"जलकुंभी": अवतरणों में अंतर
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जल कुम्भी सबसे पहले भारत में बंगाल में अपने खुबसूरत फूलोंं और पत्तियों के आकार के कारण लाया गया था। भारत में इसे बंगाल का आतंक (Terror Of Bengal) भी कहा जाता है। |
जल कुम्भी सबसे पहले भारत में बंगाल में अपने खुबसूरत फूलोंं और पत्तियों के आकार के कारण लाया गया था। भारत में इसे बंगाल का आतंक (Terror Of Bengal) भी कहा जाता है। |
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यह पौधा रुके हुए जल मे सार्वाधिक वृध्दि करता है जो जल से ऑक्सीजन खीच लेता है जिसके परिणाम स्वरूप मछलियां मर जाती हैं। यह एक बहुत तेजी से फैलने वाला खरपतवार है। यह जैव विविधता ह्रास का भी एक कारण हैं जो अनेक जलीय प्रजातियो को अपनी उपस्थिति के कारण नष्ट कर देता हैं। यह कायिक प्रवर्धन तीव्र गति से होता है जो अल्प समय मैं ही सम्पूर्ण जलाश्य मे फ़ैल जाता है और उसे ढक् देता है इससे छुटकारा पाना बहौत कठिन है लकिन यह इस मायने मे उपयोगी है कि औद्धोगिक बहिस्त्राव द्वारा किए जाने वाले जल प्रदुषण को रोकने मे प्रभावी होता है ! |
यह पौधा रुके हुए जल मे सार्वाधिक वृध्दि करता है जो जल से ऑक्सीजन खीच लेता है जिसके परिणाम स्वरूप मछलियां मर जाती हैं। यह एक बहुत तेजी से फैलने वाला खरपतवार है। यह जैव विविधता ह्रास का भी एक कारण हैं जो अनेक जलीय प्रजातियो को अपनी उपस्थिति के कारण नष्ट कर देता हैं। यह कायिक प्रवर्धन तीव्र गति से होता है जो अल्प समय मैं ही सम्पूर्ण जलाश्य मे फ़ैल जाता है और उसे ढक् देता है इससे छुटकारा पाना बहौत कठिन है लकिन यह इस मायने मे उपयोगी है कि औद्धोगिक बहिस्त्राव द्वारा किए जाने वाले जल प्रदुषण को रोकने मे प्रभावी होता है !यह कायिक परवरधन दुरत गति से करता हुआ अल्प समय में ही पुरे जलाशय को ढका देता हैं! |
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11:37, 19 जुलाई 2019 का अवतरण
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (सितंबर 2018) स्रोत खोजें: "जलकुंभी" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
जल कुंभी (Water hyacinth) (Eichhornia crassipes) पानी में तैरने वाला एक प्रकार का पौधा है जो मूलत: अमेज़न का है लेकिन अब पूरे विश्व में फैल गया है।
जल कुम्भी सबसे पहले भारत में बंगाल में अपने खुबसूरत फूलोंं और पत्तियों के आकार के कारण लाया गया था। भारत में इसे बंगाल का आतंक (Terror Of Bengal) भी कहा जाता है। यह पौधा रुके हुए जल मे सार्वाधिक वृध्दि करता है जो जल से ऑक्सीजन खीच लेता है जिसके परिणाम स्वरूप मछलियां मर जाती हैं। यह एक बहुत तेजी से फैलने वाला खरपतवार है। यह जैव विविधता ह्रास का भी एक कारण हैं जो अनेक जलीय प्रजातियो को अपनी उपस्थिति के कारण नष्ट कर देता हैं। यह कायिक प्रवर्धन तीव्र गति से होता है जो अल्प समय मैं ही सम्पूर्ण जलाश्य मे फ़ैल जाता है और उसे ढक् देता है इससे छुटकारा पाना बहौत कठिन है लकिन यह इस मायने मे उपयोगी है कि औद्धोगिक बहिस्त्राव द्वारा किए जाने वाले जल प्रदुषण को रोकने मे प्रभावी होता है !यह कायिक परवरधन दुरत गति से करता हुआ अल्प समय में ही पुरे जलाशय को ढका देता हैं!
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इसे 'महाविपति'( वाटर हायासिंथ) के नाम से भी जाना जाता है।