"सौत्रान्तिक": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो बॉट: वर्तनी एकरूपता।
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{आधार}}
{{आधार}}
''''सौत्रांतिक''' मत हीनयान परंपरा का [[बौद्ध दर्शन]] है। इसका प्रचार भी लंका में है। इस मत के अनुसार पदार्थों का प्रत्यक्ष नहीं, [[अनुमान]] होता है। अत: उसे बाह्यानुमेयवाद कहते हैं।
''''सौत्रांतिक''' मत हीनयान परंपरा का [[बौद्ध दर्शन]] है। इसका प्रचार भी लंका में है। इस मत के अनुसार पदार्थों का प्रत्यक्ष नहीं, [[अनुमान]] होता है। अत: उसे बाह्यानुमेयवाद कहते हैं। सौत्रान्तिक पाठशाला की शुरुआत बौद्ध मुनि [[कुमारलात]] से मानी जाती है।

==इन्हें भी देखें==
*[[कुमारलात]]

==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}

==बाहरी कड़ियाँ==


[[श्रेणी:भारतीय दर्शन]]
[[श्रेणी:भारतीय दर्शन]]

07:00, 7 मार्च 2020 का अवतरण

'सौत्रांतिक मत हीनयान परंपरा का बौद्ध दर्शन है। इसका प्रचार भी लंका में है। इस मत के अनुसार पदार्थों का प्रत्यक्ष नहीं, अनुमान होता है। अत: उसे बाह्यानुमेयवाद कहते हैं। सौत्रान्तिक पाठशाला की शुरुआत बौद्ध मुनि कुमारलात से मानी जाती है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ