"ऍप्सिलन पॅगासाई तारा": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Pegasus constellation map.svg|thumb|right|ऍप्सिलन पॅगासाई [[पर्णिन अश्व तारामंडल]] में 'ε' के चिह्न द्वारा नामांकित तारा है]]
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'''ऍप्सिलन पॅगासाई''', जिसका [[बायर नाम]] भी यही (ε Pegasi या ε Peg) है, [[पर्णिन अश्व तारामंडल]] का सब से रोशन [[तारा]] है। यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से [[सबसे रोशन तारों की सूची|८२वाँ सब से रोशन]] तारा है। इसकी पृथ्वी से देखी गई [[चमक]] ([[सापेक्ष कान्तिमान]]) +२.४ [[खगोलीय मैग्नीट्यूड|मैग्नीट्यूड]] है। ऍप्सिलन पॅगासाई हमसे लगभग ७०० [[प्रकाश वर्ष]] की दूरी पर स्थित है।<ref name="ref44pazeg">{{cite web | title=The brightest stars: discovering the universe through the sky's most brilliant stars | author=Fred Schaaf | publisher=John Wiley and Sons, 2008 | isbn=9780471704102 | url=http://books.google.com/books?id=LvnNFyPAQyUC}}</ref>
'''ऍप्सिलन पॅगासाई''', जिसका [[बायर नामांकन|बायर नाम]] भी यही (ε Pegasi या ε Peg) है, [[पर्णिन अश्व तारामंडल]] का सब से रोशन [[तारा]] है। यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से [[सबसे रोशन तारों की सूची|८२वाँ सब से रोशन]] तारा है। इसकी पृथ्वी से देखी गई [[चमक]] ([[सापेक्ष कांतिमान|सापेक्ष कान्तिमान]]) +२.४ [[खगोलीय मैग्निट्यूड|मैग्नीट्यूड]] है। ऍप्सिलन पॅगासाई हमसे लगभग ७०० [[प्रकाश-वर्ष|प्रकाश वर्ष]] की दूरी पर स्थित है।<ref name="ref44pazeg">{{cite web | title=The brightest stars: discovering the universe through the sky's most brilliant stars | author=Fred Schaaf | publisher=John Wiley and Sons, 2008 | isbn=9780471704102 | url=http://books.google.com/books?id=LvnNFyPAQyUC}}</ref>


== अन्य भाषाओँ में ==
== अन्य भाषाओँ में ==
ऍप्सिलन पॅगासाई तारे को [[अंग्रेज़ी]] में "एनफ़" (Enif) भी कहते हैं, जो [[अरबी भाषा|अरबी]] के "अल-एनफ़" ({{Nastaliq|ur|الأنف}}) से लिया गया है, जिसका अर्थ "नाक" है।
ऍप्सिलन पॅगासाई तारे को [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] में "एनफ़" (Enif) भी कहते हैं, जो [[अरबी भाषा|अरबी]] के "अल-एनफ़" ({{Nastaliq|ur|الأنف}}) से लिया गया है, जिसका अर्थ "नाक" है।


== विवरण ==
== विवरण ==
ऍप्सिलन पॅगासाई K2 Ib [[तारों की श्रेणियाँ|श्रेणी]] का नारंगी [[महादानव तारा]] है, जिसका द्रव्यमान हमारे [[सूरज के द्रव्यमान]] का १० से ११ गुना और व्यास (डायामीटर) हमारे [[सूरज के व्यास]] का १५० गुना है। इसकी तारे की निहित चमक ([[निरपेक्ष कान्तिमान]]) सूरज की लगभग ६,७०० गुना है। इसका सतही तापमान ४,४६० [[कैल्विन]] अनुमानित किया गया है। खगोलशास्त्रियों ने अंदाज़ा लगाया है कि यह अपने जीवन के अंत में आ पहुँचा है और कुछ ही दसियों लाखों सालों में या तो एक [[महानोवा]] (सुपरनोवा) धमाके में ध्वस्त हो जाएगा या फिर एक सफ़ेद बौना बनकर जीवनकाल अंत करेगा। यह एक [[परिवर्ती तारा]] भी है जिसकी चमक +०.७ से +३.५ [[खगोलीय मैग्नीट्यूड|मैग्नीट्यूड]] के बीच बदलती है। इसकी वजह इसकी सतह से उठती भीमकाय लपटों को माना जाता है हालाँकि इसका पक्का कारण ज्ञात नहीं है।
ऍप्सिलन पॅगासाई K2 Ib [[तारों की श्रेणियाँ|श्रेणी]] का नारंगी [[महादानव तारा]] है, जिसका द्रव्यमान हमारे [[सौर द्रव्यमान|सूरज के द्रव्यमान]] का १० से ११ गुना और व्यास (डायामीटर) हमारे [[सौर अर्धव्यास|सूरज के व्यास]] का १५० गुना है। इसकी तारे की निहित चमक ([[निरपेक्ष कांतिमान|निरपेक्ष कान्तिमान]]) सूरज की लगभग ६,७०० गुना है। इसका सतही तापमान ४,४६० [[केल्विन|कैल्विन]] अनुमानित किया गया है। खगोलशास्त्रियों ने अंदाज़ा लगाया है कि यह अपने जीवन के अंत में आ पहुँचा है और कुछ ही दसियों लाखों सालों में या तो एक [[महानोवा]] (सुपरनोवा) धमाके में ध्वस्त हो जाएगा या फिर एक सफ़ेद बौना बनकर जीवनकाल अंत करेगा। यह एक [[परिवर्ती तारा]] भी है जिसकी चमक +०.७ से +३.५ [[खगोलीय मैग्निट्यूड|मैग्नीट्यूड]] के बीच बदलती है। इसकी वजह इसकी सतह से उठती भीमकाय लपटों को माना जाता है हालाँकि इसका पक्का कारण ज्ञात नहीं है।


== इन्हें भी देखें ==
== इन्हें भी देखें ==

21:55, 5 मार्च 2020 का अवतरण

ऍप्सिलन पॅगासाई पर्णिन अश्व तारामंडल में 'ε' के चिह्न द्वारा नामांकित तारा है

ऍप्सिलन पॅगासाई, जिसका बायर नाम भी यही (ε Pegasi या ε Peg) है, पर्णिन अश्व तारामंडल का सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ८२वाँ सब से रोशन तारा है। इसकी पृथ्वी से देखी गई चमक (सापेक्ष कान्तिमान) +२.४ मैग्नीट्यूड है। ऍप्सिलन पॅगासाई हमसे लगभग ७०० प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।[1]

अन्य भाषाओँ में

ऍप्सिलन पॅगासाई तारे को अंग्रेज़ी में "एनफ़" (Enif) भी कहते हैं, जो अरबी के "अल-एनफ़" (الأنف‎) से लिया गया है, जिसका अर्थ "नाक" है।

विवरण

ऍप्सिलन पॅगासाई K2 Ib श्रेणी का नारंगी महादानव तारा है, जिसका द्रव्यमान हमारे सूरज के द्रव्यमान का १० से ११ गुना और व्यास (डायामीटर) हमारे सूरज के व्यास का १५० गुना है। इसकी तारे की निहित चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) सूरज की लगभग ६,७०० गुना है। इसका सतही तापमान ४,४६० कैल्विन अनुमानित किया गया है। खगोलशास्त्रियों ने अंदाज़ा लगाया है कि यह अपने जीवन के अंत में आ पहुँचा है और कुछ ही दसियों लाखों सालों में या तो एक महानोवा (सुपरनोवा) धमाके में ध्वस्त हो जाएगा या फिर एक सफ़ेद बौना बनकर जीवनकाल अंत करेगा। यह एक परिवर्ती तारा भी है जिसकी चमक +०.७ से +३.५ मैग्नीट्यूड के बीच बदलती है। इसकी वजह इसकी सतह से उठती भीमकाय लपटों को माना जाता है हालाँकि इसका पक्का कारण ज्ञात नहीं है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Fred Schaaf. "The brightest stars: discovering the universe through the sky's most brilliant stars". John Wiley and Sons, 2008. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780471704102.