"चकोतरा": अवतरणों में अंतर

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==चकोतरा के फायदे==
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* बुखार के लिए :- चकोतरा में प्राकृतिक रूप से किनीन होता है। जो मलेरिया बुखार में बहुत लाभदायक होता है। बुखार से छुटकारा पाने के लिए चकोतरा का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
* बुखार के लिए :- चकोतरा में प्राकृतिक रूप से किनीन होता है। जो मलेरिया बुखार में बहुत लाभदायक होता है। बुखार से छुटकारा पाने के लिए चकोतरा का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
* गठिया के लिए :- गठिया जैसी समस्याओं के लिए चकोतरा फल बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम होता है। जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद व गठिया रोग को दूर करता है
* गठिया के लिए :- गठिया जैसी समस्याओं के लिए चकोतरा फल बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम होता है। जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद व गठिया रोग को दूर करता है
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== सन्दर्भ ==
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[[श्रेणी:निम्बू-वंश]]
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चकोतरा
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पादप
अश्रेणीत: सपुष्पक (Angiosperms)
अश्रेणीत: युडिकॉट (Eudicots)
अश्रेणीत: रोज़िड (Rosids)
गण: सैपेनडालेज़​ (Sapindales)
कुल: रूटासीए (Rutaceae)
वंश: निम्बू-वंश (Citrus)
जाति: C. maxima
द्विपद नाम
Citrus maxima
मेरिल

चकोतरा निम्बू-वंश का एक फल है, जो उस वंश की सबसे बड़ी जातियों में से एक है। हालांकि निम्बू-वंश के बहुत से फल दो या उस से अधिक जातियों के संकर (हाइब्रिड) होते हैं, चकोतरा एक शुद्ध प्राकृतिक जाति है। इसके कच्चे फल का रंग हरा, और पके हुए का हल्का हरा या फिर पीला होता है। पूरा बड़ा होने पर इसके फल का व्यास (डायामीटर) १५-२५ सेमी और वज़न १ से २ किलोग्राम होता है। इसके स्वाद में खटास और कुछ मीठापन तो होता है, लेकिन कड़वाहट नहीं। चकोतरा मूलतः भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिणपूर्वी एशिया क्षेत्र की जन्मी हुई जाति है।[1]

दवाओं के साथ लेने में ख़तरा

वैसे तो चकोतरा स्वस्थ व्यक्तियों के लिए लाभदायक माना जाता है, लेकिन चकोतरे के रस में कुछ ऐसे रसायन हैं जो कुछ दवाओं का असर को कम कर देते हैं या उनसे मिलकर शरीर में हानिकारक रासायनिक यौगिक बना देते हैं:

  • टैमोक्सिफ़ेन (Tamoxifen) - यह एक कर्क रोग (कैन्सर) की दवा है और चकोतरा खाने से इसके प्रभाव में कमी आ सकती है।[2]
  • स्टैटिन (Statin) - यह कई प्रकारों व नामों से बिकने वाली कोलेस्टेरॉल कम करने की औषधि है जिसे हृदय रोग से बचने के लिए लिया जाता है। चकोतरा इसका प्रभाव कम करता है। कुछ स्टैटिन दवाएँ ऐसी हैं जिनपर चकोतरे का कोई असर नहीं होता।
  • कोडीन (Codeine) - यह दर्द और भारी ख़ासी से राहत देने की दवा है जिसका पीढ़ा-विरोधी प्रभाव चकोतरे से कम हो जाता है।
  • पैरासिटामोल (Acetaminophen / paracetamol) - चकोतरा खाने से रक्त में पैरासिटामोल का संकेंद्रण (कान्सेन्ट्रेशन) बढ़ सकता है। यह यकृत (लीवर) के लिए हानिकारक हो सकता है।[3]
  • ऐम्लोडीपीन / ऐम्लोगार्ड (Amlodipine / Amlogard) - चकोतरे से इस दवा का रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) कम करने का प्रभाव बिना चेतावनी के अचानक बढ़ सकता है, यानि रक्तचाप में अत्याधिक कमी आ सकती है।

यह कुछ ही दवाएँ हैं जिनपर चकोतरे का असर होता है। ऐसी और भी दवाएँ हैं जो इस सूची में शामिल नहीं।

चकोतरा के फायदे

  • बुखार के लिए :- चकोतरा में प्राकृतिक रूप से किनीन होता है। जो मलेरिया बुखार में बहुत लाभदायक होता है। बुखार से छुटकारा पाने के लिए चकोतरा का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
  • गठिया के लिए :- गठिया जैसी समस्याओं के लिए चकोतरा फल बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम होता है। जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद व गठिया रोग को दूर करता है
  • पांचन क्रिया ठीक रखने के लिए :- पांचनक्रिया को ठीक रखने चकोतरा अन्य फलो के मुकाबले हल्का होता है। जो आसानी से पेट में पच जाता है शरीर में पांचन किया को ठीक रखने में मदद करता है। जिससे पेट सम्बंधित अन्य विकार नहीं होता है।
  • बालो के लिए :- बालो को मजबूत व सुंदर बनाने में चकोतरा बहुत उपयोगी होती है। इसमें अधिक मात्रा में विटामिन सी और कई एंटी-ऑक्सीडेंट होते है जो बालो की जड़ो को मजबूत बनाने में मदद करते है।
  • कैंसर से बचाव :- कैंसर बहुत ही खतरनाक बीमारी होती है। चकोतरा में फ्लेवोनोइड भरपूर होते है। जो संक्रमण से लड़ने में सहायता करता है। कार्सिनोजन को शरीर से बाहर निकालता है। जो कैंसर रोग को पैदा करते है। विटामिन ए और फ्लेवोनोइड कैंसर से शरीर की रोकथाम करने में मदद करते है।
  • नींद को बढ़ावा देना :- नींद पूरी नहीं होना अनिद्रा जैसे समस्या उत्पन्न होती है। इन समस्याओं दूर करने के लिए चकोतरा का रस रोजाना पीना चाहिए। चकोतरा में ट्राईपटफान मौजूद होता है। जो नींद में आराम दिलाता है और अनिद्रा की समस्या को दूर करता है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Growing the granddaddy of grapefruit," SFGate.com, December 25, 2004
  2. Beverage JN, Sissung TM, Sion AM, Danesi R, Figg WD (Sep 2007). "CYP2D6 polymorphisms and the impact on tamoxifen therapy". Journal of Pharmaceutical Sciences 96 (9): 2224–31. doi:10.1002/jps.20892. PMID 17518364.
  3. Dasgupta A, Reyes MA, Risin SA, Actor JK (December 2008). "Interaction of white and pink grapefruit juice with acetaminophen (paracetamol) in vivo in mice". Journal of Medicinal Food 11 (4): 795–8. doi:10.1089/jmf.2008.0059. PMID 19053875.