"पंडोह झील": अवतरणों में अंतर

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'''पंडोह बांध''' [[हिमाचल प्रदेश]] के [[मंडी जिला|मंडी जिले]] में [[व्यास नदी]] पर बना एक तटबन्ध (embankment) [[बाँध]] है। [[व्यास परियोजना]] के अन्तर्गत यह बाँध १९७७ में बनकर तैयार हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य [[जलविद्युत]] शक्ति जनन है।
'''पंडोह बांध''' [[हिमाचल प्रदेश]] के [[मंडी जिला|मंडी जिले]] में [[ब्यास नदी|व्यास नदी]] पर बना एक तटबन्ध (embankment) [[बाँध]] है। [[व्यास परियोजना]] के अन्तर्गत यह बाँध १९७७ में बनकर तैयार हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य [[जलविद्युत ऊर्जा|जलविद्युत]] शक्ति जनन है।


ये बाँध 76 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। [[कुल्लू]] और [[मनाली]] इन दोनों स्थानों की बिजली आपूर्ति यहीं से होती है। कुल्लू से मनाली मार्ग पर पड़ने के कारण और अपनी मन को मोह लेने वाली सुन्दरता के कारण ये हमेशा ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है।
ये बाँध 76 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। [[कुल्लू]] और [[मनाली]] इन दोनों स्थानों की बिजली आपूर्ति यहीं से होती है। कुल्लू से मनाली मार्ग पर पड़ने के कारण और अपनी मन को मोह लेने वाली सुन्दरता के कारण ये हमेशा ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है।

05:30, 15 मार्च 2020 के समय का अवतरण

पंडोह बांध हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में व्यास नदी पर बना एक तटबन्ध (embankment) बाँध है। व्यास परियोजना के अन्तर्गत यह बाँध १९७७ में बनकर तैयार हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य जलविद्युत शक्ति जनन है।

ये बाँध 76 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कुल्लू और मनाली इन दोनों स्थानों की बिजली आपूर्ति यहीं से होती है। कुल्लू से मनाली मार्ग पर पड़ने के कारण और अपनी मन को मोह लेने वाली सुन्दरता के कारण ये हमेशा ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है।

यहां की सुन्दरता किसी भी यात्री का मन आसानी से मोह सकती है ! भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) बांध के विकास, प्रबंधन, और बांध के रखरखाव के लिए जिम्मेदार है।