] में [[पेनसिल्वेनिया]] शहर में नींद में ही गुज़र गये। वे बरसों से ह्रदयरोग से पीड़ित थे। पिछले बरसों में उनकी सेहत बहुत खराब रहती थी।
'''महमूद अली''' (29 [[सितम्बर]],[[१९३२|1932-]]23 [[जुलाई]], [[२००४|2004]]) (आम तौर पर '''महमूद''') एक [[भारत|भारतीय]] अभिनेता और फ़िल्म निर्देशक थे। [[हिन्दी]] फ़िल्मों में उनके हास्य कलाकार के तौर पर किये गये अदभुत अभिनय के लिये वे जाने और सराहे गये है। तीन दशक लम्बे चले उनके करीयर में उन्होने 300 से ज़्यादा हिन्दी फ़िल्मों में काम किया। महमूद अभिनेता और नृत्य कलाकार मुम्ताज़ अली के नौ बच्चों में से एक थे।<ref name="Daily Times 24 July 2004">{{Cite web |url= http://www.dailytimes.com.pk/default.asp?page=story_24-7-2004_pg7_5 |title= Indian comedian Mehmood dead |accessdate=2 January 2009 |last= |first= |author2= |date= 24 July 2004|work= [[Daily Times (Pakistan)|Daily Times]]}}</ref> जुलाई २३, २००४ को [[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमरीका]] में [[पेन्सिलवेनिया|पेनसिल्वेनिया]] शहर में नींद में ही गुज़र गये। वे बरसों से ह्रदयरोग से पीड़ित थे। पिछले बरसों में उनकी सेहत बहुत खराब रहती थी।


== व्यक्तिगत जीवन ==
== व्यक्तिगत जीवन ==
पंक्ति 28: पंक्ति 28:


== कैरियर ==
== कैरियर ==
अभिनेता के तौर पर काम से पेहले वे छोटे मोटे काम करते थे, वाहन चलाने का काम भी करते थे। उस ज़माने में [[मीना कुमारी]] को [[टेबल टेनिस]] सिखाने के लिये उन्हे नौकरी पर रक्खा गया था। बादमें उन्होने मीना कुमारी की बहन मधु से शादी की। शादी करने और पिता बनने के बाद ज़्यादा पैसे कमाने के लिये उन्होने अभिनय करने का निश्चय किया। शुरुआत में उन्होने "''[[दो बिघा ज़मीन]]''" और "''[[प्यासा]]''" जैसी फ़िल्मों में छोटे मोटे पात्र निभायें। महमूद को फ़िल्मों में पहला बड़ा ब्रेक फ़िल्म परवरिश (1958) में मिला था। इसमें उन्होंने फ़िल्म के नायक राजकपूर के भाई का किरदार निभाया था। बाद में उन्होंने फ़िल्म गुमनाम में एक दक्षिण भारतीय रसोइए का कालजई किरदार अदा किया। उसके बाद उन्होंने प्यार किए जा, प्यार ही प्यार, ससुराल, लव इन टोक्यो और जिद्दी जैसी हिट फ़िल्में दीं। बाद में उन्होंने कुछ फ़िल्मों में मुख्य भूमिका भी निभाई लेकिन दर्शकों ने उन्हें एक कॉमेडियन के तौर पर ज्यादा पसंद किया।
अभिनेता के तौर पर काम से पेहले वे छोटे मोटे काम करते थे, वाहन चलाने का काम भी करते थे। उस ज़माने में [[मीना कुमारी]] को [[टेबल टेनिस]] सिखाने के लिये उन्हे नौकरी पर रक्खा गया था। बादमें उन्होने मीना कुमारी की बहन मधु से शादी की। शादी करने और पिता बनने के बाद ज़्यादा पैसे कमाने के लिये उन्होने अभिनय करने का निश्चय किया। शुरुआत में उन्होने "''[[दो बिघा ज़मीन]]''" और "''[[प्यासा (1957 फ़िल्म)|प्यासा]]''" जैसी फ़िल्मों में छोटे मोटे पात्र निभायें। महमूद को फ़िल्मों में पहला बड़ा ब्रेक फ़िल्म परवरिश (1958) में मिला था। इसमें उन्होंने फ़िल्म के नायक राजकपूर के भाई का किरदार निभाया था। बाद में उन्होंने फ़िल्म गुमनाम में एक दक्षिण भारतीय रसोइए का कालजई किरदार अदा किया। उसके बाद उन्होंने प्यार किए जा, प्यार ही प्यार, ससुराल, लव इन टोक्यो और जिद्दी जैसी हिट फ़िल्में दीं। बाद में उन्होंने कुछ फ़िल्मों में मुख्य भूमिका भी निभाई लेकिन दर्शकों ने उन्हें एक कॉमेडियन के तौर पर ज्यादा पसंद किया।


महमूद ने बाद में अपना स्वयं का प्रोडक्शन हाउस खोला। उनकी पहली होम प्रोडक्शन फ़िल्म छोटे नवाब थी। बाद में उन्होंने बतौर निर्देशक सस्पेंस-कॉमेडी फ़िल्म भूत बंगला बनाई। उसके बाद उनकी फ़िल्म पड़ोसन 60 के दशक की जबर्दस्त हिट साबित हुई। पड़ोसन को हिंदी सिने जगत की श्रेष्ठ हास्य फ़िल्मों में गिना जाता है। अपनी अनेक फ़िल्मों में वह नायक के किरदार पर भारी नजर आए।
महमूद ने बाद में अपना स्वयं का प्रोडक्शन हाउस खोला। उनकी पहली होम प्रोडक्शन फ़िल्म छोटे नवाब थी। बाद में उन्होंने बतौर निर्देशक सस्पेंस-कॉमेडी फ़िल्म भूत बंगला बनाई। उसके बाद उनकी फ़िल्म पड़ोसन 60 के दशक की जबर्दस्त हिट साबित हुई। पड़ोसन को हिंदी सिने जगत की श्रेष्ठ हास्य फ़िल्मों में गिना जाता है। अपनी अनेक फ़िल्मों में वह नायक के किरदार पर भारी नजर आए।
पंक्ति 37: पंक्ति 37:
उनकी कुछ प्रमुख फ़िल्में थीं - पड़ोसन, गुमनाम, प्यार किए जा, भूत बंगला, बॉम्बे टू गोवा, सबसे बड़ा रूपैया, पत्थर के सनम, अनोखी अदा, नीला आकाश, नील कमल, कुँवारा बाप आदि.
उनकी कुछ प्रमुख फ़िल्में थीं - पड़ोसन, गुमनाम, प्यार किए जा, भूत बंगला, बॉम्बे टू गोवा, सबसे बड़ा रूपैया, पत्थर के सनम, अनोखी अदा, नीला आकाश, नील कमल, कुँवारा बाप आदि.


[[आई एस जौहर]] के साथ उनकी जोड़ी काफ़ी मशहूर हुई थी और दोनों ने जौहर महमूद इन गोवा और जौहर महमूद इन हाँगकाँग के नाम से फ़िल्में भी कीं.
[[आई॰ एस॰ जौहर|आई एस जौहर]] के साथ उनकी जोड़ी काफ़ी मशहूर हुई थी और दोनों ने जौहर महमूद इन गोवा और जौहर महमूद इन हाँगकाँग के नाम से फ़िल्में भी कीं.


निर्देशक के रूप में महमूद की अंतिम फ़िल्म थी दुश्मन दुनिया का. १९९६ में बनी इस फ़िल्म में उन्होंने अपने बेटे '''मंज़ूर अली''' को पर्दे पर उतारा था।
निर्देशक के रूप में महमूद की अंतिम फ़िल्म थी दुश्मन दुनिया का. १९९६ में बनी इस फ़िल्म में उन्होंने अपने बेटे '''मंज़ूर अली''' को पर्दे पर उतारा था।
पंक्ति 45: पंक्ति 45:
! वर्ष !! फ़िल्म !! चरित्र !! टिप्पणी
! वर्ष !! फ़िल्म !! चरित्र !! टिप्पणी
|-
|-
|[[:श्रेणी:1980 में बनी हिन्दी फ़िल्म|1980]] || [[ख़ंजर (1980 फ़िल्म)|ख़ंजर]] || जगत ||
|[[:श्रेणी:1980 में बनी हिन्दी फ़िल्म|1980]] || [[ख़ंजर (१९८० फ़िल्म)|ख़ंजर]] || जगत ||
|-
|-
|[[:श्रेणी:1978 में बनी हिन्दी फ़िल्म|1978]] || [[देस परदेस (1978 फ़िल्म)|देस परदेस]] || अनवर ||
|[[:श्रेणी:1978 में बनी हिन्दी फ़िल्म|1978]] || [[देस परदेस (1978 फ़िल्म)|देस परदेस]] || अनवर ||
पंक्ति 60: पंक्ति 60:
* "''लव इन टोक्यो''" शोभा खोटे के साथ (१९६६)
* "''लव इन टोक्यो''" शोभा खोटे के साथ (१९६६)
* "''पत्थर के सनम''" ([[१९६७]])
* "''पत्थर के सनम''" ([[१९६७]])
* "''[[पडोसन]]''" [[सुनील दत्त]], [[सायरा बानु]] और [[किशोर कुमार]] के साथ ([[१९६८]])
* "''[[पड़ोसन (1968 फ़िल्म)|पडोसन]]''" [[सुनील दत्त]], [[सायरा बानु]] और [[किशोर कुमार]] के साथ ([[१९६८]])
* "''भूत बंगला''"
* "''भूत बंगला''"
* "''बोम्बे टु गोआ''"
* "''बोम्बे टु गोआ''"
* "''साधू और शैतान''" (१९६८)
* "''साधू और शैतान''" (१९६८)
* "''हमजोली''" ([[१९७०]])
* "''हमजोली''" ([[१९७०]])
* "''मैं सुन्दर हूं''" [[लीना चंदावरकर]] के साथ ([[१९७१]])
* "''मैं सुन्दर हूं''" [[लीना चन्दावरकर|लीना चंदावरकर]] के साथ ([[१९७१]])
* "''कुंवारा बाप''" ([[१९७४]])
* "''कुंवारा बाप''" ([[१९७४]])
* "''संगर्श''"
* "''संगर्श''"

06:19, 15 मार्च 2020 का अवतरण

महमूद अली
जन्म 29 सितम्बर 1932
भारत मुंबई, ब्रितानी भारत
मौत 23 जुलाई 2004(2004-07-23) (उम्र 71)
संयुक्त राज्य पेनसिल्वेनिया, अमरीका
पेशा कलाकार
जीवनसाथी मधु (तलाक)
नान्सी क्रोल अका ट्रेसी अली (ताहिरा)
बच्चे मसूद अली
मक़्सूद महमूद अली (लक्की अली)
मक़्दूम अली
मासूम अली
मन्ज़ूर अली
मन्सूर अली
जिन्नी अली
माता-पिता मुम्ताज़ अली
लतीफ़ुन्निसा अली
संबंधी

मीनू मुमताज़ (बहन)

मीना कुमारी (साली, मधु की बहन)
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}

महमूद अली (29 सितम्बर,1932-23 जुलाई, 2004) (आम तौर पर महमूद) एक भारतीय अभिनेता और फ़िल्म निर्देशक थे। हिन्दी फ़िल्मों में उनके हास्य कलाकार के तौर पर किये गये अदभुत अभिनय के लिये वे जाने और सराहे गये है। तीन दशक लम्बे चले उनके करीयर में उन्होने 300 से ज़्यादा हिन्दी फ़िल्मों में काम किया। महमूद अभिनेता और नृत्य कलाकार मुम्ताज़ अली के नौ बच्चों में से एक थे।[1] जुलाई २३, २००४ को अमरीका में पेनसिल्वेनिया शहर में नींद में ही गुज़र गये। वे बरसों से ह्रदयरोग से पीड़ित थे। पिछले बरसों में उनकी सेहत बहुत खराब रहती थी।

व्यक्तिगत जीवन

महमूद का जन्म 29 सितम्बर 1932 को मुम्बई में हुआ था। अपने माता-पिता की आठ में से दूसरे नम्बर की संतान महमूद ने शुरुआत में बाल कलाकार के तौर पर कुछ फ़िल्मों में काम किया था।

उनकी भाषा में हैदराबादी जुबान का पुट दर्शकों को बेहद पसंद आया और उनकी संवाद अदायगी और अभिनय के लाजवाब अंदाज ने जल्द ही करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बना लिया। महमूद ने जिस वक्त फ़िल्मों को गम्भीरता से लेना शुरू किया तब भारतीय फ़िल्मों पर किशोर कुमार की कॉमेडी का जादू छाया था।

लेखक मनमोहन मेलविले ने अपने एक लेख में महमूद और किशोर के दिलचस्प किस्से को बयान किया है। इसमें कहा गया है कि महमूद ने अपने कॅरियर के सुनहरे दौर से गुजर रहे किशोर से अपनी किसी फ़िल्म में भूमिका देने की गुजारिश की थी लेकिन महमूद की प्रतिभा से पूरी तरह वाकिफ किशोर ने कहा था कि वह ऐसे किसी व्यक्ति को मौका कैसे दे सकते, जो भविष्य में उन्हें चुनौती देने का माद्दा रखता हो। इस पर महमूद ने बड़े दिलचस्प जवाब में कहा एक दिन मैं भी बड़ा फ़िल्मकार बन जाउूंगा और आपको अपनी फ़िल्म में भूमिका दे दूंगा। महमूद अपनी बात के पक्के साबित हुए और आगे चलकर अपनी होम प्रोडक्शन फ़िल्म पड़ोसन में किशोर को रोल दिया। इन दोनों महान कलाकारों की जुगलबंदी से यह फ़िल्म बॉलीवुड की सबसे विलक्षण कॉमेडी फ़िल्म बनकर उभरी।

अपने जीवन के आखिरी दिनों में महमूद का स्वास्थ्य खराब हो गया। वह इलाज के लिए अमेरिका गए जहां 23 जुलाई 2004 को उनका निधन हो गया।[2]

महमूद ने अभिनेत्री मीना कुमारी की बहन मधु से शादी की थी।

आठ संतानों के पिता महमूद के दूसरे बेटे लकी अली जाने-माने गायक और अभिनेता हैं।

कैरियर

अभिनेता के तौर पर काम से पेहले वे छोटे मोटे काम करते थे, वाहन चलाने का काम भी करते थे। उस ज़माने में मीना कुमारी को टेबल टेनिस सिखाने के लिये उन्हे नौकरी पर रक्खा गया था। बादमें उन्होने मीना कुमारी की बहन मधु से शादी की। शादी करने और पिता बनने के बाद ज़्यादा पैसे कमाने के लिये उन्होने अभिनय करने का निश्चय किया। शुरुआत में उन्होने "दो बिघा ज़मीन" और "प्यासा" जैसी फ़िल्मों में छोटे मोटे पात्र निभायें। महमूद को फ़िल्मों में पहला बड़ा ब्रेक फ़िल्म परवरिश (1958) में मिला था। इसमें उन्होंने फ़िल्म के नायक राजकपूर के भाई का किरदार निभाया था। बाद में उन्होंने फ़िल्म गुमनाम में एक दक्षिण भारतीय रसोइए का कालजई किरदार अदा किया। उसके बाद उन्होंने प्यार किए जा, प्यार ही प्यार, ससुराल, लव इन टोक्यो और जिद्दी जैसी हिट फ़िल्में दीं। बाद में उन्होंने कुछ फ़िल्मों में मुख्य भूमिका भी निभाई लेकिन दर्शकों ने उन्हें एक कॉमेडियन के तौर पर ज्यादा पसंद किया।

महमूद ने बाद में अपना स्वयं का प्रोडक्शन हाउस खोला। उनकी पहली होम प्रोडक्शन फ़िल्म छोटे नवाब थी। बाद में उन्होंने बतौर निर्देशक सस्पेंस-कॉमेडी फ़िल्म भूत बंगला बनाई। उसके बाद उनकी फ़िल्म पड़ोसन 60 के दशक की जबर्दस्त हिट साबित हुई। पड़ोसन को हिंदी सिने जगत की श्रेष्ठ हास्य फ़िल्मों में गिना जाता है। अपनी अनेक फ़िल्मों में वह नायक के किरदार पर भारी नजर आए।

अभिनेता, निर्देशक, कथाकार और निर्माता के रूप में काम करने वाले महमूद ने शाहरुख खान को लेकर वर्ष 1996 में अपनी आखिरी फ़िल्म दुश्मन दुनिया का बनाई लेकिन वह बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रही।

प्रमुख फिल्में

उनकी कुछ प्रमुख फ़िल्में थीं - पड़ोसन, गुमनाम, प्यार किए जा, भूत बंगला, बॉम्बे टू गोवा, सबसे बड़ा रूपैया, पत्थर के सनम, अनोखी अदा, नीला आकाश, नील कमल, कुँवारा बाप आदि.

आई एस जौहर के साथ उनकी जोड़ी काफ़ी मशहूर हुई थी और दोनों ने जौहर महमूद इन गोवा और जौहर महमूद इन हाँगकाँग के नाम से फ़िल्में भी कीं.

निर्देशक के रूप में महमूद की अंतिम फ़िल्म थी दुश्मन दुनिया का. १९९६ में बनी इस फ़िल्म में उन्होंने अपने बेटे मंज़ूर अली को पर्दे पर उतारा था।

वर्ष फ़िल्म चरित्र टिप्पणी
1980 ख़ंजर जगत
1978 देस परदेस अनवर
1975 सलाखें अब्दुल रहमान
1974 कुँवारा बाप
1966 पति पत्नी

उनके कुछ यादगार गाने थे "एक चतुर नार" "पडोसन" से, "आओ ट्विस्ट करें" "भूत बंगला" से, "ये दो दिवाने दिल के" "जोहर मेहमूद इन गोवा" से, "हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं" "गुमनाम" से।

सन्दर्भ

  1. "Indian comedian Mehmood dead". Daily Times. 24 July 2004. अभिगमन तिथि 2 January 2009.
  2. Mumbai bids emotional farewell to Mehmood The Times of India, 28 July 2004.

नामांकन और पुरस्कार