"इलेक्ट्रॉनिक इंजिनीयरी का इतिहास": अवतरणों में अंतर

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इलेक्ट्रॉनिकी का आधुनिक रूप [[रेडियो]] एवं [[दूरदर्शन]] के विकास के रूप में सामने आया। साथ ही [[द्वितीय विश्व युद्ध]] में प्रयुक्त रक्षा उपकरणों एवं रक्षा-तन्त्रों से भी इसका महत्व उभरकर सामने आया। किन्तु इलेक्ट्रॉनिकी की नीव बहुत पहले ही रखी जा चुकी थी।
इलेक्ट्रॉनिकी का आधुनिक रूप [[रेडियो]] एवं [[दूरदर्शन]] के विकास के रूप में सामने आया। साथ ही [[द्वितीय विश्वयुद्ध|द्वितीय विश्व युद्ध]] में प्रयुक्त रक्षा उपकरणों एवं रक्षा-तन्त्रों से भी इसका महत्व उभरकर सामने आया। किन्तु इलेक्ट्रॉनिकी की नीव बहुत पहले ही रखी जा चुकी थी।


इलेक्ट्रॉनिकी के विकास की मुख्य घटनायें एवं चरण संक्षेप में इस प्रकार हैं:
इलेक्ट्रॉनिकी के विकास की मुख्य घटनायें एवं चरण संक्षेप में इस प्रकार हैं:


* '''१८८३''' - [[थॉमस अल्वा एडिसन]] ने पाया कि [[निर्वात]] में इलेक्ट्रान धातु के एक चालक से दूसरे चालक में प्रवाहित हो सकते हैं। बाद में इसी सिद्धान्त पर [[निर्वात]] [[डायोड]] और [[ट्रायोड]] बने।
* '''१८८३''' - [[थॉमस ऐल्वा एडीसन|थॉमस अल्वा एडिसन]] ने पाया कि [[निर्वात]] में इलेक्ट्रान धातु के एक चालक से दूसरे चालक में प्रवाहित हो सकते हैं। बाद में इसी सिद्धान्त पर [[निर्वात]] [[डायोड]] और [[ट्रायोड]] बने।
* '''१८९३''' में [[निकोलाई टेस्ला]] द्वारा रेडियो संचार का प्रदर्शन
* '''१८९३''' में [[निकोलाई टेस्ला]] द्वारा रेडियो संचार का प्रदर्शन
* '''१८९६''' में [[मारकोनी]] ने रेडियो संचार का व्यावहारिक प्रदर्शन करके दिखाया।
* '''१८९६''' में [[मारकोनी]] ने रेडियो संचार का व्यावहारिक प्रदर्शन करके दिखाया।
* '''१९०४''' में [[जॉन अम्ब्रोस फ्लेमिंग]] ने पहला [[डायोड]] बनाया जिसे '''रेडियो ट्यूब''' कहा गया।
* '''१९०४''' में [[जॉन अम्ब्रोस फ्लेमिंग]] ने पहला [[डायोड]] बनाया जिसे '''रेडियो ट्यूब''' कहा गया।
* '''१९०६''' में [[रॉबर्ट बान लीबेन]] और [[ली डी फारेस्ट]] ने स्वतन्त्र रूप से [[ट्रायोड]] का निर्माण किया जो [[प्रवर्धन|प्रवर्धक]] (एम्प्लिफायर) का काम करने में सक्षम थी। इसी के साथ इलेक्ट्रॉनिकी के विकास का दौर आरम्भ हुआ। इलेक्ट्रान ट्यूबों का पहला उपयोग [[रेडियो संचार]] में हुआ।
* '''१९०६''' में [[रॉबर्ट बान लीबेन]] और [[ली डी फारेस्ट]] ने स्वतन्त्र रूप से [[ट्रायोड]] का निर्माण किया जो [[प्रवर्धक]] (एम्प्लिफायर) का काम करने में सक्षम थी। इसी के साथ इलेक्ट्रॉनिकी के विकास का दौर आरम्भ हुआ। इलेक्ट्रान ट्यूबों का पहला उपयोग [[रेडियो संचार]] में हुआ।
* '''१९४७''' में [[बेल प्रयोगशाला]] में कार्यरत [[विलियम शाक्ले]] ने [[ट्रांजिस्टर]] का आविष्कार किया। इस आविष्कार के फलस्वरूप इलेक्ट्रॉनिकी निर्वात-नलिका पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों से हटकर एक नये युग में प्रवेश कर गयी। अब छोटे-छोटे रेडियो आने लगे।
* '''१९४७''' में [[बेल प्रयोगशाला]] में कार्यरत [[विलियम शाक्ले]] ने [[ट्रांजिस्टर]] का आविष्कार किया। इस आविष्कार के फलस्वरूप इलेक्ट्रॉनिकी निर्वात-नलिका पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों से हटकर एक नये युग में प्रवेश कर गयी। अब छोटे-छोटे रेडियो आने लगे।
* '''१९५९''' में [[एकीकृत परिपथ]] का आविष्कार हुआ। इसके पहले इलेक्ट्रॉनिक परिपथ अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों को जोड़कर बनाये जाते थे जिससे अधिक जगह घेरते थे, अधिक सविद्युत शक्ति लेते थे, विश्वसनीयता कम थी। आई-सी के पदार्पण ने नयी सम्भावनायें खोल दीं। आधुनिक पीसी, एवं मोबाइल आदि आई-सी के आविष्कार के बिना इतने छोटे, सस्ते एवं इतने कार्यक्षम नहीं हो सकते थे।
* '''१९५९''' में [[एकीकृत परिपथ]] का आविष्कार हुआ। इसके पहले इलेक्ट्रॉनिक परिपथ अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों को जोड़कर बनाये जाते थे जिससे अधिक जगह घेरते थे, अधिक सविद्युत शक्ति लेते थे, विश्वसनीयता कम थी। आई-सी के पदार्पण ने नयी सम्भावनायें खोल दीं। आधुनिक पीसी, एवं मोबाइल आदि आई-सी के आविष्कार के बिना इतने छोटे, सस्ते एवं इतने कार्यक्षम नहीं हो सकते थे।
* '''१९६८''' मे [[माइक्रोप्रोसेसर]] का विकास ([[इन्टेल]] में कार्यरत मार्सिअन हॉफ (Marcian Hoff) द्वारा)
* '''१९६८''' मे [[माइक्रोप्रोसेसर]] का विकास ([[इंटेल|इन्टेल]] में कार्यरत मार्सिअन हॉफ (Marcian Hoff) द्वारा)


==इन्हें भी देखें==
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*[[एकीकृत परिपथ]] (आईसी)
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*[[माइक्रोप्रोसेसर]]
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*[[अर्धचालक]]
*[[अर्धचालक पदार्थ|अर्धचालक]]
*[[ट्रांजिस्टर]]
*[[ट्रांजिस्टर]]
*[[संगणन हार्डवेयर के विकास का इतिहास]]
*[[संगणन हार्डवेयर के विकास का इतिहास]]

17:09, 6 मार्च 2020 का अवतरण

इलेक्ट्रॉनिकी का आधुनिक रूप रेडियो एवं दूरदर्शन के विकास के रूप में सामने आया। साथ ही द्वितीय विश्व युद्ध में प्रयुक्त रक्षा उपकरणों एवं रक्षा-तन्त्रों से भी इसका महत्व उभरकर सामने आया। किन्तु इलेक्ट्रॉनिकी की नीव बहुत पहले ही रखी जा चुकी थी।

इलेक्ट्रॉनिकी के विकास की मुख्य घटनायें एवं चरण संक्षेप में इस प्रकार हैं:

  • १८८३ - थॉमस अल्वा एडिसन ने पाया कि निर्वात में इलेक्ट्रान धातु के एक चालक से दूसरे चालक में प्रवाहित हो सकते हैं। बाद में इसी सिद्धान्त पर निर्वात डायोड और ट्रायोड बने।
  • १८९३ में निकोलाई टेस्ला द्वारा रेडियो संचार का प्रदर्शन
  • १८९६ में मारकोनी ने रेडियो संचार का व्यावहारिक प्रदर्शन करके दिखाया।
  • १९०४ में जॉन अम्ब्रोस फ्लेमिंग ने पहला डायोड बनाया जिसे रेडियो ट्यूब कहा गया।
  • १९०६ में रॉबर्ट बान लीबेन और ली डी फारेस्ट ने स्वतन्त्र रूप से ट्रायोड का निर्माण किया जो प्रवर्धक (एम्प्लिफायर) का काम करने में सक्षम थी। इसी के साथ इलेक्ट्रॉनिकी के विकास का दौर आरम्भ हुआ। इलेक्ट्रान ट्यूबों का पहला उपयोग रेडियो संचार में हुआ।
  • १९४७ में बेल प्रयोगशाला में कार्यरत विलियम शाक्ले ने ट्रांजिस्टर का आविष्कार किया। इस आविष्कार के फलस्वरूप इलेक्ट्रॉनिकी निर्वात-नलिका पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों से हटकर एक नये युग में प्रवेश कर गयी। अब छोटे-छोटे रेडियो आने लगे।
  • १९५९ में एकीकृत परिपथ का आविष्कार हुआ। इसके पहले इलेक्ट्रॉनिक परिपथ अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों को जोड़कर बनाये जाते थे जिससे अधिक जगह घेरते थे, अधिक सविद्युत शक्ति लेते थे, विश्वसनीयता कम थी। आई-सी के पदार्पण ने नयी सम्भावनायें खोल दीं। आधुनिक पीसी, एवं मोबाइल आदि आई-सी के आविष्कार के बिना इतने छोटे, सस्ते एवं इतने कार्यक्षम नहीं हो सकते थे।
  • १९६८ मे माइक्रोप्रोसेसर का विकास (इन्टेल में कार्यरत मार्सिअन हॉफ (Marcian Hoff) द्वारा)

इन्हें भी देखें

  • [[एलेक्ट्रॉन नलिका

]]