"ख़िलाफ़त": अवतरणों में अंतर

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पन्द्रवीं सदी से लेकर 1924 तक इस्लामी जगत पर उस्मानों (ऑटोमन तुर्क) का दबदबा बना रहा। मक्का पर उस्मानों का अधिकार हो गया। 1924 में तुर्की के शासक कमाल पाशा ने खिलाफ़त का अन्त कर दिया और तुर्की को एक गणराज्य घोषित कर दिया।
पन्द्रवीं सदी से लेकर 1924 तक इस्लामी जगत पर उस्मानों (ऑटोमन तुर्क) का दबदबा बना रहा। मक्का पर उस्मानों का अधिकार हो गया। 1924 में तुर्की के शासक कमाल पाशा ने खिलाफ़त का अन्त कर दिया और तुर्की को एक गणराज्य घोषित कर दिया।
==21 वी सदी में [[आईएसआईएस]] (2014 -वर्तमान)==
==21 वी सदी में [[आईएसआईएस]] (2014 -वर्तमान)==
[[आईएसआईएस]] (इस्रामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) ने 29 जून 2014 को अपने प्रमुख [[अबु बक्र अल-बगदाढी]] को एक नया 'खलीफा' घोषित किया हैं।<ref>{{cite web|title=इराक में 'इस्लामिक शासन', अल-बगदादी बना दुनिया के मुस्लिमों का 'खलीफर' |url=http://www.samaylive.com/international-naws-in-hindi/271830/Captured%20territory%20in%20Iraq,%20Syria%20as%20the%20new%20Islamic%20state%20ISIL.html |publisher=समय लाइव |date=३० जून २०॥४|accessdate=२६ जुलाई २०१४}}</ref><ref>{{cite web|title=आईएसआईएऐ ने बनाया इस्लामिक स्टेट, बगदादी खलीफा |url=http://www.livehindustan.com/news/videsh/international/article1-ISIS-Releases-New-Videos-Claims-Own-Islamic-State-2-2-434924.html |publisher=लाइव हळन्दुस्तान|date=३० जून २०१४|accessdate=२६ जुलाई ॠ०१४}}</ref>
[[आईएसआईएस]] (इस्रामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) ने 29 जून 2014 को अपने प्रमुख [[अबु बक्र अल-बगदाढी]] को एक नया 'खलीफा' घोषित किया हैं। मुस्लिम विद्वानों के अनुसार, आईएसआईएस एक इस्लाम विरोधी विचारधारा है और आईएसआईएस के द्वारा अपने प्रमुख के लिये ख़लीफ़ा शब्द की घोषणा को इस्लामिक जगत मे "ख़लीफा" शब्द के दुरूपयोग के तौर पर देखा जाता है। <ref>{{cite web|title=इराक में 'इस्लामिक शासन', अल-बगदादी बना दुनिया के मुस्लिमों का 'खलीफर' |url=http://www.samaylive.com/international-naws-in-hindi/271830/Captured%20territory%20in%20Iraq,%20Syria%20as%20the%20new%20Islamic%20state%20ISIL.html |publisher=समय लाइव |date=३० जून २०॥४|accessdate=२६ जुलाई २०१४}}</ref><ref>{{cite web|title=आईएसआईएऐ ने बनाया इस्लामिक स्टेट, बगदादी खलीफा |url=http://www.livehindustan.com/news/videsh/international/article1-ISIS-Releases-New-Videos-Claims-Own-Islamic-State-2-2-434924.html |publisher=लाइव हळन्दुस्तान|date=३० जून २०१४|accessdate=२६ जुलाई ॠ०१४}}</ref>


== सन्दर्भ ==
== सन्दर्भ ==

19:03, 10 सितंबर 2019 का अवतरण

इस्लाम की विजय यात्रा

मुहम्मद साहब की मृत्यु के बाद इस्लाम के प्रमुख को खलीफ़ा कहते थे। इस विचारधारा को खिलाफ़त कहा जाता है। इस्लामी मान्यता के अनुसार, ख़लीफ़ा को जनता द्वारा चुना जाता है अर्थात ख़लीफ़ा जनता का प्रतिनिधि व सेवक होता है। प्रथम चार ख़लीफ़ा इस्लामी सिद्धांतो के अनुसार थे और इन चारों ख़लीफाओं को राशिदुन (अबूबक्र, उमर, उस्मान तथा अली) कहते हैं। इस के बाद बादशाहों ने स्वयं को ख़लीफ़ा कहना शुरू कर दिया। उम्मयद, अब्बासी और फ़ातिमी खलीफा जो क्रमशः दमिश्क, बग़दाद और काहिरा से शासन करते थे, केवल नाममात्र के ख़लीफ़ा थे जबकि इनकी वास्तविकता राजतन्त्र था। इसी तरह इसके बाद उस्मानी (ऑटोमन तुर्क) खिलाफ़त आया।

मुहम्मद साहब के नेतृत्व में अरब बहुत शक्तिशाली हो गए थे। उन्होंने एक बड़े साम्राज्य पर अधिकार कर लिया था जो इससे पहले अरबी इतिहास में शायद ही किसी ने किया हो। खलीफ़ा बनने का अर्थ था - इतने बड़े साम्राज्य का मालिक। अतः इस पद को लेकर विवाद होना स्वाभाविक था।

राशिदुन (632-661)

प्रथम चार खलीफ़ाओं को राशिदुन (सही राह पर चर) खलीफ़ा भी कहते हैं। पहल॓ खलीफ़ा हज़रत अबु बकर थ॓ जो मुहम्म्द साहब के सबसे आरंभ के अनुयायियों में से एक थ॓। इनके बाद हज़रत उमर (उमर इब्न अल-खतब) खलीफा बने जिनके बाद हज़रत उस्मान के बाद अली खलीफा बने। हज़रत अली ने अपनी राजधानी मदीना से हटाकर कुफ़ा में स्थापित की थी।

उम्मयद (661-750)

उम्मयद पहला खलीफा वंश था। इसके खलीफ़ा वंशानुगत रूप से बने। इस समय इस्लामी साम्राज्य पूर्व की दिशा में सिन्ध और बलूचिस्तान तक फैल गया। ये सांसारिक और विलासी थे और मुहम्मद साहब (और क़ोर'आन) द्वारा बताए गए रास्तों से अलग रहे।

इसके बाद अब्बासियों का शासन आया।

अब्बासी

अब्बासियों ने बग़दाद से शासन किया। नौंवी सदी के अन्त तक उनकी शक्ति स्थानीय शासकों या अमीरों का हाथ चली गई थी। ग्यारहवीं सदी में उन्हीं के द्वारा निर्मित ग़ुलाम प्रथा (मामलुक) ने साम्राज्य को सैनिक रूप से कई भागों में बाँट लिया था। 1258 में मंगोलों के आक्रमण के कारण बगदाद का पतन हो गया पर उनकी एक शाखा ने काहिरा से अपना प्रभुत्व 1517 तक बनाया।

उस्मानी

पन्द्रवीं सदी से लेकर 1924 तक इस्लामी जगत पर उस्मानों (ऑटोमन तुर्क) का दबदबा बना रहा। मक्का पर उस्मानों का अधिकार हो गया। 1924 में तुर्की के शासक कमाल पाशा ने खिलाफ़त का अन्त कर दिया और तुर्की को एक गणराज्य घोषित कर दिया।

21 वी सदी में आईएसआईएस (2014 -वर्तमान)

आईएसआईएस (इस्रामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) ने 29 जून 2014 को अपने प्रमुख अबु बक्र अल-बगदाढी को एक नया 'खलीफा' घोषित किया हैं। मुस्लिम विद्वानों के अनुसार, आईएसआईएस एक इस्लाम विरोधी विचारधारा है और आईएसआईएस के द्वारा अपने प्रमुख के लिये ख़लीफ़ा शब्द की घोषणा को इस्लामिक जगत मे "ख़लीफा" शब्द के दुरूपयोग के तौर पर देखा जाता है। [1][2]

सन्दर्भ

  1. "इराक में 'इस्लामिक शासन', अल-बगदादी बना दुनिया के मुस्लिमों का 'खलीफर'". समय लाइव. ३० जून २०॥४. अभिगमन तिथि २६ जुलाई २०१४. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. "आईएसआईएऐ ने बनाया इस्लामिक स्टेट, बगदादी खलीफा". लाइव हळन्दुस्तान. ३० जून २०१४. अभिगमन तिथि २६ जुलाई ॠ०१४. |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ