"उल्फा": अवतरणों में अंतर

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अनुप चेतिया (जनरल सेक्रेटरी) (वर्तमान में बांग्लादेश सरकार की कस्टडी में है), प्रदीप गोगोई (वाइस चेयरमैन) (असम सरकार की कस्टडी में) खुद को क्रांतिकारी संगठन मानता है उल्फा उल्फा अपने-आप को भारत के खिलाफ सुंप्रभु और स्वतंत्र असम की स्थापना में संघर्षरत क्रांतिकारी राजनीतिक संगठन कहता है। उल्फा का कहना है कि असम कभी भी भारत का हिस्सा नहीं था। उल्फा का दावा है कि असम जिन ढ़ेर सारी मुश्किलों का सामना कर रहा है उनमें राष्ट्रीय पहचान सबसे प्रमुख समस्या है। इसलिए उल्फा स्वतंत्र दिमाग से संघर्षरत लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहा है। ऐस लोग जो नस्ल, जनजाति, जाति, धर्म और राष्ट्रीयता से प्रभावित नहीं हैं।
अनुप चेतिया (जनरल सेक्रेटरी) (वर्तमान में बांग्लादेश सरकार की कस्टडी में है), प्रदीप गोगोई (वाइस चेयरमैन) (असम सरकार की कस्टडी में) खुद को क्रांतिकारी संगठन मानता है उल्फा उल्फा अपने-आप को भारत के खिलाफ सुंप्रभु और स्वतंत्र असम की स्थापना में संघर्षरत क्रांतिकारी राजनीतिक संगठन कहता है। उल्फा का कहना है कि असम कभी भी भारत का हिस्सा नहीं था। उल्फा का दावा है कि असम जिन ढ़ेर सारी मुश्किलों का सामना कर रहा है उनमें राष्ट्रीय पहचान सबसे प्रमुख समस्या है। इसलिए उल्फा स्वतंत्र दिमाग से संघर्षरत लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहा है। ऐस लोग जो नस्ल, जनजाति, जाति, धर्म और राष्ट्रीयता से प्रभावित नहीं हैं।


जबकि भारत सरकार ने उल्फा को आतंकवादी संगठनों की श्रेणी में रखा है और प्रीवेंशन एक्ट के तहत उल्फा को प्रतिबंधित किया है। भारत ने उल्फा के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा संचालित ऑपरेशन बजरंग शुरू किया है। सरकार ने उल्फा पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी [[आईएसआई]] और बांग्लादेशी खुफिया एजेंसी [[डीजीएफआई]] से संपर्क बना भारत के विरुद्ध छद्म युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया है।
जबकि भारत सरकार ने उल्फा को आतंकवादी संगठनों की श्रेणी में रखा है और प्रीवेंशन एक्ट के तहत उल्फा को प्रतिबंधित किया है। भारत ने उल्फा के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा संचालित ऑपरेशन बजरंग शुरू किया है। सरकार ने उल्फा पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी [[इंटर-सर्विसेस इंटेलिजेंस|आईएसआई]] और बांग्लादेशी खुफिया एजेंसी [[डीजीएफआई]] से संपर्क बना भारत के विरुद्ध छद्म युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया है।


=== प्रमुख वारदातें ===
=== प्रमुख वारदातें ===
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== असम के अलगाववादी संगठनों की सूची ==
== असम के अलगाववादी संगठनों की सूची ==
असम में 35 से भी ज्यादा अलगाववादी संगठन हैं सक्रिय हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में आतंकी गतिविधियों को तेज करने के लिए हमेशा से ही साजिशें रचता रहा है। [[जम्मू-कश्मीर]] में घुसपैठियों को मदद देने के लिए बदनाम खुफिया एजेंसी बांग्लादेशी खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में सक्रिय विद्रोही संगठन उल्फा (युनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम) को संगठित करने का प्रयास जोर शोर से कर रही है।
असम में 35 से भी ज्यादा अलगाववादी संगठन हैं सक्रिय हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में आतंकी गतिविधियों को तेज करने के लिए हमेशा से ही साजिशें रचता रहा है। [[जम्मू और कश्मीर|जम्मू-कश्मीर]] में घुसपैठियों को मदद देने के लिए बदनाम खुफिया एजेंसी बांग्लादेशी खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में सक्रिय विद्रोही संगठन उल्फा (युनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम) को संगठित करने का प्रयास जोर शोर से कर रही है।


युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा)
युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा)

04:19, 3 मार्च 2020 का अवतरण

उल्फा या युनाइटेड लिबरेशन फ्रॉन्ट ऑफ असम (United Liberation Front of Asom) भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में सक्रिय एक प्रमुख आतंकवादी और उग्रवादी संगठन हैं। सशस्त्र संघर्ष के द्वारा असम को एक स्वतंत्र राज्य बनाना इसका लक्ष्य है। भारत सरकार ने इसे सन् १९९० में प्रतिबन्धित कर दिया और इसे एक 'आतंकवादी संगठन' के रूप में वर्गीकृत किया है।

परिचय एवं संक्षिप्त इतिहास

उत्तरपूर्वी भारत में सक्रिय ढ़ेर सारे आतंकवादी संगठनों में से एक आतंकवादी संगठन उल्फा है। उल्फा का पूरा नाम यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम है। लेकिन संगठन उल्फा के नाम से ही प्रचलित है। सैन्य संघर्ष के जरिए संप्रभु समाजवादी असम को स्थापित करने मकसद से भीमकान्त बुरागोहाँइ, राजीव राजकोँवर अर्फ अरबिन्द राजखोवा, गोलाप बरुवा उर्फ अनुप चेतिया, समिरण गोगई उर्फ प्रदीप गोगई, भद्रेश्वर गोहाँइ और परेश बरुवा ने 7 अप्रैल 1979 में शिवसागर के रंघर में उल्फा की स्थापना की। ऐसा माना जाता है कि 1986 में उल्फा का संपर्क नैशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन) और म्यांमार में सक्रिय संगठन काछिन रेबेल्स से हुआ। 1989 में इसे बांग्लादेश में कैंप लगाने की छूट मिल गई और 1990 के आते-आते उल्फा ने कई हिंसक वारदातों को अंजाम दिया। अमेरिकी गृह मंत्रालय ने अन्य संबंधित आंतकवादी संगठनों की सूची में उल्फा को भी शामिल किया है। संगठन के प्रमुख नेता परेश बरुवा (कमांडर-इन-चीफ), अरबिंद राजखोवा (चेयरमैन) अनुप चेतिया (जनरल सेक्रेटरी) (वर्तमान में बांग्लादेश सरकार की कस्टडी में है), प्रदीप गोगोई (वाइस चेयरमैन) (असम सरकार की कस्टडी में) खुद को क्रांतिकारी संगठन मानता है उल्फा उल्फा अपने-आप को भारत के खिलाफ सुंप्रभु और स्वतंत्र असम की स्थापना में संघर्षरत क्रांतिकारी राजनीतिक संगठन कहता है। उल्फा का कहना है कि असम कभी भी भारत का हिस्सा नहीं था। उल्फा का दावा है कि असम जिन ढ़ेर सारी मुश्किलों का सामना कर रहा है उनमें राष्ट्रीय पहचान सबसे प्रमुख समस्या है। इसलिए उल्फा स्वतंत्र दिमाग से संघर्षरत लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहा है। ऐस लोग जो नस्ल, जनजाति, जाति, धर्म और राष्ट्रीयता से प्रभावित नहीं हैं।

जबकि भारत सरकार ने उल्फा को आतंकवादी संगठनों की श्रेणी में रखा है और प्रीवेंशन एक्ट के तहत उल्फा को प्रतिबंधित किया है। भारत ने उल्फा के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा संचालित ऑपरेशन बजरंग शुरू किया है। सरकार ने उल्फा पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और बांग्लादेशी खुफिया एजेंसी डीजीएफआई से संपर्क बना भारत के विरुद्ध छद्म युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया है।

प्रमुख वारदातें

उल्फा वामपंथी विचारधारा को मानने वाला है और उसका संबध माओवादियों से भी है। ऐसे भी दावे किए जाते हैं कि उसके कई सदस्यों को पाकिस्तान में प्रशिक्षित किया गया है।

1990 में व्यवसायी लॉर्ड स्वराज पॉल के भाई सुरेंद्र पॉल की हत्या

1991 में रूसी इंजिनियर का अपहरण। बाद में अन्य लोगों के साथ उसकी हत्या

1997 में सामाजिक कार्यकर्ता और वरिष्ठ भारतीय कूटनीतिज्ञ का अपहरण कर हत्या

2000 में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी नगेन शर्मा की हत्या

1997 में असम गण परिषद के मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महन्त की हत्या की कोशिश

2003 में असम में कार्यरत बिहारी मजदूरों की हत्या

15 अगस्त 2004 में कुछ बच्चों समेत बम विस्फोट में 15 लोगों की हत्या

जनवरी 2007 में 62 हिंदी भाषियों विशेषकर बिहारी मजदूरों की हत्या

15 मार्च 2007 गुवाहाटी में बम ब्लास्ट 6 लोग घायल

असम के अलगाववादी संगठनों की सूची

असम में 35 से भी ज्यादा अलगाववादी संगठन हैं सक्रिय हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में आतंकी गतिविधियों को तेज करने के लिए हमेशा से ही साजिशें रचता रहा है। जम्मू-कश्मीर में घुसपैठियों को मदद देने के लिए बदनाम खुफिया एजेंसी बांग्लादेशी खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में सक्रिय विद्रोही संगठन उल्फा (युनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम) को संगठित करने का प्रयास जोर शोर से कर रही है।

युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा)

नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी)

युनाइटेड पीपुल्स डेमोक्रेटिक सॉलिडेरिटी (यूपीडीएस)

कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ)

डिमा हालिम डाओगा (डीएचडी)

कार्बी लांग्री नेशनल लिबरेशन फ्रंट (केएलएनएलएफ)

कार्बी नेशनल वॉलियंटर्स (केएनवी)

राभा नेशनल सिक्योरिटी फोर्स (आएनएसएनफ)

कोच राजवंशी लिबरेशन आर्गनाइजेशन (केआरएलओ)

हमार पीपुल्स कोन्वेशन (एचपीसी-डी)

कार्बी पीपुल्स फ्रंट (केपीएफ)

तिवा नेशनल रिवोल्यूशनरी फोर्स (टीएनआरएफ)

बिरसा कमांडो फोर्स (बीसीएफ)

बंगाली टाइगर फोर्स (बीटीएफ)

आदिवासी टाइगर फोर्स (एटीएफ)

आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी ऑफ असम (आनला)

गोरखा टाइगर फोर्स (जीटीएफ)

बराक वेली यूथ लिबरेशन फ्रंट (बीवीवाइएलएफ)

युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ बराक वेली

मुसलिम युनाइटेड लिबरेशन टाइगर्स ऑफ असम (मुल्टा)

मुसलिम युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (मुल्फा)

मुसलिम सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ असम (एमएससीएफ)

युनाइटेड लिबरेशन मिलिशिया ऑफ असम (उल्मा)

इसलामिक लिबरेशन आर्मी ऑफ असम (आईएलएफ)

मुसलिम वॉलंटियर फोर्स (एमवीएफ)

मुसलिम लिबरेशन आर्मी (एमएलए)

मुसलिम सिक्योरिटी फोर्स (एमएसएफ)

इसलामिक सेवक संघ (आइएसएफ)

इसलामिक युनाइटेड रिफॉर्मेशन प्रोटेस्ट ऑफ इंडिया (आईयूआरपीआई)

यूनाइटेड मुसलिम लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (यूएमएलएफए)

रिवोल्युशनरी मुसलिम कमांडोज (आरएमसी)

मुसलिम टाइगर फोर्स (एमटीएफ)

हरकत उल मुजाहिद्दीन

हरकत उल जेहाद

आदम सेना (एएस)

बाहरी कड़ियाँ


विश्व के प्रमुख आतंकवादी संगठन
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