"ऍरिस (बौना ग्रह)": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Eris and dysnomia2.jpg|240px|thumb|[[हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी|हबल अंतरिक्ष दूरबीन]] द्वारा ली गई ऍरिस और डिस्नोमिया की तस्वीर - ऍरिस बड़ा वाला गोला है]]
'''ऍरिस''' हमारे [[सौर मण्डल]] का सब से बड़ा ज्ञात [[बौना ग्रह]] है। [[अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ]] द्वारा रखा गया इसका औपचारिक नाम "१३६११९ ऍरिस" है। ऍरिस हमारे सौर मण्डल में सूरज की परिक्रमा करती सभी ज्ञात [[खगोलीय वस्तुओं]] में से नौवी सबसे बड़ी वस्तु है। इसका व्यास (डायामीटर) २,३००-२,४०० किमी अनुमानित किया जाता है। इसका [[द्रव्यमान]] (मास) [[यम (बौना ग्रह)|यम]] (प्लूटो) से २७% ज़्यादा और [[पृथ्वी]] के द्रव्यमान का केवल ०.२७% है।
'''ऍरिस''' हमारे [[सौर मण्डल]] का सब से बड़ा ज्ञात [[बौना ग्रह]] है। [[अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ]] द्वारा रखा गया इसका औपचारिक नाम "१३६११९ ऍरिस" है। ऍरिस हमारे सौर मण्डल में सूरज की परिक्रमा करती सभी ज्ञात [[खगोलीय वस्तु]]ओं में से नौवी सबसे बड़ी वस्तु है। इसका व्यास (डायामीटर) २,३००-२,४०० किमी अनुमानित किया जाता है। इसका [[द्रव्यमान]] (मास) [[प्लूटो (बौना ग्रह)|यम]] (प्लूटो) से २७% ज़्यादा और [[पृथ्वी]] के द्रव्यमान का केवल ०.२७% है।


ऍरिस की खोज सन् २००५ में की गयी थी। यह एक [[वरुण-पार वस्तु]] है (यानि [[वरुण (ग्रह)|वरुण]] (नॅप्टयून) की [[कक्षा (भौतिकी)|कक्षा]] से भी बाहार है)। ऍरिस [[सूरज]] से बेहद दूर है और [[काइपर घेरे]] से भी बाहर एक [[बिखरे चक्र]] नाम के क्षेत्र में स्थित है। २०११ में यह सूरज से ९६.६ [[खगोलीय इकाई]] की दूरी पर था, जो प्लूटो से भी तीन गुना अधिक है। ऍरिस के इर्द-गिर्द इसका उपग्रह [[डिस्नोमिया (उपग्रह)|डिस्नोमिया]] परिक्रमा करता है। आज की तारीख़ में ऍरिस और डिस्नोमिया हमारे सौर मण्डल की सब से दूरी पर स्थित प्राकृतिक वस्तुएँ हैं।
ऍरिस की खोज सन् २००५ में की गयी थी। यह एक [[वरुण-पार वस्तुएँ|वरुण-पार वस्तु]] है (यानि [[वरुण (ग्रह)|वरुण]] (नॅप्टयून) की [[कक्षा (भौतिकी)|कक्षा]] से भी बाहार है)। ऍरिस [[सूर्य|सूरज]] से बेहद दूर है और [[काइपर घेरा|काइपर घेरे]] से भी बाहर एक [[बिखरा चक्र|बिखरे चक्र]] नाम के क्षेत्र में स्थित है। २०११ में यह सूरज से ९६.६ [[खगोलीय इकाई]] की दूरी पर था, जो प्लूटो से भी तीन गुना अधिक है। ऍरिस के इर्द-गिर्द इसका उपग्रह [[डिस्नोमिया (उपग्रह)|डिस्नोमिया]] परिक्रमा करता है। आज की तारीख़ में ऍरिस और डिस्नोमिया हमारे सौर मण्डल की सब से दूरी पर स्थित प्राकृतिक वस्तुएँ हैं।


== अन्य भाषाओँ में ==
== अन्य भाषाओँ में ==
ऍरिस को [[अंग्रेज़ी]] में "Eris" और डिस्नोमिया को अंग्रेज़ी में "Dysnomia" लिखते हैं। ऍरिस का नाम प्राचीन यूनानी धर्म की एक देवी, ऍरिस (Ἔρις), से लिया गया है जो विवाद और लड़ाई-झगड़े की देवी मानी जाती थीं।
ऍरिस को [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] में "Eris" और डिस्नोमिया को अंग्रेज़ी में "Dysnomia" लिखते हैं। ऍरिस का नाम प्राचीन यूनानी धर्म की एक देवी, ऍरिस (Ἔρις), से लिया गया है जो विवाद और लड़ाई-झगड़े की देवी मानी जाती थीं।


== कक्षा और परिक्रमा ==
== कक्षा और परिक्रमा ==
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== ऍरिस की बनावट ==
== ऍरिस की बनावट ==
ऍरिस की सतह का [[एल्बीडो]] (सफ़ेदपन या चमकीलापन) ०.८६ है, जो सौर मण्डल की किसी भी अन्य वस्तु से अधिक है, सिवाय [[शनि (ग्रह)|शनि]] के उपग्रह [[ऍनसॅलअडस (उपग्रह)|ऍनसॅलअडस]] के। वैज्ञानिक इसकी वजह यह बताते हैं के ऍरिस एक सूरज से अत्यंत दूर बहुत ही ठन्डे इलाक़े में है और उसकी सतह पर जमी हुई [[मीथेन]] गैस की चमकीली बर्फ़ हमेशा रहती है। इस रोशन छवि की वजह से अपनी पृथ्वी से गंभीर दूरी के बावजूद ऍरिस को साधारण ग़ैर-वैज्ञानिक लोग भी कुछ [[दूरबीन|दूरबीनों]] से देख सकते हैं।
ऍरिस की सतह का [[प्रकाशानुपात|एल्बीडो]] (सफ़ेदपन या चमकीलापन) ०.८६ है, जो सौर मण्डल की किसी भी अन्य वस्तु से अधिक है, सिवाय [[शनि (ग्रह)|शनि]] के उपग्रह [[ऍनसॅलअडस (उपग्रह)|ऍनसॅलअडस]] के। वैज्ञानिक इसकी वजह यह बताते हैं के ऍरिस एक सूरज से अत्यंत दूर बहुत ही ठन्डे इलाक़े में है और उसकी सतह पर जमी हुई [[मिथेन|मीथेन]] गैस की चमकीली बर्फ़ हमेशा रहती है। इस रोशन छवि की वजह से अपनी पृथ्वी से गंभीर दूरी के बावजूद ऍरिस को साधारण ग़ैर-वैज्ञानिक लोग भी कुछ [[दूरदर्शी|दूरबीनों]] से देख सकते हैं।


ऍरिस की सतह पर तापमान -२४३ से -२१७ डिग्री सेंटीग्रेड (यानि ३० से ५६ [[कैल्विन]]) अनुमानित किया गया है। ऍरिस की सतह भूरी है, जो की प्लूटो की लालिमा से भिन्न है। वैज्ञानिकों की सोच है के प्लूटो पर मीथेन की बर्फ़ टिक नहीं पाती और उसके नीचे के लाल रंगों वाले थोलिन नाम के पदार्थ नज़र आने लगते हैं। ऍरिस प्लूटो से अधिक सर्द है इसलिए मीथेन की बर्फ़ ऐसे थोलिनो को हमेशा एक भूरी रंग की बर्फीली चादर से ढके रखती है।
ऍरिस की सतह पर तापमान -२४३ से -२१७ डिग्री सेंटीग्रेड (यानि ३० से ५६ [[केल्विन|कैल्विन]]) अनुमानित किया गया है। ऍरिस की सतह भूरी है, जो की प्लूटो की लालिमा से भिन्न है। वैज्ञानिकों की सोच है के प्लूटो पर मीथेन की बर्फ़ टिक नहीं पाती और उसके नीचे के लाल रंगों वाले थोलिन नाम के पदार्थ नज़र आने लगते हैं। ऍरिस प्लूटो से अधिक सर्द है इसलिए मीथेन की बर्फ़ ऐसे थोलिनो को हमेशा एक भूरी रंग की बर्फीली चादर से ढके रखती है।


== इन्हें भी देखें ==
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* [[वरुण-पार वस्तुएँ]]
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* [[काइपर घेरा]]
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13:13, 5 मार्च 2020 का अवतरण

हबल अंतरिक्ष दूरबीन द्वारा ली गई ऍरिस और डिस्नोमिया की तस्वीर - ऍरिस बड़ा वाला गोला है

ऍरिस हमारे सौर मण्डल का सब से बड़ा ज्ञात बौना ग्रह है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा रखा गया इसका औपचारिक नाम "१३६११९ ऍरिस" है। ऍरिस हमारे सौर मण्डल में सूरज की परिक्रमा करती सभी ज्ञात खगोलीय वस्तुओं में से नौवी सबसे बड़ी वस्तु है। इसका व्यास (डायामीटर) २,३००-२,४०० किमी अनुमानित किया जाता है। इसका द्रव्यमान (मास) यम (प्लूटो) से २७% ज़्यादा और पृथ्वी के द्रव्यमान का केवल ०.२७% है।

ऍरिस की खोज सन् २००५ में की गयी थी। यह एक वरुण-पार वस्तु है (यानि वरुण (नॅप्टयून) की कक्षा से भी बाहार है)। ऍरिस सूरज से बेहद दूर है और काइपर घेरे से भी बाहर एक बिखरे चक्र नाम के क्षेत्र में स्थित है। २०११ में यह सूरज से ९६.६ खगोलीय इकाई की दूरी पर था, जो प्लूटो से भी तीन गुना अधिक है। ऍरिस के इर्द-गिर्द इसका उपग्रह डिस्नोमिया परिक्रमा करता है। आज की तारीख़ में ऍरिस और डिस्नोमिया हमारे सौर मण्डल की सब से दूरी पर स्थित प्राकृतिक वस्तुएँ हैं।

अन्य भाषाओँ में

ऍरिस को अंग्रेज़ी में "Eris" और डिस्नोमिया को अंग्रेज़ी में "Dysnomia" लिखते हैं। ऍरिस का नाम प्राचीन यूनानी धर्म की एक देवी, ऍरिस (Ἔρις), से लिया गया है जो विवाद और लड़ाई-झगड़े की देवी मानी जाती थीं।

कक्षा और परिक्रमा

ऍरिस को सूरज की एक पूरी परिक्रमा लेने में ५५७ साल लग जाते हैं। ऍरिस की कक्षा सौर मण्डल के चपटे चक्र से तिरछी है। परिक्रमा करता हुआ यह आधे समय के लिए उस चक्र से ऊपर उठ होता है और बाक़ी आधे समय के लिए नीचे आ जाता है। इसके परिक्रमा कक्ष का सौर मण्डल के चक्र से ४४ डिग्री का कोण है।

ऍरिस की बनावट

ऍरिस की सतह का एल्बीडो (सफ़ेदपन या चमकीलापन) ०.८६ है, जो सौर मण्डल की किसी भी अन्य वस्तु से अधिक है, सिवाय शनि के उपग्रह ऍनसॅलअडस के। वैज्ञानिक इसकी वजह यह बताते हैं के ऍरिस एक सूरज से अत्यंत दूर बहुत ही ठन्डे इलाक़े में है और उसकी सतह पर जमी हुई मीथेन गैस की चमकीली बर्फ़ हमेशा रहती है। इस रोशन छवि की वजह से अपनी पृथ्वी से गंभीर दूरी के बावजूद ऍरिस को साधारण ग़ैर-वैज्ञानिक लोग भी कुछ दूरबीनों से देख सकते हैं।

ऍरिस की सतह पर तापमान -२४३ से -२१७ डिग्री सेंटीग्रेड (यानि ३० से ५६ कैल्विन) अनुमानित किया गया है। ऍरिस की सतह भूरी है, जो की प्लूटो की लालिमा से भिन्न है। वैज्ञानिकों की सोच है के प्लूटो पर मीथेन की बर्फ़ टिक नहीं पाती और उसके नीचे के लाल रंगों वाले थोलिन नाम के पदार्थ नज़र आने लगते हैं। ऍरिस प्लूटो से अधिक सर्द है इसलिए मीथेन की बर्फ़ ऐसे थोलिनो को हमेशा एक भूरी रंग की बर्फीली चादर से ढके रखती है।

इन्हें भी देखें

  वा  
सौर मण्डल
सूर्यबुधशुक्रचन्द्रमापृथ्वीPhobos and Deimosमंगलसीरिस)क्षुद्रग्रहबृहस्पतिबृहस्पति के उपग्रहशनिशनि के उपग्रहअरुणअरुण के उपग्रहवरुण के उपग्रहनेप्चूनCharon, Nix, and Hydraप्लूटो ग्रहकाइपर घेराDysnomiaएरिसबिखरा चक्रऔर्ट बादल
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