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'''जलवायु विज्ञान''' [[भौतिक भूगोल]] की एक शाखा है जिसके अंतर्गत सम्पूर्ण पृथ्वी अथवा किसी स्थान विशेष की [[जलवायु]] का अध्ययन किया जाता है।
'''जलवायु विज्ञान''' (climatology) [[भौतिक भूगोल]] की एक शाखा है जिसके अंतर्गत सम्पूर्ण पृथ्वी अथवा किसी स्थान विशेष की [[जलवायु]] का अध्ययन किया जाता है।


भौतिक पर्यावरण के विभिन्न घटकों में जलवायु महत्वपूर्ण घटक है भौतिक भूगोल के विशेषज्ञ दिनेश कुमार गुर्जर ने जलवायु विज्ञान के महत्व को बताते हुए कहा है की जलवायु को प्रादेशिक विभिनता की कुंजी कहते हैं मानव एवं उसके भौतिक पर्यावरण के बीच होने वाली क्रिया प्रतिक्रिया के विश्लेषण से यह स्पष्ट हो जाता है कि मानव के क्रियाकलापों खान-पान रहन-सहन वेशभूषा बोलचाल एवं संस्कृति सभी पर जलवायु का स्पष्ट प्रभाव पड़ता है
भौतिक पर्यावरण के विभिन्न घटकों में जलवायु महत्वपूर्ण घटक है। जलवायु को प्रादेशिक विभिनता की कुंजी कहते हैं। मानव एवं उसके भौतिक पर्यावरण के बीच होने वाली क्रिया प्रतिक्रिया के विश्लेषण से यह स्पष्ट हो जाता है कि मानव के क्रियाकलापों खान-पान रहन-सहन वेशभूषा बोलचाल एवं संस्कृति सभी पर जलवायु का स्पष्ट प्रभाव पड़ता है।


दिनेश कुमार गुर्जर ने मौसम और जलवायु को अलग अलग माना और उनके अनुसार मौसम एक अल्पकालिक वायुमंडलीय दशाओं का घोतक होता है जबकि जलवायु किसी स्थान विशेष की दिन कालीन वायुमंडलीय दशाओं जैसे तापमान वायदा पवन आद्रता वर्षा आदि का औसत होता हैं
[[मौसम]] एक अल्पकालिक वायुमंडलीय दशाओं का घोतक होता है जबकि जलवायु किसी स्थान विशेष की दीर्घकालीन वायुमण्डलीय दशाओं जैसे [[तापमान]],, [[दाब]], [[पवन]], [[आर्द्रता]], [[वर्षा]] आदि का औसत होता है।


[[हंबोल]]ट ने पृथ्वी की अपने अक्ष पर झुकाव को क्लाइमा कहा, इसीलिए हंबोल्ट को जलवायु विज्ञान का पिता कहा जाता है।

दिनेश कुमार गुर्जर बताया की जलवायु को अंग्रेजी में क्लाइमेट कहते हैं जो कि कलाईमा में शब्द से बना है हंबोल्ट ने पृथ्वी की अपने अक्ष पर झुकाव को क्लाइमा आहा इसीलिए हंबोल्ट को जलवायु विज्ञान का पिता कहा जाता है





10:38, 1 मार्च 2020 का अवतरण

जलवायु विज्ञान (climatology) भौतिक भूगोल की एक शाखा है जिसके अंतर्गत सम्पूर्ण पृथ्वी अथवा किसी स्थान विशेष की जलवायु का अध्ययन किया जाता है।

भौतिक पर्यावरण के विभिन्न घटकों में जलवायु महत्वपूर्ण घटक है। जलवायु को प्रादेशिक विभिनता की कुंजी कहते हैं। मानव एवं उसके भौतिक पर्यावरण के बीच होने वाली क्रिया प्रतिक्रिया के विश्लेषण से यह स्पष्ट हो जाता है कि मानव के क्रियाकलापों खान-पान रहन-सहन वेशभूषा बोलचाल एवं संस्कृति सभी पर जलवायु का स्पष्ट प्रभाव पड़ता है।

मौसम एक अल्पकालिक वायुमंडलीय दशाओं का घोतक होता है जबकि जलवायु किसी स्थान विशेष की दीर्घकालीन वायुमण्डलीय दशाओं जैसे तापमान,, दाब, पवन, आर्द्रता, वर्षा आदि का औसत होता है।

हंबोलट ने पृथ्वी की अपने अक्ष पर झुकाव को क्लाइमा कहा, इसीलिए हंबोल्ट को जलवायु विज्ञान का पिता कहा जाता है।