"रामदेव पीर": अवतरणों में अंतर
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'''रामदेव जी'''<ref>[http://hindi.webdunia.com/sanatan-dharma-mahapurush/ramapeer-114102900012_1.html रामदेव जी के पर्चे]</ref> [[राजस्थान]] के एक लोक देवता हैं। जिनकी पूजा सम्पूर्ण राजस्थान व म.प्र.सहित कई भारतीय राज्यों में की जाती है । इनकी समाधि -स्थल रामदेवरा (जिला जैसलमर) पर भाद्रपद माह में भव्य मेला लगता है , जहाँ पर देश के भर लाखों श्रद्धालु पहुँचते है । जैसे कि गुजराती मारवाड़ी बंगाली हर जात व हर समाज के लोग बाबा को बहुत मानते है। यहाँ सबसे ज्यादा महत्पूर्ण दिन भादवा की दूज मानी जाती है माना जाता है कि भादवा की दूज को बाबा रामदेव जी ने राजा अजमल जी के घर अवतार लिया था। तो दूज का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है और यहाँ चढावे के रूप में जो पैसे चढ़ाते है वो बाबा के वंसज 1800 तंवर वंस में बाट दिए जाते है। एक आदमी को हर महीने 20.000 से 25.000 रुपये बाबा के प्रसाद के रूप में दे दिए जाते है।ऐसा भी कहा जाता है कि बाबा ने समाधि ली ईसलिये यहां आरती नही की जाती पर बाबा के मंदिर में रोज 5 समय आरती होती है हिन्दू मान्यताओ के अनुसार आरती मंदिरो में होती है। |
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== इन्हें भी देखें == |
== इन्हें भी देखें == |
01:53, 23 अक्टूबर 2019 का अवतरण
रामदेव जी | |
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रुणिचा के शासक | |
उत्तरवर्ती | अजमल जी |
जन्म | भाद्रपद शुक्लदूज वि.स. 1462 उण्डू-काश्मीर,जिला बाड़मेर |
निधन | वि.स. 1515 रामदेवरा |
समाधि | रामदेवरा |
पिता | अजमल जी |
माता | मैणादेवी |
धर्म | हिन्दू |
रामदेव जी[1] राजस्थान के एक लोक देवता हैं। जिनकी पूजा सम्पूर्ण राजस्थान व म.प्र.सहित कई भारतीय राज्यों में की जाती है । इनकी समाधि -स्थल रामदेवरा (जिला जैसलमर) पर भाद्रपद माह में भव्य मेला लगता है , जहाँ पर देश के भर लाखों श्रद्धालु पहुँचते है । जैसे कि गुजराती मारवाड़ी बंगाली हर जात व हर समाज के लोग बाबा को बहुत मानते है। यहाँ सबसे ज्यादा महत्पूर्ण दिन भादवा की दूज मानी जाती है माना जाता है कि भादवा की दूज को बाबा रामदेव जी ने राजा अजमल जी के घर अवतार लिया था। तो दूज का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है और यहाँ चढावे के रूप में जो पैसे चढ़ाते है वो बाबा के वंसज 1800 तंवर वंस में बाट दिए जाते है। एक आदमी को हर महीने 20.000 से 25.000 रुपये बाबा के प्रसाद के रूप में दे दिए जाते है।ऐसा भी कहा जाता है कि बाबा ने समाधि ली ईसलिये यहां आरती नही की जाती पर बाबा के मंदिर में रोज 5 समय आरती होती है हिन्दू मान्यताओ के अनुसार आरती मंदिरो में होती है।