"एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
→‎जीवन: Because her mother's name was that
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
image = Ms subbulakshmi 140x190.jpg|
image = Ms subbulakshmi 140x190.jpg|
birth_date = {{birth date|1916|9|16|mf=y}} |
birth_date = {{birth date|1916|9|16|mf=y}} |
birth_place = [[मदुरई]], [[मद्रास प्रेसीडेंसी]], [[ब्रिटिश भारत]] |
birth_place = [[मदुरई]], [[मद्रास प्रैज़िडन्सी|मद्रास प्रेसीडेंसी]], [[ब्रिटिश भारत के प्रेसीडेंसी और प्रांत|ब्रिटिश भारत]] |
spouse = [[त्यागराजन सदाशिवम|कल्कि सदाशिवम]] (१९४०-मृत्यु) |
spouse = [[त्यागराजन सदाशिवम|कल्कि सदाशिवम]] (१९४०-मृत्यु) |
dead=dead |
dead=dead |
death_date = {{death date and age|2004|12|11|1916|9|16|mf=y}} |
death_date = {{death date and age|2004|12|11|1916|9|16|mf=y}} |
death_place = [[चेन्नई]], [[तमिल नाडु]], [[भारत]]|
death_place = [[चेन्नई]], [[तमिल नाडु]], [[भारत]]|
awards = [[भारत रत्न]]
awards = [[भारत रत्‍न|भारत रत्न]]
}}
}}
[[File:M. S. Subbulakshmi.jpg|thumb|एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी ]]
[[File:M. S. Subbulakshmi.jpg|thumb|एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी ]]
श्रीमती '''मदुरै षण्मुखवडिवु सुब्बुलक्ष्मी''' ([[16 सितंबर]], [[1916]]-[[2004]]) [[कर्णाटक संगीत]] की मशहूर संगीतकार थीं। आप शास्तीय संगीत की दुनिया में '''एम. एस.''' अक्षरों से जानी जाती थी।
श्रीमती '''मदुरै षण्मुखवडिवु सुब्बुलक्ष्मी''' ([[१६ सितम्बर|16 सितंबर]], [[१९१६|1916-]][[२००४|2004]]) [[कर्नाटक संगीत|कर्णाटक संगीत]] की मशहूर संगीतकार थीं। आप शास्तीय संगीत की दुनिया में '''एम. एस.''' अक्षरों से जानी जाती थी।


== जीवन ==
== जीवन ==
श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी का जन्म [[१६ सितंबर]] [[१९१६]] को [[तमिलनाडु]] के [[मदुरै]] शहर में हुआ। आप ने छोटी आयु से संगीत का शिक्षण आरंभ किया और दस साल की उम्र में ही अपना पहला डिस्क रिकॉर्ड किया। इसके बाद आपनी मा [[शेम्मंगुडी श्रीनिवास अय्यर]] से [[कर्णाटक संगीत]] में, तथा [[पंडित नारायणराव व्यास]] से [[हिंदुस्तानी संगीत]] में उच्च शिक्षा प्राप्त की। आपने सत्रह साल की आयु में [[चेन्नई]] ही विख्यात 'म्यूज़िक अकाडमी' में संगीत कार्यक्रम पेश किया। इसके बाद आपने मलयालम से लेकर पंजाबी तक भारत की अनेक भाषाओं में गीत रिकॉर्ड किये।
श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी का जन्म [[१६ सितम्बर|१६ सितंबर]] [[१९१६]] को [[तमिल नाडु|तमिलनाडु]] के [[मदुरई|मदुरै]] शहर में हुआ। आप ने छोटी आयु से संगीत का शिक्षण आरंभ किया और दस साल की उम्र में ही अपना पहला डिस्क रिकॉर्ड किया। इसके बाद आपनी मा [[शेम्मंगुडी श्रीनिवास अय्यर]] से [[कर्नाटक संगीत|कर्णाटक संगीत]] में, तथा [[पंडित नारायणराव व्यास]] से [[हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत|हिंदुस्तानी संगीत]] में उच्च शिक्षा प्राप्त की। आपने सत्रह साल की आयु में [[चेन्नई]] ही विख्यात 'म्यूज़िक अकाडमी' में संगीत कार्यक्रम पेश किया। इसके बाद आपने मलयालम से लेकर पंजाबी तक भारत की अनेक भाषाओं में गीत रिकॉर्ड किये।


== अभिनय ==
== अभिनय ==
श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी ने कई फ़िल्मों में भी अभिनय किया। इनमें सबसे यादगार है [[१९४५]] के [[मीरा]] फ़िल्म में आपकी मुख्य भूमिका। यह फ़िल्म [[तमिल]] तथा [[हिन्दी]] में बनाई गई थी और इसमें आपने कई प्रसिद्ध [[मीरा भजन]] गाए।
श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी ने कई फ़िल्मों में भी अभिनय किया। इनमें सबसे यादगार है [[१९४५]] के [[मीरा बाई|मीरा]] फ़िल्म में आपकी मुख्य भूमिका। यह फ़िल्म [[तमिल]] तथा [[हिन्दी]] में बनाई गई थी और इसमें आपने कई प्रसिद्ध [[मीरा भजन]] गाए।


== प्रशंसा ==
== प्रशंसा ==
अनेक मशहूर संगीतकारों ने श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी की कला की तारीफ़ की है। [[लता मंगेशकर]] ने आपको 'तपस्विनी' कहा, [[उस्ताद बडे ग़ुलाम अली ख़ां]] ने आपको 'सुस्वरलक्ष्मी' पुकारा, तथा [[किशोरी आमोनकर]] ने आपको 'आठ्वां सुर' कहा, जो संगीत के सात सुरों से ऊंचा है। भारत के कई माननीय नेता, जैसे [[महात्मा गांधी]] और [[पंडित नेहरु]] भी आपके संगीत के प्रशंसक थे। एक अवसर पर महात्मा गांधी ने कहा कि अगर श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी 'हरि, तुम हरो जन की भीर' इस मीरा भजन को गाने के बजाय बोल भी दें, तब भी उनको वह भजन किसी और के गाने से अधिक सुरीला लगेगा। एम.एस.सुब्बालक्ष्मी को कला क्षेत्र में [[पद्म भूषण]] से [[१९५४]] में सम्मानित किया गया।
अनेक मशहूर संगीतकारों ने श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी की कला की तारीफ़ की है। [[लता मंगेशकर]] ने आपको 'तपस्विनी' कहा, [[बड़े ग़ुलाम अली ख़ान|उस्ताद बडे ग़ुलाम अली ख़ां]] ने आपको 'सुस्वरलक्ष्मी' पुकारा, तथा [[किशोरी आमोनकर]] ने आपको 'आठ्वां सुर' कहा, जो संगीत के सात सुरों से ऊंचा है। भारत के कई माननीय नेता, जैसे [[महात्मा गांधी]] और [[पंडित नेहरु]] भी आपके संगीत के प्रशंसक थे। एक अवसर पर महात्मा गांधी ने कहा कि अगर श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी 'हरि, तुम हरो जन की भीर' इस मीरा भजन को गाने के बजाय बोल भी दें, तब भी उनको वह भजन किसी और के गाने से अधिक सुरीला लगेगा। एम.एस.सुब्बालक्ष्मी को कला क्षेत्र में [[पद्म भूषण]] से [[१९५४]] में सम्मानित किया गया।


== [[संयुक्त राष्ट्र संघ]] में ==
== [[संयुक्त राष्ट्र|संयुक्त राष्ट्र संघ]] में ==
आप पहली भारतीय हैं जिन्होंने [[संयुक्त राष्ट्र संघ]] ([[:en:United Nations]]) की सभा में संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया, तथा आप पहली स्त्री हैं जिनको कर्णाटक संगीत का सर्वोत्तम पुरस्कार, [[संगीत कलानिधि]] प्राप्त हुआ। [[१९९८]]में आपको भारत का सर्वोत्तम नागरिक पुरस्कार, [[भारत रत्न]] प्रदान किया गया। [[संयुक्त राष्ट्र संघ]] सुब्बुलक्ष्मी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में, एक डाक टिकट जारी करेगा<ref>http://www.samacharjagat.com/news/international/ms-subbulakshmi-will-issue-stamps-to-commemorate-the-centenary-of-the-birth-of-the-united-nations-79179</ref>
आप पहली भारतीय हैं जिन्होंने [[संयुक्त राष्ट्र|संयुक्त राष्ट्र संघ]] ([[:en:United Nations]]) की सभा में संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया, तथा आप पहली स्त्री हैं जिनको कर्णाटक संगीत का सर्वोत्तम पुरस्कार, [[संगीत कलानिधि]] प्राप्त हुआ। [[१९९८]]में आपको भारत का सर्वोत्तम नागरिक पुरस्कार, [[भारत रत्‍न|भारत रत्न]] प्रदान किया गया। [[संयुक्त राष्ट्र|संयुक्त राष्ट्र संघ]] सुब्बुलक्ष्मी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में, एक डाक टिकट जारी करेगा<ref>http://www.samacharjagat.com/news/international/ms-subbulakshmi-will-issue-stamps-to-commemorate-the-centenary-of-the-birth-of-the-united-nations-79179</ref>


== जीवन लीला समापन ==
== जीवन लीला समापन ==
श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी का देहांत [[२००४]] में चेन्नैई में हुआ।
श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी का देहांत [[२००४]] में चेन्नैई में हुआ।
== पुरस्कार/सम्मान ==
== पुरस्कार/सम्मान ==
* [[1954]] में [[पद्मभूषण]]
* [[१९५४|1954]] में [[पद्म भूषण|पद्मभूषण]]
* [[1956]] में [[संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]]
* [[१९५६|1956]] में [[संगीत नाटक अकादमी|संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]]
* [[1968]] में [[संगीत कलानिधि]]
* [[१९६८|1968]] में [[संगीत कलानिधि]]
* [[1974]] में [[मैग्सेसे एवॉर्ड]]
* [[१९७४|1974]] में [[मैग्सेसे एवॉर्ड]]
* [[1975]] में [[पद्म-विभूषण]]
* [[१९७५|1975]] में [[पद्म-विभूषण]]
* [[1988]] में [[कालीदास सम्मा]]न
* [[१९८८|1988]] में [[कालीदास सम्मा]]न
* [[1990]] में [[इंदिरा गांधी एवॉर्ड]]
* [[१९९०|1990]] में [[इंदिरा गांधी एवॉर्ड]]
भारत रत्न से सम्मानित होने वाली पहली संगीतज्ञ
भारत रत्न से सम्मानित होने वाली पहली संगीतज्ञ



23:44, 3 मार्च 2020 का अवतरण

एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी
जन्म 16 सितम्बर 1916
मदुरई, मद्रास प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत
मौत दिसम्बर 11, 2004(2004-12-11) (उम्र 88)
चेन्नई, तमिल नाडु, भारत
जीवनसाथी कल्कि सदाशिवम (१९४०-मृत्यु)
पुरस्कार भारत रत्न
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}
एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी

श्रीमती मदुरै षण्मुखवडिवु सुब्बुलक्ष्मी (16 सितंबर, 1916-2004) कर्णाटक संगीत की मशहूर संगीतकार थीं। आप शास्तीय संगीत की दुनिया में एम. एस. अक्षरों से जानी जाती थी।

जीवन

श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी का जन्म १६ सितंबर १९१६ को तमिलनाडु के मदुरै शहर में हुआ। आप ने छोटी आयु से संगीत का शिक्षण आरंभ किया और दस साल की उम्र में ही अपना पहला डिस्क रिकॉर्ड किया। इसके बाद आपनी मा शेम्मंगुडी श्रीनिवास अय्यर से कर्णाटक संगीत में, तथा पंडित नारायणराव व्यास से हिंदुस्तानी संगीत में उच्च शिक्षा प्राप्त की। आपने सत्रह साल की आयु में चेन्नई ही विख्यात 'म्यूज़िक अकाडमी' में संगीत कार्यक्रम पेश किया। इसके बाद आपने मलयालम से लेकर पंजाबी तक भारत की अनेक भाषाओं में गीत रिकॉर्ड किये।

अभिनय

श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी ने कई फ़िल्मों में भी अभिनय किया। इनमें सबसे यादगार है १९४५ के मीरा फ़िल्म में आपकी मुख्य भूमिका। यह फ़िल्म तमिल तथा हिन्दी में बनाई गई थी और इसमें आपने कई प्रसिद्ध मीरा भजन गाए।

प्रशंसा

अनेक मशहूर संगीतकारों ने श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी की कला की तारीफ़ की है। लता मंगेशकर ने आपको 'तपस्विनी' कहा, उस्ताद बडे ग़ुलाम अली ख़ां ने आपको 'सुस्वरलक्ष्मी' पुकारा, तथा किशोरी आमोनकर ने आपको 'आठ्वां सुर' कहा, जो संगीत के सात सुरों से ऊंचा है। भारत के कई माननीय नेता, जैसे महात्मा गांधी और पंडित नेहरु भी आपके संगीत के प्रशंसक थे। एक अवसर पर महात्मा गांधी ने कहा कि अगर श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी 'हरि, तुम हरो जन की भीर' इस मीरा भजन को गाने के बजाय बोल भी दें, तब भी उनको वह भजन किसी और के गाने से अधिक सुरीला लगेगा। एम.एस.सुब्बालक्ष्मी को कला क्षेत्र में पद्म भूषण से १९५४ में सम्मानित किया गया।

संयुक्त राष्ट्र संघ में

आप पहली भारतीय हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ (en:United Nations) की सभा में संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया, तथा आप पहली स्त्री हैं जिनको कर्णाटक संगीत का सर्वोत्तम पुरस्कार, संगीत कलानिधि प्राप्त हुआ। १९९८में आपको भारत का सर्वोत्तम नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न प्रदान किया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ सुब्बुलक्ष्मी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में, एक डाक टिकट जारी करेगा[1]

जीवन लीला समापन

श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी का देहांत २००४ में चेन्नैई में हुआ।

पुरस्कार/सम्मान

भारत रत्न से सम्मानित होने वाली पहली संगीतज्ञ

हस्ताक्षर

बाहरी कडियां

अंग्रेज़ी में श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी के बारे में जालस्थल। यहां श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी के अनेक चित्र उपलब्ध हैं: [1]

  1. http://www.samacharjagat.com/news/international/ms-subbulakshmi-will-issue-stamps-to-commemorate-the-centenary-of-the-birth-of-the-united-nations-79179