"चम्बल परियोजना": अवतरणों में अंतर
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यह [[भारत]] की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं। इसके अंतर्गत चंबल नदी पर चार बांध - गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, कोटा,जवाहर सागर बनाए गए है । इस परियोजना से राजस्थान और मध्यप्रदेश मे सिंचाई और मिट्टी सरंक्षण हुआ है । इसकी सिंचाई क्षमता 5 लाख हेक्टेयर है। |
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== परियोजना का प्रारम्भ == |
== परियोजना का प्रारम्भ == |
05:22, 1 नवम्बर 2019 का अवतरण
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यह भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं। इसके अंतर्गत चंबल नदी पर चार बांध - गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, कोटा,जवाहर सागर बनाए गए है । इस परियोजना से राजस्थान और मध्यप्रदेश मे सिंचाई और मिट्टी सरंक्षण हुआ है । इसकी सिंचाई क्षमता 5 लाख हेक्टेयर है।
परियोजना का प्रारम्भ
राजस्थान में चम्बल घाटी परियोजना प्रारम्भ – १९५३-५४ राजस्थान का हिस्सा – ५० % गांधीसागर बांध – चम्बल परियोजना के प्रथम चरण में १९५९ में मध्यप्रदेश के चौरासीगढ़ स्थान के पास रामपुरा मानपुरा के पठारो के बीच निर्मित बांध कोटा सिंचाई बांध – कोटा ताप विद्युत घर स्थापित
चम्बल परियोजना भारत की नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना के अंतर्गत तीन बाँध, पाँच बिजलीघर और एक बड़ा बैराज़ बनाया गया है।
यह परियोजना मध्य प्रदेश व राजस्थान की सरकार का सयुंक्त उपक्रम है। चम्बल परियोजना के प्रथम चरण में 'गाँधी सागर बाँध', द्वितीय चरण में 'राणा प्रताप सागर बाँध' और तीसरे चरण में 'जवाहर सागर बाँध' बनाए गये थे।[1]
नदी
चम्बल मध्यप्रदेश में इंदौर जिले के जानापाव (महु) (विंध्यान क्षेत्र) नमक स्थान से निकलती है यह उत्तर दिशा की और बहती है
स्थान
मध्य प्रदेश एवं राजस्थान
उद्देश्य
इस परियोजना के माध्यम से ऊर्जा एवं कृषि सिंचाई के क्षेत्र में कार्य करना।
लाभान्वित होने वाले राज्य
राजस्थान , मध्यप्रदेश
सन्दर्भ
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