"भीमगढ संजय सरोवर बांध": अवतरणों में अंतर
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'''भीमगढ संजय सरोवर बांध''' को [[छपारा]] के निकट भीमगढ़ गांव के निकट बनाया गया है में [[वैनगंगा नदी]] पर जल संसाधन विभाग द्वारा बनाया गया हैं। एशिया का सबसे बडा मिट्टी का बांधो में शुमार हैँ। इस बांध का जल भराव क्षमता 519.38 मीटर हैँ। इस बांध को आस-पास के क्षेत्रो में बिजली एवं सिचाई सुविधा हेतु स्थापित किया गया हैँ। बांध पर नौका विहार भी किया जा सकता हैँ बांध पर दूर-दूर से राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय पर्यटको का केन्द्र बिँदु हैँ। बांध का पानी [[सिवनी जिला]] के साथ ही [[बालाघाट जिला]] तक जाता हैँ। |
'''भीमगढ संजय सरोवर बांध''' को [[छपारा]] के निकट भीमगढ़ गांव के निकट बनाया गया है में [[वैनगंगा नदी]] पर जल संसाधन विभाग द्वारा बनाया गया हैं। एशिया का सबसे बडा मिट्टी का बांधो में शुमार हैँ। इस बांध का जल भराव क्षमता 519.38 मीटर हैँ। इस बांध को आस-पास के क्षेत्रो में बिजली एवं सिचाई सुविधा हेतु स्थापित किया गया हैँ। बांध पर नौका विहार भी किया जा सकता हैँ बांध पर दूर-दूर से राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय पर्यटको का केन्द्र बिँदु हैँ। बांध का पानी [[सिवनी जिला]] के साथ ही [[बालाघाट जिला]] तक जाता हैँ। |
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==लघु जलविद्युत परियोजना से बिजली उत्पादन== |
==लघु जलविद्युत परियोजना से बिजली उत्पादन== |
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[[चित्र:जल विद्युत परियोजना.jpg |thumb|right|300px|जल विद्युत परियोजना]] |
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बांध के निकट दायीं तट नहर के माध्यम से जल विद्युत उत्पादन केंद्र में एस टाइप फूल कैप्लन टरबाइन की 2 यूनिट टरबाइन स्थपित की गई है। जिसमे क्रमशः 1200+1200= 2400 किलोवॉट तक विद्युत उत्पादन रबी सीजन में होता है। पानी के कम ज्यादा बहाव से विद्युत उत्पादन में अंतर घट बड़ सकता है। यहाँ परियोजना भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण नई दिल्ली की वित्तीय सहायता से स्थापित किया गया है। जिसकी लागत 437.16332 लाख रुपये आयी है। इस विद्युत धुत केंद्र में टरबाइन से उत्पादित विद्युत का उपयोग मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपयोग किया जा रहा है। इस परियोजना की मॉनिटरिंग कार्यालय अभियंता (सिविल) सर्वेक्षण अनुसंधान लघु सूक्ष्म जल विद्युत परियोजना संभाग के अंतर्गत किया जा रहा है। |
बांध के निकट दायीं तट नहर के माध्यम से जल विद्युत उत्पादन केंद्र में एस टाइप फूल कैप्लन टरबाइन की 2 यूनिट टरबाइन स्थपित की गई है। जिसमे क्रमशः 1200+1200= 2400 किलोवॉट तक विद्युत उत्पादन रबी सीजन में होता है। पानी के कम ज्यादा बहाव से विद्युत उत्पादन में अंतर घट बड़ सकता है। यहाँ परियोजना भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण नई दिल्ली की वित्तीय सहायता से स्थापित किया गया है। जिसकी लागत 437.16332 लाख रुपये आयी है। इस विद्युत धुत केंद्र में टरबाइन से उत्पादित विद्युत का उपयोग मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपयोग किया जा रहा है। इस परियोजना की मॉनिटरिंग कार्यालय अभियंता (सिविल) सर्वेक्षण अनुसंधान लघु सूक्ष्म जल विद्युत परियोजना संभाग के अंतर्गत किया जा रहा है। |
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17:55, 31 दिसम्बर 2019 का अवतरण
भीमगढ़ बांध | |
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आधिकारिक नाम | Sanjay Srovar Dam |
स्थान | भीमगढ़ छपारा सिवनी जिला, मध्य प्रदेश |
निर्देशांक | 22°22′51″N 79°39′20″E / 22.38083°N 79.65556°Eनिर्देशांक: 22°22′51″N 79°39′20″E / 22.38083°N 79.65556°E |
संचालक | जल संसाधन विभाग, कार्यालय कार्यपालन यंत्री बांध केवलारी (छपारा) सिवनी जिला मध्य प्रदेश |
बाँध एवं उत्प्लव मार्ग | |
घेराव | वैनगंगा नदी |
जलाशय | |
बनाता है | जल संसाधन विभाग |
भीमगढ संजय सरोवर बांध को छपारा के निकट भीमगढ़ गांव के निकट बनाया गया है में वैनगंगा नदी पर जल संसाधन विभाग द्वारा बनाया गया हैं। एशिया का सबसे बडा मिट्टी का बांधो में शुमार हैँ। इस बांध का जल भराव क्षमता 519.38 मीटर हैँ। इस बांध को आस-पास के क्षेत्रो में बिजली एवं सिचाई सुविधा हेतु स्थापित किया गया हैँ। बांध पर नौका विहार भी किया जा सकता हैँ बांध पर दूर-दूर से राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय पर्यटको का केन्द्र बिँदु हैँ। बांध का पानी सिवनी जिला के साथ ही बालाघाट जिला तक जाता हैँ।
लघु जलविद्युत परियोजना से बिजली उत्पादन
बांध के निकट दायीं तट नहर के माध्यम से जल विद्युत उत्पादन केंद्र में एस टाइप फूल कैप्लन टरबाइन की 2 यूनिट टरबाइन स्थपित की गई है। जिसमे क्रमशः 1200+1200= 2400 किलोवॉट तक विद्युत उत्पादन रबी सीजन में होता है। पानी के कम ज्यादा बहाव से विद्युत उत्पादन में अंतर घट बड़ सकता है। यहाँ परियोजना भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण नई दिल्ली की वित्तीय सहायता से स्थापित किया गया है। जिसकी लागत 437.16332 लाख रुपये आयी है। इस विद्युत धुत केंद्र में टरबाइन से उत्पादित विद्युत का उपयोग मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपयोग किया जा रहा है। इस परियोजना की मॉनिटरिंग कार्यालय अभियंता (सिविल) सर्वेक्षण अनुसंधान लघु सूक्ष्म जल विद्युत परियोजना संभाग के अंतर्गत किया जा रहा है।
मुख्य नहर दायीं तट नहर
बांध में एक मात्र नहर दायीं तट नहर है। जो आगे जाकर अलग अलग भागो में जाकर छोटी छोटी नहरों में बांट गई है।
इस नहर से कान्हीवाड़ा,पलारी,केवलारी नैनपुर तक पानी पहुचता है।