"सौत्रान्तिक": अवतरणों में अंतर
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''''सौत्रांतिक''' मत हीनयान परंपरा का [[बौद्ध दर्शन]] है। इसका प्रचार भी लंका में है। इस मत के अनुसार पदार्थों का प्रत्यक्ष नहीं, [[अनुमान]] होता है। अत: उसे बाह्यानुमेयवाद कहते हैं। |
''''सौत्रांतिक''' मत हीनयान परंपरा का [[बौद्ध दर्शन]] है। इसका प्रचार भी लंका में है। इस मत के अनुसार पदार्थों का प्रत्यक्ष नहीं, [[अनुमान]] होता है। अत: उसे बाह्यानुमेयवाद कहते हैं। सौत्रान्तिक पाठशाला की शुरुआत बौद्ध मुनि [[कुमारलात]] से मानी जाती है। |
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==इन्हें भी देखें== |
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*[[कुमारलात]] |
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==सन्दर्भ== |
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==बाहरी कड़ियाँ== |
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[[श्रेणी:भारतीय दर्शन]] |
[[श्रेणी:भारतीय दर्शन]] |
07:00, 7 मार्च 2020 का अवतरण
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'सौत्रांतिक मत हीनयान परंपरा का बौद्ध दर्शन है। इसका प्रचार भी लंका में है। इस मत के अनुसार पदार्थों का प्रत्यक्ष नहीं, अनुमान होता है। अत: उसे बाह्यानुमेयवाद कहते हैं। सौत्रान्तिक पाठशाला की शुरुआत बौद्ध मुनि कुमारलात से मानी जाती है।