"अमलतास": अवतरणों में अंतर

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[[File:Cassia fistula flowers in Bhopal (2).jpg|300px|thumb|left|अमलतास के फूल]]
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'''अमलतास''' [[English : golden shower, purging cassia, Indian laburnum, pudding-pipe tree] पीले फूलो वाला एक शोभाकर वृक्ष है।
'''अमलतास''' [[English : golden shower,<ref>{{PLANTS|id=CAFI3|taxon=Cassia fistula|accessdate=January 11, 2016}}</ref> purging cassia, Indian laburnum, pudding-pipe tree] पीले फूलो वाला एक शोभाकर वृक्ष है।


अमलतास को [[संस्कृत]] में व्याधिघात, नृप्रद्रुम इत्यादि, [[गुजराती]] में गरमाष्ठो, [[बांग्ला|बँगला]] में सोनालू तथा [[लैटिन]] में ''कैसिया फ़िस्चुला'' कहते हैं। [[हिन्दी शब्दसागर|शब्दसागर]] के अनुसार हिंदी शब्द अमलतास संस्कृत अम्ल (खट्टा) से निकला है।
अमलतास को [[संस्कृत]] में व्याधिघात, नृप्रद्रुम इत्यादि, [[गुजराती]] में गरमाष्ठो, [[बांग्ला|बँगला]] में सोनालू तथा [[लैटिन]] में ''कैसिया फ़िस्चुला'' कहते हैं। [[हिन्दी शब्दसागर|शब्दसागर]] के अनुसार हिंदी शब्द अमलतास संस्कृत अम्ल (खट्टा) से निकला है।

17:38, 13 फ़रवरी 2020 का अवतरण

अमलतास
Cassia fistula
Golden Shower Tree in bloom
Not evaluated (IUCN 3.1)
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: Plantae
विभाग: Magnoliophyta
वर्ग: Magnoliopsida
उपवर्ग: Rosidae
अश्रेणीत: Eurosids I
गण: Fabales
कुल: Fabaceae
उपकुल: Caesalpinioideae
वंश समूह: Cassieae
उपगणजाति: Cassiinae
वंश: Cassia
जाति: C. fistula
द्विपद नाम
Cassia fistula
L.
पर्यायवाची

Many, see text

फल
अमलतास के फूल

अमलतास [[English : golden shower,[1] purging cassia, Indian laburnum, pudding-pipe tree] पीले फूलो वाला एक शोभाकर वृक्ष है।

अमलतास को संस्कृत में व्याधिघात, नृप्रद्रुम इत्यादि, गुजराती में गरमाष्ठो, बँगला में सोनालू तथा लैटिन में कैसिया फ़िस्चुला कहते हैं। शब्दसागर के अनुसार हिंदी शब्द अमलतास संस्कृत अम्ल (खट्टा) से निकला है।

भारत में इसके वृक्ष प्राय: सब प्रदेशों में मिलते हैं। तने की परिधि तीन से पाँच कदम तक होती है, किंतु वृक्ष बहुत उँचे नहीं होते। शीतकाल में इसमें लगनेवाली, हाथ सवा हाथ लंबी, बेलनाकार काले रंग की फलियाँ पकती हैं। इन फलियों के अंदर कई कक्ष होते हैं जिनमें काला, लसदार, पदार्थ भरा रहता है। वृक्ष की शाखाओं को छीलने से उनमें से भी लाल रस निकलता है जो जमकर गोंद के समान हो जाता है। फलियों से मधुर, गंधयुक्त, पीले कलझवें रंग का उड़नशील तेल मिलता है।

गुण

आयुर्वेद में इस वृक्ष के सब भाग औषधि के काम में आते हैं। कहा गया है, इसके पत्ते मल को ढीला और कफ को दूर करते हैं। फूल कफ और पित्त को नष्ट करते हैं। फली और उसमें का गूदा पित्तनिवारक, कफनाशक, विरेचक तथा वातनाशक हैं फली के गूदे का आमाशय के ऊपर मृदु प्रभाव ही होता है, इसलिए दुर्बल मनुष्यों तथा गर्भवती स्त्रियों को भी विरेचक औषधि के रूप में यह दिया जा सकता है।

अफारा ,मुंह में पानी आना आदि लक्षणों में भी इसका उपयोग किया जाता है

चित्रदीर्घा

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ