"अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस": अवतरणों में अंतर
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१७ नवम्बर १९६५ को [[युनेस्को]] ने ८ सितम्बर को '''अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस''' (International Literacy Day) घोषित किया। इसको पहली बार १९६६ में मनाया गया। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामाजिक रूप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना है। यह उत्सव दुनियाभर में मनाया जाता है।<ref>[http://www.unesco.org/new/en/education/themes/education-building-blocks/literacy/advocacy/international-literacy-day/]</ref> |
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लगभग ७७.५ करोड़ युवा साक्षरता की कमी से प्रभावित हैं; अर्थात पाँच में से एक युवा अभी तक साक्षर नहीं है और इनमें से दो तिहायी महिलायें हैं।<ref>[http://www.uis.unesco.org/literacy/Pages/adult-youth-literacy-data-viz.aspx]</ref> ६.७ करोड़ बच्चे विद्यालयों तक नहीं पहुँचते और बहुत बच्चों में नियमितता का अभाव है अथवा बीच में छोड़ देते हैं।<ref>[http://stats.uis.unesco.org/unesco/TableViewer/chartView.aspx]</ref> |
लगभग ७७.५ करोड़ युवा साक्षरता की कमी से प्रभावित हैं; अर्थात पाँच में से एक युवा अभी तक साक्षर नहीं है और इनमें से दो तिहायी महिलायें हैं।<ref>[http://www.uis.unesco.org/literacy/Pages/adult-youth-literacy-data-viz.aspx]</ref> ६.७ करोड़ बच्चे विद्यालयों तक नहीं पहुँचते और बहुत बच्चों में नियमितता का अभाव है अथवा बीच में छोड़ देते हैं।<ref>[http://stats.uis.unesco.org/unesco/TableViewer/chartView.aspx]</ref> |
02:51, 8 सितंबर 2019 का अवतरण
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस | |
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अनुयायी | संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य देश |
तिथि | ८ सितम्बर |
आवृत्ति | वार्षिक |
१७ नवम्बर १९६५ को युनेस्को ने ८ सितम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day) घोषित किया। इसको पहली बार १९६६ में मनाया गया। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामाजिक रूप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना है। यह उत्सव दुनियाभर में मनाया जाता है।[1]
लगभग ७७.५ करोड़ युवा साक्षरता की कमी से प्रभावित हैं; अर्थात पाँच में से एक युवा अभी तक साक्षर नहीं है और इनमें से दो तिहायी महिलायें हैं।[2] ६.७ करोड़ बच्चे विद्यालयों तक नहीं पहुँचते और बहुत बच्चों में नियमितता का अभाव है अथवा बीच में छोड़ देते हैं।[3]